श्रीलंका के खिलाफ 27 जुलाई से शुरू होने वाले सीमित ओवरों के दौरे को लेकर एक नई नीति अपनाई गई है। भारतीय क्रिकेट टीम ने इस बार युवा खिलाड़ियों को मौका देने पर जोर दिया है, जिसमें कई चर्चित नाम सामने आए हैं। खासकर नया मुख्य कोच गौतम गंभीर के निर्देशन में चयनकर्ताओं ने आने वाले तीन साल को ध्यान में रखते हुए टीम का चयन किया है। इस नई नीति के तहत सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया है और नए चेहरों को खेलने का मौका मिला है, जो भारतीय क्रिकेट के भविष्य को सुनहरे पथ पर लेकर जाने का इरादा रखता है।

सूर्यकुमार यादव का टी20 में बढ़ता प्रभाव

हार्दिक पांड्या से पहले टी20 टीम की कप्तानी सूर्यकुमार यादव को सौंपी गई थी, जो एक बड़ा बदलाव था। अद्वितीय बल्लेबाजी कौशल और टी20 में उनकी उच्च स्ट्राइक-रेट ने उन्हें टी20 का प्रमुख खिलाड़ी बना दिया है। लेकिन वनडे क्रिकेट में उनकी स्थिति काफी अलग है। 37 वनडे मैचों में उन्होंने सिर्फ 25.76 के औसत से रन बनाए हैं। यह प्रदर्शन एक बड़ा चिंता का विषय है, खासकर वनडे वर्ल्ड कप 2023 में जहां भारतीय टीम को उनकी बल्लेबाजी से बड़ी उम्मीदें थीं। वनडे प्रारूप में पारी को गति देने की उनकी क्षमता अभी तक उतनी मजबूत नहीं दिखी है, जितनी टी20 में है।

चयन नीति में बदलाव और गंभीर की सोच

गौतम गंभीर के कोच बनने के बाद से भारतीय टीम में रो क्लियरिटी और चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। इससे पहले की चयन समिति में शायद यह दृष्टिकोण नहीं देखा गया था, लेकिन गंभीर ने इसे प्रमुखता दी है। नए चयनकर्ताओं ने इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए टीम चुनी है। खासकर चैंपियंस ट्रॉफी और अगले कुछ वनडे मैचों को देखते हुए, टीम ने उन खिलाड़ियों को चुना है जो गेंदबाजी भी कर सकते हैं, क्योंकि इससे टीम को गहराई मिलती है।

रियान पराग: डार्क हॉर्स की भूमिका

राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेटर रियान पराग इस दौरे का सबसे बड़ा सप्राइज़ पैक साबित हुए हैं। उन्हें टी20 और वनडे दोनों टीमों में जगह मिली है, जो एक बेहद महत्वपूर्ण निर्णय है। पराग का घरेलू क्रिकेट में प्रदर्शन बहुत प्रभावशाली रहा है। खासकर विजय हजारे ट्रॉफी में, उन्होंने नंबर 5 पर खेलते हुए लगातार अच्छी बल्लेबाजी की है और अपनी पारी को बिना किसी महत्वपूर्ण बदलाव के भी मोमेंटम प्रदान करने में सफल रहे हैं।

पराग की गेंदबाजी का महत्व

रियान पराग की चयन का एक बड़ा कारण उनकी गेंदबाजी भी है। उनकी गेंदबाजी में वैरायटी और उनकी क्षमता – चाहे वह नई गेंद से हो या पुरानी, पराग टीम को अतिरिक्त गहराई प्रदान करते हैं। भारतीय टीम के नजरिए से, उनके जैसे खिलाड़ी निचले क्रम में एक अमूल्य संपत्ति हो सकते हैं। मुश्किल परिस्थितियों में पारी को संभालने और गति देने की उनकी क्षमता ने चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया है।

टीम को संतुलित करने का प्रयास

भारतीय टीम अभी कई चुनौतियों का सामना कर रही है और टीम को संतुलित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गंभीर और चयनकर्ताओं ने नई रणनीति अपनाते हुए उन खिलाड़ियों को मौका दिया है, जो बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में योगदान कर सकते हैं। पराग का चयन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

आगे की योजना

आने वाले समय में भारतीय टीम को कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट खेलने हैं, जिनमें चैंपियंस ट्रॉफी और वनडे वर्ल्ड कप शामिल हैं। चयनकर्ताओं ने इस बात को ध्यान में रखते हुए योजना बनाई है कि कैसे टीम को और भी मजबूत बनाया जा सकता है। सूर्यकुमार यादव को वनडे टीम में जगह नहीं मिलना, इसी रणनीतिक बदलाव का हिस्सा है। चयनकर्ता नई संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं, जो टीम को और भी मजबूत बनाने के लिए संभव हों।

इस प्रकार यह नई नीति और चयनकर्ताओं की सोच भारतीय क्रिकेट के लिए नए द्वार खोल सकती है और हमें उम्मीद है कि यह नई रणनीति टीम को उच्चतम स्तर पर सफलता दिलाने में मदद करेगी।

By IPL Agent

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