परिचय
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट, जो पेरिस ओलंपिक के गोल्ड मेडल मैच से पहले डिस्क्वालिफाई हो गई थीं, वापस भारत लौट चुकी हैं। मानसिक तौर पर बहुत टूट चुकी विनेश का दिल्ली एयरपोर्ट पर शानदार स्वागत हुआ। लोग उनके नाम के जयकारे लगा रहे थे और उम्मीद जताई जा रही थी कि वे संन्यास से वापसी करेंगी। हालांकि, विनेश के पति सोमवीर राठी ने उनकी वापसी के संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की हैं।
फेडरेशन और समर्थन की कमी
विनेश फोगाट के पति सोमवीर राठी ने कहा कि अब वापसी बेहद मुश्किल है। उन्होंने बताया कि पेरिस में वे विनेश के साथ थे और वहीं से लौटे। सोमवीर ने कहा, “फेडरेशन और समर्थन की कमी हमारे सबसे बड़े अवरोधक हैं। हमने उस रात सोचा कि फेडरेशन हमारे साथ नहीं है, कोई हमारे साथ नहीं। हम किसके लिए खेलेंगे? खिलाड़ी को बैक सपोर्ट मिलता है वह हमारे पास नहीं है। एक अकेला आदमी खिलाड़ी नहीं बनता, उसे हर जगह साथ की जरूरत पड़ती है।”
संघर्ष और चुनौतियाँ
रेसलर सोमवीर राठी ने अपने बयान में कहा कि दो साल से जो हालात चल रहे हैं, वे सभी के सामने हैं। विनेश को हर जगह टक्कर मारनी पड़ती है। “कहां तक टक्कर मारेंगे? जितना उसने किया, उतना ही था। अब हमारे लिए नहीं हैं,” सोमवीर ने जोड़ा। उनका यह भी कहना है कि यदि फेडरेशन और सरकार का समर्थन मिलता, तो स्थिति अलग हो सकती थी।
संन्यास का सोच-समझ कर लिया गया फैसला
सोमवीर ने स्पष्ट किया कि विनेश ने भावनाओं में बहकर यह फैसला नहीं लिया है। यह सोच-समझकर लिया गया फैसला है। “विनेश के अंदर बहुत खेल बाकी है। वह 2032 तक खेलना चाहती थी। लेकिन उस रात हमने सोचा और यही फैसला लिया। यह हमारा आखिरी ओलंपिक नहीं है,” उन्होंने कहा।
लोगों की प्रतिक्रिया और उनके सवाल
भारत के लिए रेसलिंग कर चुके सोमवीर ने बताया कि जो लोग वापसी की उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें इस फैसले का कारण बताया जाएगा। सोमवीर ने कहा, “अभी हमने किसी को नहीं बताया कि हमने गेम छोड़ने का फैसला किया है। फिलहाल सबको लग रहा है कि भावनाओं में बहकर फैसला किया। लेकिन जब हम उन्हें समझाएंगे, तो वह समझ जाएंगे कि हमारे इस फैसले के पीछे का क्या कारण है।”
उस रात की कठिनाइयाँ
सोमवीर ने छह अगस्त की रात के हालात भी बयां किए। “उस समय हम बस यही सोच रहे थे कि कैसे भी करके वेट कर करें। देश का मेडल पक्का हो जाए। विनेश सबकुछ करने को तैयार थी। जो लोग वहां थे, उन्होंने सबकुछ किया। किसी ओर से कोई कमी नहीं रही। वह रात में बयां नहीं कर सकता,” उन्होंने कहा।
निष्कर्ष
विनेश फोगाट का संन्यास केवल एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं है, बल्कि यह अनेक चुनौतियों और संघर्षों की परिणति है। फेडरेशन और सरकार की ओर से समर्थन की कमी, मानसिक और भावनात्मक तनाव और सामाजिक अपेक्षाओं का दबाव, यह सभी कारक विनेश के इस निर्णय में शामिल हैं। वापसी की संभावना अभी भी है, लेकिन इसके लिए कई अप्रतिम परिस्थितियों को बदलने की जरूरत है। योग्य खिलाड़ी होने के बावजूद, फोगाट ने सशक्त मानसिकता और समर्थन की कमी के कारण इस निर्णय को लिया। भारतीय खेल समुदाय को यह विचार करना चाहिए कि इस तरह के टैलेंट्स को कैसे बेहतर समर्थन दिया जा सकता है।
जिस कठोर सच्चाई से सोमवीर राठी ने यह बयान दिया, वह इस बात का प्रमाण है कि खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य और संस्थागत समर्थन दोनों का कितना महत्वपूर्ण योगदान है। अगर हम वाकई चाहते हैं कि भारत वैश्विक खेल पटल पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करे, तो हमें इन चुनौतियों को गंभीरता से लेना होगा।