भारतीय टीम की शानदार जीत
पल्लीकेले में सीरीज के तीसरे और अंतिम टी20 मैच में भारत ने श्रीलंका के खिलाफ शानदार जीत दर्ज की और 3-0 से क्लीन स्वीप किया। मेजबान टीम को आखिरी दो ओवरों में सिर्फ 9 रन चाहिए थे। उसके छह विकेट बचे थे, लेकिन कप्तान सूर्यकुमार यादव के एक आश्चर्यजनक फैसले ने मैच को अप्रत्याशित मोड़ पर पहुंचा दिया।
अप्रत्याशित निर्णय
मोहम्मद सिराज के पास अभी एक ओवर बचा था और शिवम दुबे ने गेंदबाजी नहीं की थी, इसलिए सूर्यकुमार ने गेंद रिंकू सिंह को सौंपी। उन्होंने अपने 23 मैचों के टी20 करियर में कभी गेंदबाजी नहीं की थी। स्पिन के अनुकूल ट्रैक पर यह साहसिक कदम मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ। मैच के बाद सूर्यकुमार यादव ने रिंकू सिंह से 19वां ओवर कराने का कारण बताया।
फैसले की वजह
जीत के बाद सूर्यकुमार ने सोनी स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में अपने फैसले के बारे में बताया। उन्होंने कहा, “20वें ओवर का फैसला आसान था। मुश्किल फैसला 19वां ओवर का था। सिराज और कुछ अन्य गेंदबाजों के ओवर बचे हुए थे। लेकिन मुझे लगा कि रिंकू उस विकेट के लिए ज्यादा उपयुक्त है क्योंकि मैंने उन्हें गेंदबाजी करते देखा है और मैंने उन्हें नेट्स पर खूब अभ्यास कराया है। मुझे लगा कि यह सही है और इसीलिए मैंने यह फैसला लिया।”
तैयारी और भरोसा
सूर्यकुमार यादव ने कहा, “मुझे पता था कि 19वां ओवर हमेशा भारतीय क्रिकेट के लिए मुश्किल रहा है। इसलिए मैंने रिंकू को जिम्मेदारी दी। दाएं हाथ के गेंदबाज को खेलना बाएं हाथ के बल्लेबाज के लिए हमेशा मुश्किल होता है। उन्होंने अपने कौशल का शानदार इस्तेमाल किया और मेरा काम आसान कर दिया क्योंकि अब मेरे पास आगे एक और गेंदबाजी विकल्प है।”
मास्टरस्ट्रोक का परिणाम
19वें ओवर से पहले गेंद रिंकू सिंह के हाथों में देखकर हर कोई हैरान रह गया, लेकिन उन्होंने जल्द ही अपने कप्तान के भरोसे को सही साबित कर दिया। उनकी पहली डिलीवरी डॉट बॉल थी, जिसमें कुसल परेरा ने रिवर्स-स्लॉग का प्रयास किया। दूसरी गेंद पर रिंकू ने शॉर्ट ऑफ लेंथ डिलीवरी की और गेंद परेरा के बल्ले का टॉप एज लेकर वहीं खड़ी हो गई। रिंकू ने तेजी से ऑफ-साइड की ओर गए और कैच पकड़ा। इससे उन्हें पहला टी20 इंटरनेशनल विकेट मिला। रिंकू ने आखिरी डिलीवरी पर रमेश मेंडिस को आउट किया। उन्होंने ओवर में 3 रन दिए और 2 विकेट लिए।
अंतिम ओवर की चुनौती
श्रीलंका को अंतिम ओवर में छह रन की जरूरत थी। सूर्यकुमार ने आखिरी ओवर फेंकने का जिम्मा अपने ऊपर लिया। उन्होंने 2 विकेट लिए और 5 रन दिए। मैच सुपर ओवर में खींच गया। भारत ने सुपर ओवर में जीत हासिल की।
रिंकू की भूमिका
इस मैच को रिंकू सिंह की शानदार गेंदबाजी और सूर्यकुमार यादव की साहसिक कप्तानी के लिए याद किया जाएगा। यह मैच न केवल जीत के लिए बल्कि इसे संभव बनाने वाली रणनीति के लिए भी याद किया जाएगा। रिंकू सिंह ने अपने ओवर में शानदार प्रदर्शन किया और अपनी टीम को जीत की दहलीज पर ला खड़ा किया। सूर्यकुमार यादव का यह निर्णय एक मास्टरस्ट्रोक साबित हुआ जिसने श्रीलंका को हिला कर रख दिया।
सूर्यकुमार यादव की रणनीति
सूर्यकुमार यादव ने बताया कि वह रिंकू के गेंदबाजी कौशल से वाकिफ थे और उन्होंने नेट्स पर उनका सामना किया था। इसीलिए उन्होंने यह साहसिक निर्णय लिया। यह निर्णय न केवल मैच को भारत की ओर मोड़ने में सफल रहा बल्कि रिंकू सिंह को भी एक नया आत्मविश्वास प्रदान किया।
सुपर ओवर की गाथा
सुपर ओवर में भारत ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया और श्रीलंका को मात दी। रिंकू सिंह और सूर्यकुमार यादव ने मिलकर इस जीत को सुनिश्चित किया। इस मैच को भारतीय टीम की अदम्य भावना और साहसिक निर्णयों के लिए याद किया जाएगा।
इस प्रकार, यह महत्वपूर्ण है कि कप्तान और खिलाड़ियों के बीच आपसी विश्वास और समझ हो, जो टीम को कठिन समय में भी जीत की ओर ले जा सके। रिंकू सिंह और सूर्यकुमार यादव ने इसे बखूबी साबित किया और एक बेहतरीन उदाहरण स्थापित किया।