पेरिस ओलंपिक: खेलों का सबसे बड़ा मंच
पेरिस ओलंपिक 2024 की शुरुआत में अब केवल एक हफ्ते से भी कम समय बचा है। फ्रांस की राजधानी पेरिस इस बार दुनिया भर के 10 हजार से ज्यादा एथलीट्स की मेजबानी करने जा रही है। भारत की ओर से इस बार 117 एथलीट्स का दल पेरिस जाएगा। हमारे देश के खिलाड़ी 16 खेलों के कुल 69 इवेंट्स में चुनौती पेश करेंगे, जिसमें उनका लक्ष्य 95 मेडल्स पर निशाना साधना है।
टोक्यो से पेरिस तक: भारतीय प्रदर्शन का अवलोकन
भारतीय खेल इतिहास देखे तो टोक्यो में हुए पिछले ओलंपिक खेलों में भारत ने सात मेडल हासिल किए थे, जो अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन था। उस समय कोरोना महामारी के कारण चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमारी टीम ने ये मुकाम हासिल किया था। बाद में, भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने पेरिस ओलंपिक साइकिल में महत्वपूर्ण निवेश किए हैं।
सरकार की मजबूत पहल
भारत सरकार ने इस बार ओलंपिक के लिए कुल मिलाकर 407 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह बड़ा खर्च हमारी एथलीटों की तैयारियों और उनकी प्रदर्शन क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया है। इस बजट के माध्यम से देश इस बार मेडल्स की संख्या को दहाई आंकड़े तक पहुंचने की पूरी उम्मीद कर रहा है।
आर्चरी: तीरों की ताकत
भारत ने इस बार आर्चरी के खिलाड़ियों पर कुल मिलाकर 39.18 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इसमें पांच टॉप्स के खिलाड़ी और 13 डेवलपमेंट तीरंदाज शामिल हैं। पेरिस में भारत की ओर से तीन पुरुष और तीन महिला आर्चर हिस्सा लेंगे।
एथलेटिक्स: नये आयाम की ओर
भारतीय एथलेटिक्स दल में इस बार कुल 28 खिलाड़ी ओलंपिक में भाग लेंगे। तीन साल की अवधि में एथलेटिक्स पर 96.08 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह राशि 36 नेशनल कैंप्स और 85 विदेशी दौरों पर खर्च की गई है।
बैडमिंटन: उम्मीदों का शतक
भारत का बैडमिंटन दल इस बार सात खिलाड़ियों के साथ पेरिस जाएगा। पिछले तीन सालों में बैंडमिंटन पर 72.03 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह राशि 25 खिलाड़ियों पर खर्च की गई जिसमें 10 टॉप्स शटलर और 15 डेवलपमेंट शटलर शामिल हैं।
बॉक्सिंग: मुट्ठी में दुनिया
भारतीय बॉक्सिंग दल में इस बार दो पुरुष और चार महिला बॉक्सर शामिल हैं। साइ ने बॉक्सिंग पर इस ओलंपिक साइकिल में 60.93 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पैसा कुल मिलाकर 29 खिलाड़ियों पर खर्च हुआ जिसमें 9 टॉप्स और 20 डेवलपमेंट बॉक्सर हैं।
निशानेबाजी: लक्ष्य की ओर
इस बार भारत की ओर से 21 निशानेबाज पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। ओलंपिक में शूटिंग के प्रत्येक इवेंट में भारतीय खिलाड़ी नजर आएंगे। साइ ने निशानेबाजी के लिए कुल 45 खिलाड़ियों पर 60.42 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
वेटलिफ्टिंग: मीराबाई की राह
वेटलिफ्टिंग में इस बार भी भारत की ओर से केवल एक ही खिलाड़ी भाग लेगी। पिछले ओलंपिक में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल जीता था। उसके बाद साइ ने वेटलिफ्टिंग पर 27 करोड़ रुपए खर्च किए। यह राशि दो टॉप्स और छह डेवलपमेंट लिफ्टर्स पर खर्च की गई।
कुश्ती: भारतीय पहलवानों की तैयारी
भारत ने कुश्ती के लिए ओलंपिक साइकिल में कुल मिलाकर 37.80 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। इस राशि का उपयोग 25 खिलाड़ियों के नेशनल कैंप और विदेशी कैंप के आयोजन में किया गया। इस बार छह पहलवान पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
टेबल टेनिस: एक नया अध्याय
इस बार भारत टेबल टेनिस में इतिहास रचने के लिए तैयार है। यह पहली बार होगा जब भारत टीम इवेंट में हिस्सा लेगा। टीम इवेंट में क्वालिफाई करने के कारण भारत को सिंगल्स वर्ग में भी दो-दो कोटा प्राप्त हुए हैं। तीन पुरुष और तीन महिला खिलाड़ी ओलंपिक में हमारी टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। साइ ने इस खेल पर 12.92 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
हॉकी: उम्मीदों का खेल
इस बार केवल पुरुष हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेगी। भारतीय सरकार ने टॉप्स योजना के तहत पुरुष टीम पर 41.30 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। यह पैसा 76 नेशनल कैंप और 36 विदेशी दौरों पर खर्च किया गया। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया था और इस बार उनसे स्वर्ण पदक की उम्मीद है।
भारत के एथलीट्स की तैयारी और सरकार द्वारा किए गए इन निवेशों के साथ, पेरिस ओलंपिक में भारत की उम्मीदें उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं। भारतीय खिलाड़ियों और समर्थकों की आशाओं की उड़ान अब पेरिस की ओर है, जहां वे अपने देश का यश बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे।