जय शाह की सफलता से असंतुष्ट ओल्ड पावर्स

लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के सचिव जय शाह के इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) का अगला अध्यक्ष बनने से वैश्विक क्रिकेट पर सकारात्मक असर पड़ेगा, जैसा कि भारतीय क्रिकेट पर पड़ा है। गावस्कर की यह टिप्पणी आईसीसी के चेयरमैन ग्रेग बार्कले की इस घोषणा के बाद आई है कि वे तीसरे कार्यकाल नहीं चाहेंगे।

गावस्कर ने स्पोर्टस्टार में लिखे अपने कॉलम में उन अटकलों पर सवाल उठाया कि शाह ने बार्कले को तीसरे कार्यकाल पर विचार न करने के लिए मजबूर किया। उन्होंने क्रिकेट के तथाकथित “ओल्ड पावर्स” की आलोचना की, जो नेतृत्व परिवर्तन से असंतुष्ट लग रहे थे। उन्होंने कहा कि ये आलोचक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर से नियंत्रण खोने से चिंतित हैं। उन्होंने इन ओल्ड पावर्स के लिए टॉल पोपी सिंड्रोम (Tall poppy syndrome) शब्द का इस्तेमाल किया। इस शब्द का मतलब है किसी व्यक्ति की सफलता के लिए आलोचना करना।

ओल्ड पावर्स की ईर्ष्या

गावस्कर ने यह स्पष्ट किया कि जय शाह की सफलता से “ओल्ड पावर्स” जलते हैं, क्योंकि वे जान गए हैं कि इंटरनेशनल क्रिकेट को वे नहीं चलाते। जय शाह के आईसीसी अध्यक्ष बनने से भारत की पुरुष और महिला क्रिकेट की तरह दुनियाभर के खिलाड़ियों को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि अगर ओल्ड पावर्स को लगता है कि बार्कले पर तीसरे टर्म के लिए विचार न करने के लिए दबाव बनाया गया तो फिर आईसीसी में उनके अपने प्रतिनिधि बैठक में क्या कर रहे थे? उन्होंने आपत्ति क्यों जताई? अगर कोई आपत्ति नहीं थी, तो अनावश्यक रूप से उंगली क्यों उठा रहे हैं। यह टॉल पोपी सिंड्रोम (Tall poppy syndrome) है।

भारतीय क्रिकेट की सफलता

पिछले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट ने जिस तरह से आगे बढ़ा है, वह भी बीसीसीआई और उसके प्रशासन की देन है। पुरुष और महिला दोनों ही टीमें जिस तरह का क्रिकेट खेल रही हैं, वह भी इस खेल के भारत में फलने-फूलने का एक बड़ा कारण है। अगर टीम जीत नहीं रही होती, तो प्रायोजक दूर रहते। खिलाड़ियों और प्रशासकों दोनों की शानदार टीमवर्क बताती है कि भारतीय क्रिकेट इतनी स्वस्थ स्थिति में क्यों है। यह हमेशा ऐसा ही रहे।

वैश्विक क्रिकेट में बदलाव

गावस्कर ने यह भी बताया कि यदि जय शाह आईसीसी के अध्यक्ष बनते हैं तो इसका केवल भारतीय क्रिकेट ही नहीं बल्कि वैश्विक क्रिकेट पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जय शाह की नेतृत्व क्षमता और उनका क्रिके्ट में अनुभव न केवल भारत के खिलाड़ियों बल्कि अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को भी फायदेमंद होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जय शाह की अध्यक्षता में सभी खिलाड़ियों को बेहतर अवसर, संरचना और समर्थन मिलेगा।

भविष्य का दृष्टिकोण

गावस्कर का मानना है कि जय शाह की नेतृत्व क्षमता और उनकी दूरदर्शी सोच आईसीसी के कामकाज में सुधार ला सकती है। इसके अलावा, जय शाह के पास भारतीय क्रिकेट में प्रशासनिक कार्यों को ठोस तरीके से निभाने का अनुभव है, जिससे यह उम्मीद की जा सकती है कि इंटरनेशनल क्रिकेट भी बेहतर हो सकेगा। उनके नेतृत्व में, क्रिकेट को न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि खेल की गुणवत्ता और इसे करने की प्रेरणा में भी सुधार देखने को मिलेगा।

इस प्रकार, गावस्कर ने जय शाह की संभावित आईसीसी अध्यक्षता का समर्थन करते हुए उनके नेतृत्व और योगदान को सराहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जय शाह की सफलता से जो लोग ईर्ष्या कर रहे हैं, उन्हें समझना होगा कि यह केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि क्रिकेट के पूरे साम्राज्य की जीत है।

गावस्कर की यह टिप्पणी क्रिकेट की राजनीतिक परिदृश्य को स्पष्ट रूप से उजागर करती है और यह दिखाती है कि कैसे एक सक्षम नेतृत्व खेल को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकता है। यह वक्त है कि ओल्ड पावर्स अपनी पिछली धारणाओं को छोड़कर नई सोच और नए नेतृत्व का स्वागत करें।

By IPL Agent

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