प्रशासनिक गलती से सुपर ओवर का न होना
हाल ही में भारत और श्रीलंका के बीच खेली गई वनडे सीरीज़ के पहले मैच में एक अजीब घटना हुई। यह मुकाबला जब टाई हुआ, तो सभी ने उम्मीद की थी कि सुपर ओवर खेला जाएगा, मगर ऐसा नहीं हुआ। इस विषय पर काफी चर्चा हुई और अब एक रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो गया है कि यह सब मैच अधिकारियों की गलती का नतीजा था। मैच के दौरान मैदान में उपस्थित अंपायर जोएल विल्सन और रविंद्र विमलसिरी, मैच रेफरी रंजन मदुगले, टीवी अंपायर पॉल रीफेल और फोर्थ अंपायर रुचिरा पल्लियागुरुगे ने गलती से वनडे खेलने की शर्तों की गलत व्याख्या की थी।
ICC के नियमों की अवहेलना
ICC की वनडे खेलने की शर्तों के मुताबिक, अगर किसी मैच का परिणाम टाई होता है, तो सुपर ओवर खेला जाना चाहिए। हालांकि, इस मामले में भ्रम की स्थिति भी रही कि क्या इस सीरीज़ के लिए श्रीलंका क्रिकेट (SLC) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के बीच समझौता ज्ञापन में सुपर ओवर की अनुमति है या नहीं। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि टाई पर समाप्त होने वाले सभी वनडे मैचों में, समय और परिस्थितियों के अनुसार, सुपर ओवर खेला जाना चाहिए।
मैच की गुमराह करने वाली स्थिति
भारत बनाम श्रीलंका पहले वनडे के टाई होने के बाद, मैदानी अंपायर्स ने मैच खत्म होने का संकेत देने के लिए बेल्स हटाईं। इतनी बड़ी गलती के बावजूद, दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने सुपर ओवर ना होने के बारे में कोई सवाल नहीं उठाया और हाथ मिलाकर मैच समाप्त कर दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई और सवाल उठने लगे कि आखिरकार मैच का परिणाम सुपर ओवर से क्यों नहीं निकाला गया।
ICC के नवीनतम दिशा-निर्देश
दिसंबर 2023 में ICC की ओर से जारी किए गए वनडे अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के खेल शर्तों के नवीनतम संस्करण में कहा गया है कि अगर दोनों पारियों के बाद स्कोर बराबर होता है, तो सुपर ओवर खेला जाएगा। यह भी कहा गया है कि अगर सुपर ओवर भी बराबर होता है, तो विजेता का फैसला करने के लिए असाधारण परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और सुपर ओवर खेला जाएगा। अगर विजेता का निर्धारण करने के लिए आवश्यक सुपर ओवर खेलना या पूरा करना संभव नहीं है, तो मैच बराबर घोषित किया जाएगा।
आधिकारिक पदाधिकारियों की प्रतिक्रिया
मैच के वक्त, मादुगले, विल्सन और विमलसिरी ने किसी विशेष कारण की चर्चा न करते हुए, बाद में समीक्षा में यह माना कि उनसे गलती हो गई थी। सभी मैच पदाधिकारी मान चुके थे कि स्वरूपकों की खास स्थिति की सही व्याख्या नहीं हो सकी थी। इसलिए उन्होंने सीरीज के बाकी बचे हुए दो मैचों में यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया कि अगर टाई की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सुपर ओवर खेला जाएगा।
मैच का विवरण
पहले वनडे की बात करें, तो टीम इंडिया को 231 रन के लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अंतिम तीन ओवर में केवल पाँच रन की आवश्यकता थी, और उसके दो विकेट शेष थे। शिवम दुबे ने एक चौका लगाया, लेकिन 48वें ओवर में भारत ने लगातार विकेट गंवा दिए और परिणामस्वरूप मैच टाई हो गया। श्रीलंका की ओर से 48वां ओवर टीम के नवनियुक्त कप्तान चरित असालंका ने फेंका था।
भविष्य की दिशा
इस गलती के बाद, ICC और दोनों क्रिकेट बोर्ड्स ने यह सुनिश्चित करने के उपाय किए हैं कि ऐसे मौके भविष्य में न दुहराए जाएं। सुपर ओवर की आवश्यकता पर स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। खिलाड़ियों और प्रशंसकों के बीच स्पष्टता बनाए रखने के लिए इन नियमों को अच्छे तरीके से समझाना और पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
श्रीलंका ने तीन मैचों की सीरीज 2-0 से जीत ली है, लेकिन पहला मैच सभी के लिए एक सबक के रूप में रह जाएगा कि कैसे कभी-कभी असमान्य गलतियाँ बड़े परिणामों का कारण बन सकती हैं। इस घटना ने यह भी बताया कि क्रिकेट में प्रशासनिक पहलू कितने महत्वपूर्ण हैं और कैसे एक छोटी सी गलती बड़े विवाद का कारण बन सकती है।