पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक शानदार प्रदर्शन किया है और 7 दिनों के बाद भारत के नाम तीन मेडल हो चुके हैं। हालांकि, यह संख्या अभी भी दहाई के आंकड़े से सात मेडल दूर है। हाल के दिनों में कुछ महत्वपूर्ण मुकाबले हारने के बावजूद, भारत के पास अभी भी कई बड़े धावक और खिलाड़ी हैं जो मेडल की उम्मीदें जीवंत रख सकते हैं।
भारतीय हॉकी टीम
भारत की पुरुष हॉकी टीम अपनी ऐतिहासिक धारा को बनाए रखती हुई क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी है। टीम को अब ग्रेट ब्रिटेन का सामना करना है, जिसमें वे पहले टोक्यो ओलंपिक में 3-1 से जीत चुके हैं। भारतीय टीम का हौसला ऑस्ट्रेलिया को मात देने के बाद काफी बड़ा हुआ है। अगर भारतीय टीम सेमीफाइनल तक पहुंच जाती है, तो उनके पास कम से कम एक मेडल मैच खेलने का बड़ा मौका होगा।
लवलिना बोरगोहेन
ओलंपिक बॉक्सर लवलिना बोरगोहेन से भी बहुत उम्मीदें हैं। उन्होंने अब तक अपने खेल में जबरदस्त प्रदर्शन किया है और क्वार्टर फाइनल तक पहुंच चुकी हैं। इस बड़े मुकाबले में लवलिना का सामना चीन की लि कियान से होगा, जो इस कैटेगरी की टॉप सीड हैं। हालांकि, लवलिना के पास अपने बेहतरीन खेल के दम पर मेडल पक्का करने का सुनहरा अवसर है।
नीरज चोपड़ा
जैवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, जिनकी निगाहें गोल्ड मेडल के बचाव पर हैं, भारत की सबसे बड़ी उम्मीदों में से एक हैं। नीरज पिछले दो सालों में वर्ल्ड चैंपियन और डायमंड लीग विजेता रह चुके हैं। उनके प्रदर्शन को देखते हुए, भारत को उनसे मेडल की बेहद उम्मीदें हैं।
अंतिम पंघाल
युवा रेसलर अंतिम पंघाल भी मेडल की एक मुख्य दावेदार हैं। उन्होंने बीते साल अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती थी और सीनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल भी अपने नाम किया। 53 किलोग्राम वेट कैटेगरी में चौथी सीड मिलने के बाद भी अंतिम के हाफ में एशियन और यूरोपियन चैंपियंस नहीं होंगी, जिनसे वह पूर्व में हार चुकी हैं।
मीराबाई चानू
भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू, जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत का मेडल काउंट खोला था, एक और मेडल की प्रबल दावेदार हैं। उनकी चोट से वापसी ने उनकी दृढ़ता को और भी मजबूत किया है और वे इस बार अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तैयार हैं।
लक्ष्य सेन
भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन भी मेडल की उम्मीदों में शामिल हैं। उन्होंने अब तक जोनाथन क्रिस्टी, एच प्रणॉय, और चेन टेन जैसे शीर्ष खिलाड़ियों को हराया है। उनकी प्राप्तियों और प्रदर्शन को देखते हुए, अब उनके पास सेमीफाइनल में मेडल जीतने का बड़ा मौका है।
विनेश फोगाट
तीन बार की कॉमनवेल्थ चैंपियन विनेश फोगाट भी मेडल की एक मजबूत दावेदार हैं। विनेश इस बार 50 किलोग्राम वर्ग में उतरी हैं। उनके पास ओलंपिक मेडल जीतकर अपने आलोचकों को करारा जवाब देने का सुनहरा मौका है।
हालांकि पेरिस ओलंपिक में भारतीय एथलीटों की चुनौती अब तक काफी कठिन रही है, फिर भी उनके पास शानदार मेडल प्रदर्शन करने के अवसर बाकी हैं। भारतीय खिलाड़ियों की यह यात्रा अंततः सफल साबित हो सकती है और देश को गर्व का अनुभव करा सकती है। सभी की नजरें उन पर हैं और उम्मीद है कि वे अपने शानदार प्रदर्शन से भारत का गौरव बढ़ाएंगे।