स्वप्निल कुसाले का ऐतिहासिक प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक 2024 का छठा दिन भारतीय खेल प्रशंसकों के लिए बेहद खास और गर्व का क्षण लेकर आया जब स्वप्निल कुसाले ने अद्वितीय प्रदर्शन के साथ भारत को ऐतिहासिक मेडल दिलाए। गुरुवार, 1 अगस्त को, स्वप्निल ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन इवेंट में फाइनल तक पहुंचकर और वहां से कांस्य पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। इससे भी अद्भुत बात यह रही कि भारत ने एक ही ओलंपिक में एक ही खेल में तीन कांस्य पदक जीते, जो अब तक के इतिहास में पहली बार हुआ।
एमएस धोनी के अनुयायी स्वप्निल कुसाले
बता दें कि स्वप्निल कुसाले को भारतीय शूटिंग रेंज का महेंद्र सिंह धोनी कहा जाता है। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान एमएस धोनी स्वप्निल के आदर्श हैं। ठीक धोनी की तरह, स्वप्निल भी रेल्वे में ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (TTE) के पद पर कार्यरत हैं। उनकी पोस्टिंग पुणे रेलवे डिवीजन में है। कई बार उन्होंने धोनी की बायोपिक देखी है और साक्षात्कार में वे कहते हैं, “मैं एमएस धोनी की शख्सियत से बेहद प्रभावित हूं। शूटिंग के खेल में भी मुझे उतना ही शांति, संयमित और धैर्यवान रहना होता है, जितना धोनी मैदान पर रहते हैं। मैं उनकी कहानी से प्रेरित होकर टीटीई बना हूं।”
स्वप्निल कुसाले का प्रारंभिक जीवन और संघर्ष
स्वप्निल कुसाले का जन्म 1995 में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता ने उन्हें महाराष्ट्र सरकार के खेलों के लिए समर्पित प्राथमिक कार्यक्रम, क्रीड़ा प्रबोधिनी में दाखिला दिलाया। एक साल की कठिन ट्रेनिंग के बाद उन्हें एक खेल चुनना था, और उन्होंने शूटिंग को चुना। 2009 में उनका शूटिंग में करियर शुरू हुआ। विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में मामूली अंतर से पदक से चूकने के बाद, अंततः पेरिस ओलंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया और देश का नाम रोशन किया।
अन्य अहम उपलब्धियां
स्वप्निल कुसाले की अन्य उपलब्धियों में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। 2023 में उन्होंने एशियाई चैंपियनशिप, कोरिया में देश के लिए ओलंपिक 2024 का कोटा हासिल किया। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में रजत पदक भी जीता।
2022 में हुई विश्व चैंपियनशिप, काहिरा में स्वप्निल ने 10 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक हासिल किया।
आईएसएसएफ विश्व कप, चांगवोन 2022 में उन्होंने व्यक्तिगत और पुरुष टीम स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक जीते।
2021 में, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स, चेंगदू में 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वप्निल ने स्वर्ण पदक जीता था।
पेरिस ओलंपिक में भारत के नाम 3 ब्रॉन्ज
इस ओलंपिक में भारत के नाम तीन ब्रॉन्ज मेडल आए हैं और तीनों की तीनों मेडल शूटिंग में ही प्राप्त हुए हैं । यह भारतीय खेल इतिहास में एक महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय घटना है। इस सफलता ने न सिर्फ स्वप्निल कुसाले को बल्कि पूरे देश को गर्वित किया है। स्वप्निल का संघर्ष, समर्पण और धोनी से प्रेरणा लेना उनके खेल को और भी ख़ास बनाता है।
आगे की राह
स्वप्निल कुसाले की इस सफलता ने भारतीय शूटिंग के मानकों को ऊँचाईयों पर पहुंचाया है। उनकी यह जीत न सिर्फ उनके करियर की बल्कि भारतीय शूटिंग के भविष्य के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। उनकी आगामी प्रतियोगिताओं में उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कैसे इन चुनौतियों का सामना करते हैं और देश के लिए और भी मेडल जीतते हैं।
इस प्रकार, स्वप्निल कुसाले ने अपने अभूतपूर्व प्रदर्शन और शूटिंग रेंज में अपनी अनूठी शांति एवं संयम से भारतीय खेल जगत में एक नई पहचान बनाई है। उनकी यह यात्रा प्रेरणादायक है और हमारे भविष्य के खिलाड़ियों के लिए एक मिशाल कायम करती है। पेरिस ओलंपिक में उनका यह प्रदर्शन न सिर्फ उनकी मेहनत बल्कि देश की उम्मीदों का भी प्रतिनिधित्व करता है और यह जीत भारतीय खेल जगत के लिए एक सुनहरा अध्याय जोड़ती है जिससे आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेंगी।