परिचय
क्रिकेट में तेज गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ा खतरा विस्फोटक बल्लेबाज नहीं बल्कि इंजरी होती हैं। तेज गेंदबाजों को इंजरी का सबसे ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में महज 25 साल की उम्र में अगर आपको चार-चार फ्रैक्चर हो जाएं तो मानसिक तौर पर खिलाड़ी बहुत टूट जाता है। हालांकि, भारत के युवा तेज गेंदबाज शिवम मावी गिरकर फिर से उठने में यकीन रखते हैं और यही उनके जीवन का सिद्धांत है।
प्रारम्भिक करियर और संघर्ष
शिवम मावी ने साल 2018 में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बनकर अपनी छवि को मजबूत किया। अब तक उन्होंने भारतीय टीम के लिए केवल छह टी-20 मैच खेले हैं। यह संख्या और ज्यादा हो सकती थी अगर मावी बार-बार चोटिल न होते। मावी को अब तक चार स्ट्रेस फ्रैक्चर के अलावा घुटने में ग्रेड 2 इंजरी भी हुई है। इन चोटों की वजह से वे बहुत समय तक क्रिकेट से दूर रह चुके हैं, जिसके चलते उनको घरेलू क्रिकेट में भी संघर्ष करना पड़ा।
इंजरी से वापसी
मावी ने हाल ही में उत्तर प्रदेश टी-20 लीग के साथ लंबे समय बाद मैदान में वापसी की है। इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में मावी ने कहा, “मैंने बहुत लंबे समय बाद खेलना शुरू किया। आईपीएल के दौरान चोट लगने से मेरे रिहैब में देरी हुई। मेरी चोट उस जगह के करीब थी जहां मुझे स्ट्रेस फ्रैक्चर हुआ था। मैं पूरी तरह ठीक नहीं हुआ था और इसी कारण लखनऊ सुपर जायंट्स के कैंप में ट्रेनिंग करते हुए चोटिल हो गया। अब मैं फिट हूं और अच्छा महसूस कर रहा हूं। मैं अपनी रिदम वापस लाने की कोशिश कर रहा हूं।”
लक्ष्य और प्रेरणा
शिवम मावी ने अपनी इंजरी से वापसी के बारे में कहा, “मैं हार नहीं मानूंगा। मैं अभी बस दौड़ना चाहता हूं और गेंदबाजी करना चाहता हूं। मुझे कुछ और नहीं आता। आप इसे जुनून और प्यार कह सकते हैं, लेकिन मैं 25 साल की उम्र में हार कैसे मान सकता हूं। मेरे अंदर वह भूख है कि मैं तीनों फॉर्मेट में देश का प्रतिनिधित्व करूं। यही मेरी प्रेरणा है। गिरूंगा, उठूंगा और फिर से गिर कर उठूंगा।”
नेशनल क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग
मावी और उनके साथी कमलेश नागरकोटी पिछले कुछ समय से नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में साथ थे। वहाँ उन्होंने अपनी ट्रेनिंग को और मजबूती देने का प्रयास किया। ट्रेनिंग के दौरान वे शुभमन गिल, अर्शदीप सिंह, और अभिषेक शर्मा जैसे खिलाड़ियों की बात करते थे, जो अब भारतीय टीम का हिस्सा हैं। मावी ने कहा, “हम शुभमन गिल, अर्श, अभिषेक के बारे में बात कर रहे थे कि वो टीम इंडिया के लिए खेल रहे हैं और हमें इसकी खुशी है। उन्हें देखकर हमें प्रेरणा मिलती है। हमने एक-दूसरे से वादा किया कि हम बेहतर करेंगे।”
मावी का भविष्य
शिवम मावी का आत्मविश्वास और संघर्ष की भावना उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने चोट से उबरने के बाद अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखने का प्रण लिया है। उनका लक्ष्य है कि वे तीनों फॉर्मेट में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करें और अपने बेहतर प्रदर्शन के जरिए टीम इंडिया की सफलता में योगदान दें।
निष्कर्ष
शिवम मावी की कहानी हमें यह सिखाती है कि आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। चार फ्रैक्चर और कई इंजरी के बावजूद, मावी हार मानने वाले नहीं हैं। उनका कहना है कि वह फिर से उठेंगे और भारतीय क्रिकेट में अपनी जगह बनाने के लिए पूरी तैयारी में हैं। मावी की यह जिद और उनका जुझारू स्वभाव उन्हें न केवल एक सफल क्रिकेटर बनाता है बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी है।
मावी को आगे भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन उनकी दृढ़ता और मेहनत यह सुनिश्चित करती है कि वे हर बार और भी मजबूती के साथ वापसी करेंगे।