भारत के पूर्व क्रिकेटरों पर दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाने का आरोप

भारत के पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह, हरभजन सिंह, सुरेश रैना और गुरकीरत मान एक अनचाहे विवाद में घिर गए हैं। उनके खिलाफ कथित तौर पर दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाने के आरोप में पुलिस शिकायत दर्ज कराई गई है। यह विवाद उनके इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट की गई एक रील के कारण हुआ है, जिसमें वे अभिनेता विक्की कौशल की आगामी फिल्म बैड न्यूज के वायरल गाने ‘तौबा-तौबा’ की धुन पर लंगड़ाते हुए नजर आ रहे थे।

क्रिकेटर्स की हास्यपूर्ण प्रस्तुति और प्रतिक्रिया

क्रिकेटर्स ने हाल ही में संपन्न वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था और उसके बाद अपनी स्थिति को हास्यपूर्ण तरीके से इस रील के माध्यम से प्रदर्शित किया। युवराज, हरभजन, रैना और गुरकीरत ने इस रील को साझा किया, जिसके बाद इंस्टाग्राम पर इसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। यहाँ तक कि खुद विक्की कौशल ने भी पोस्ट पर हंसी वाले इमोजी के साथ कमेंट किया था।

मानसी जोशी की नाराजगी और हरभजन की माफी

हालांकि, इस पोस्ट को भारत की पैरा-बैडमिंटन स्टार मानसी जोशी ने नाकारात्मक रूप में लिया और उन्होंने दिव्यांग लोगों का मजाक उड़ाने के लिए इस रील की आलोचना की। मानसी जोशी की आलोचना के बाद, हरभजन सिंह ने तुरंत रील हटा ली और अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर माफी मांगी। उन्होंने कहा, “यदि किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं खेद प्रकट करता हूँ।”

एनसीपीईडीपी द्वारा पुलिस में शिकायत

इस मामले को लेकर विवाद यहीं नहीं रुक पाया। राष्ट्रीय विकलांग रोजगार संवर्धन केंद्र (एनसीपीईडीपी) के कार्यकारी निदेशक अरमान अली ने नई दिल्ली के अमर कॉलोनी पुलिस स्टेशन के एसएचओ के समक्ष उक्त क्रिकेटर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत की गंभीरता और कानूनी आरोप

अरमान अली ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि यह वीडियो भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 का एक स्पष्ट उल्लंघन है, जो प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान के साथ जीवन जीने के अधिकार की गारंटी देता है। उन्होंने कहा कि यह विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 92 का भी उल्लंघन करता है और निपुण मल्होत्रा बनाम सोनी पिक्चर्स फिल्म्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (2004 एससीसी ऑनलाइन एससी 1639) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है।

सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग

अरमान ने अधिकारियों से क्रिकेटर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने कहा, “उन्हें (क्रिकेटर्स को) उनके कार्यों के लिए दंडित किया जाना चाहिए।”

मेटा इंडिया के भी खिलाफ शिकायत

इस मामले में सिर्फ क्रिकेटर्स ही नहीं, बल्कि मेटा इंडिया की उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक संध्या देवनाथन को भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस तरह की सामग्री पोस्ट करने की अनुमति देकर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 का उल्लंघन करने के लिए शिकायत में नामित किया गया है।

समाज में सोशल मीडिया की जिम्मेदारी

यह मामला यह भी दर्शाता है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पोस्ट की गई सामग्री किस प्रकार समाज में अलग-अलग प्रभाव डाल सकती है। क्या यह सही है कि सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर ऐसी सामग्री पोस्ट की जाए, जो किसी वर्ग विशेष को आहत कर सकती है? मेटा इंडिया जैसी बड़ी कंपनियों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड की गई सामग्री सोशल और संवेदनशील मुद्दों का ध्यान रखे।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर, यह मामला देश में सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव और जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह न केवल क्रिकेटर्स बल्कि सभी लोगों को सोचने पर मजबूर करता है कि वे जो कुछ भी पोस्ट करते हैं उसका सामाजिक दृष्टिकोण से क्या मतलब निकल सकता है। इस विवाद का सच सामने आने के बाद ही पता चलेगा कि इस पर क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं और इससे समाज में क्या बदलाव होते हैं।

By IPL Agent

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