भारतीय क्रिकेट टीम के निवर्तमान बैटिंग कोच की राय
भारतीय क्रिकेट टीम के निवर्तमान बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ का मानना है कि रिंकू सिंह भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेल सकते हैं और उनमें टेस्ट क्रिकेटर बनने के सारे गुण मौजूद हैं। राठौड़ टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच थे और राहुल द्रविड़ के कोचिंग स्टाफ के प्रमुख सदस्यों में से एक थे। रिंकू सिंह ने जब भारत के लिए डेब्यू किया था, उस वक्त टीम इंडिया के बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ ही थे।
रिंकू सिंह की बल्लेबाजी का गहरा अध्ययन
विक्रम राठौड़ ने रिंकू सिंह की बल्लेबाजी को काफी करीब से देखा और उस आधार पर उन्होंने महसूस किया कि उनके पास भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने के सभी कौशल और तकनीकी निपुणता है। रिंकू ने सफेद गेंद के प्रारूप, खास तौर पर टी20आई में, एक फिनिशर के रूप में खुद को साबित किया है। रिंकू की यह कौशल उन्हें एक संभावित टेस्ट क्रिकेटर के रूप में और भी शानदार बनाते हैं।
पिछले दो सीजन में रिंकू की तरक्की
विक्रम राठौड़ ने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि पिछले दो सीजन में रिंकू सिंह सबसे ज्यादा तरक्की करने वाले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत के लिए 2 वनडे और 20 टी20आई मुकाबले खेले हैं। हालांकि वह नेशनल टीम में नियमित खिलाड़ी नहीं हैं, लेकिन छोटे प्रारूप में वह शानदार फिनिशर हैं और उनका औसत 54.70 का है। वहीं प्रथम श्रेणी में उनका औसत 69 का है जो काफी शानदार है। राठौड़ ने कहा कि जब मैं रिंकू सिंह को नेट्स में बल्लेबाजी करते हुए देखता हूं, तो मुझे कोई तकनीकी खामी उनमें नजर नहीं आती है जिससे कि ये कहा जा सके कि वो टेस्ट बल्लेबाज नहीं बन सकते।
प्रथम श्रेणी के रिकॉर्ड और संभावनाएं
राठौड़ ने आगे कहा कि मैं समझता हूं कि उन्होंने टी20 क्रिकेट में एक शानदार फिनिशर के रूप में अपनी पहचान बनाई है, लेकिन अगर आप उनके प्रथम श्रेणी के रिकॉर्ड को देखें, तो उनका औसत 50 से ऊपर है। यही नहीं, उनका स्वभाव भी काफी शांत है और इसलिए ये सभी कारक संकेत देते हैं कि अगर उन्हें मौका दिया जाए, तो वे एक टेस्ट क्रिकेटर के रूप में विकसित हो सकते हैं।
रिंकू सिंह के गणना और आँकड़े
रिंकू सिंह के क्रिकेट करियर की बात करें तो 20 टी20I मैचों में उन्होंने 176.27 के स्ट्राइक-रेट से 416 रन बनाए हैं, जिसमें उनके नाम 2 अर्द्धशतक हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में उन्हें टेस्ट प्रारूप में मौका मिलेगा या नहीं। रिंकू सिंह की इस सफलता और उनकी अद्भुत क्षमता ने उन्हें कई क्रिकेट विशेषज्ञों की नजरों में ला दिया है, जो उनकी परीक्षण क्षमता को महत्वपूर्ण मानते हैं।
बैकअप के रूप में विविधता
राठौड़ ने अतिरिक्त जानकारी देते हुए कहा कि रिंकू सिंह का स्वभाव उन्हें एक आदर्श बैकअप खिलाड़ी बनाता है जो कि टेस्ट क्रिकेट में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। राठौड़ ने यह भी जोड़ते हुए कहा कि भारतीय टीम को एक ऐसे खिलाड़ी की जरूरत होती है जो हर प्रकार के प्रारूप में खेल सके और रिंकू इस रोल को अच्छे से निभा सकते हैं।
आने वाले समय की चुनौतियां
टेस्ट क्रिकेट में रिंकू सिंह की प्रविष्टि के लिए मुख्य चुनौती यह होगी कि वह खुद को नेशनल सेलेक्टर्स के सामने कैसे प्रस्तुत करते हैं। आगामी घरेलू सीजन और प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैचों में उनके प्रदर्शन से यह तय होगा कि वह टेस्ट टीम में जगह बनाने में सफल होते हैं या नहीं। टेस्ट क्रिकेटर बनने के लिए जोरदार मेहनत और निरंतरता की आवश्यकता होती है, और इसमें रिंकू सिंह का धैर्य और तकनीकी कौशल महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
निष्कर्ष
रिंकू सिंह के टेस्ट क्रिकेट में खेलने की संभावनाएं और उनके प्रदर्शन की समीक्षा करना हमें यह समझाता है कि भारतीय क्रिकेट के लिए वह एक अमूल्य रत्न हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनकी संभावित प्रविष्टि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर का एक महत्वपूर्ण कदम होगी बल्कि टीम इंडिया को भी मजबूत बनाएगी। विक्रम राठौड़ की राय और उनके आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि रिंकू सिंह को टेस्ट क्रिकेट में मौका मिलना चाहिए, और यह देखना रोमांचक होगा कि वह इस मौके को कैसे भुनाते हैं।