परिचय
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय रेसलर अमन सेहरावत ने इतिहास रचते हुए 57 किलोग्राम वजन वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। यह मेडल न केवल देश के लिए गर्व का विषय है, बल्कि अमन को भारत का सबसे युवा ओलंपिक मेडल विजेता भी बना दिया है।
मेडल जीतने के मार्ग में संघर्ष
अमन सेहरावत के लिए यह यात्रा आसान नहीं थी। गुरुवार को सेमीफाइनल में जापान के रेई युगाची से हार मिलने के बाद, अधिकतर लोगों ने उनके वापसी की उम्मीद कम कर दी थी। लेकिन, अमन ने अपने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ शुक्रवार को ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में प्यूर्टो रिको के दरियो को 13-5 से हराकर अपने आलोचकों को गलत साबित किया।
रोमांचक मुकाबला
मुकाबला की शुरुआत में अमन पॉइंट हासिल करने में असफल रहे। दरियो ने उनके ऊपर बढ़त बनाई और कुछ समय तक दोनों खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर रही। ब्रेक तक अमन ने लीड ले ली थी, और ब्रेक के बाद उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को और भी जोरदार चुनौती दी। इसके बाद अमन ने तेजी और आक्रामकता से खेलते हुए 13-5 से यह मैच अपने नाम कर लिया।
लकड़ी का पल: ऐतिहासिक जीत
अमन की यह जीत उनकी 21 साल और 24 दिन की उम्र में आई, जिसने उन्हें देश का सबसे युवा ओलंपिक मेडल विजेता बना दिया। इससे पहले यह रिकॉर्ड बैडमिन्टन खिलाड़ी पीवी सिंधु के पास था, जिन्होंने 21 साल, एक महीने और 14 दिन की उम्र में रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता था।
भारतीय रेसलिंग के लिए सुनहरा पल
अमन का यह मेडल पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का छठा मेडल है। भारतीय दल में 6 पहलवान थे, जिनमें से अमन एकमात्र पुरुष पहलवान थे। उनकी यह जीत भारतीय रेसलिंग में एक महत्वपूर्ण योगदान है, खासकर जब पिछली बार टोक्यो ओलंपिक में रवि दहिया ने उसी 57 किलोग्राम वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था।
अमन की तैयारी और प्रतियोगिताएं
अमन ने इस साल हुए ट्रायल्स में रवि दहिया को मात दी थी और एशियन क्वालिफायर में कोटा हासिल किया था। सेलेक्शन ट्रायल्स के बिना मिलने वाला यह अवसर साबित हुआ कि अमन को पूरी टीम और कोचिंग स्टाफ का समर्थन प्राप्त था। इस विश्वास का फल उन्होंने अपनी जीत से चुकाया।
पेरिस ओलंपिक की मेडल टैली
पेरिस ओलंपिक में अब तक भारत के खाते में कुल छह मेडल जमा हो चुके हैं। अमन की जीत ने ओलंपिक में भारतीय दल के उत्साह और आत्मविश्वास को और भी बढ़ा दिया है। यह जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।
भावी योजनाएँ और उम्मीदें
अमन की इस शानदार जीत के बाद, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे भविष्य में और भी सफलता प्राप्त करेंगे। उनके कोच और साथी खिलाड़ी उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं कि वे आगे चलकर और भी मेडल लेकर आएं। भारतीय रेसलिंग फेडरेशन भी अब और अधिक युवा खिलाड़ियों को अमन जैसे प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है।
समाप्ति
अमन सेहरावत की यह जीत न केवल उनकी व्यक्तिगत यात्रा की सफलता है, बल्कि पूरे भारतीय खेल समुदाय के लिए एक नया कीर्तिमान है। उन्होंने साबित कर दिया कि भारतीय खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं और कठिनाईयों के बावजूद वे अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।
अमन और उनकी इस ऐतिहासिक जीत के लिए पूरे देश की ओर से उनकी प्रशंसा और शुभकामनाएं। उम्मीद है कि वे आगे भी इसी तरह देश का नाम रोशन करते रहेंगे।