सेमीफाइनल में निराशाजनक हार
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम का फाइनल तक का सफर नहीं हो सका। सेमीफाइनल मुकाबले में भारत जर्मनी के खिलाफ 3-2 से हार गई। यह भारतीय टीम के लिए एक और निराशाजनक ओलंपिक हर्फ है, क्योंकि लगातार दूसरी बार फाइनल में जगह बनाने में वे असफल रहे हैं। इसके साथ ही अब भारत का फाइनल में पहुंचने का 44 साल का इंतजार और बढ़ गया है। भारतीय टीम अब 8 अगस्त को स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला खेलेगी।
सेमीफाइनल में भारतीय प्रदर्शन
भारतीय टीम की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (7वें मिनट) और सुखजीत सिंह (36वें मिनट) ने गोल किए, जबकि जर्मनी के पेइलाट गोंजालो (18वें मिनट), रूहर क्रिस्टोफर (27वें मिनट) और मिल्टकाऊ मार्को (54वें मिनट) ने गोल दागे। भारत ने पहले क्वार्टर में 1-0 की बढ़त बनाई थी, लेकिन इसका फायदा उठाने में वे नाकाम रहे। दिग्गज डिफेंडर और फर्स्ट रशर अमित रोहिदास की कमी साफ नजर आई, जिससे भारतीय डिफेंस कमजोर दिखा और मिडफील्ड में भी कई गलतियां हुईं। भारत को मैच में 12 पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन केवल दो ही गोल में बदल सके।
फाइनल की उम्मीद टूटी
आखिरी मिनट में शमशेर के पास मैच बचाने का पूरा मौका था। वो गोल के ठीक सामने थे, लेकिन उनका शॉट गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गया, जिससे भारत का फाइनल में जाने का सपना टूट गया। भारत ने 58वें मिनट में गोलकीपर पीआर श्रीजेश को हटाकर शमशेर को फील्ड पर उतारा था, ताकि अटैक के लिए 11 खिलाड़ी बने रहे।
महत्वपूर्ण घटनाएं
54वें मिनट में जर्मनी के मिल्टकाऊ मार्को ने फील्ड गोल किया। उन्होंने लेफ्ट फ्लैंक से अटैक करके शानदार डिफलेक्शन के साथ गोल किया। जर्मनी को 51वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने सफलतापूर्वक डिफेंड किया। 46वें मिनट में भारत ने रेफरल लिया, लेकिन जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला। हालांकि, श्रीजेश ने पेल्लट को रोका। 36वें मिनट में सुखजीत सिंह ने हरमनप्रीत के पास से गोल दागा और स्कोर 2-2 से बराबरी कर दिया।
जर्मनी की स्ट्रैटेजी
जर्मनी का डिफेंस काफी मजबूत था और भारत के टॉप रशर रोहिदास की गैरमौजूदगी इसका फायदा जर्मनी को मिला। जर्मनी की स्ट्रैटेजी और गोलकीपर की शानदार खेल ने भारत के कई अटैकों को विफल किया।
पहला हाफ
पहले हाफ में भारत ने 1-0 की लीड ली थी, लेकिन जर्मनी ने पहले हाफ खत्म होने तक इसे 2-1 कर दिया। 27वें मिनट में जर्मनी को पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे रूहर ने गोल में बदला और जर्मनी को 2-1 की बढ़त दिलाई।
दूसरा हाफ
दूसरे हाफ में भारत ने कई पेनल्टी कॉर्नर हासिल किए, लेकिन गोल करने में सफल नहीं हो सका। हरमनप्रीत सिंह की ड्रैग फ्लिक का फायदा मिलते हुए उन्होंने कई प्रयास किए, लेकिन जर्मनी के गोलकीपर ने इन्हें विफल कर दिया।
सेमीफाइनल से सबक
सेमीफाइनल की हार भारतीय टीम के लिए बड़े सबक के रूप में आई है। भारतीय टीम को फाइनल में पहुंचने के लिए और बेहतर तैयारी की जरूरत है। अब भारतीय टीम का लक्ष्य ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में स्पेन के खिलाफ जीत दर्ज करना होगा।
महत्वपूर्ण खिलाड़ियों की भूमिका
पीआर श्रीजेश और हरमनप्रीत सिंह भारतीय टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं। 36 साल के श्रीजेश का यह आखिरी टूर्नामेंट है और उनके साथ स्वर्ण पदक का सपना अब अधूरा रह गया है। हरमनप्रीत सिंह ने पेरिस ओलंपिक में शानदार फॉर्म में रहते हुए 7 गोल किए।
पदक का सपना
भारत का हॉकी में ओलंपिक पदक का सपना अभी अधूरा है। 1980 मॉस्को ओलंपिक के बाद से भारतीय टीम ने हॉकी में सिर्फ एक कांस्य पदक जीता है, जो टोक्यो ओलंपिक 2020 में मिला था। अब भारतीय टीम का अगला लक्ष्य स्पेन के खिलाफ ब्रॉन्ज मेडल मैच में विजय हासिल करना है ताकि वह कम से कम कांस्य पदक के साथ ओलंपिक का अंत कर सके।