पेरिस ओलंपिक की तैयारी

पेरिस ओलंपिक खेलों पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। दुनिया के 206 देशों के 10 हजार से ज्यादा एथलीट फ्रांस की राजधानी पहुंचे हैं। यह मौका न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि आयोजनकर्ताओं के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए फ्रांस ने व्यापक तैयारियां की हैं, और सुरक्षा के लिए भी कड़े उपाय अपनाए गए हैं। फ्रांस पर इन खिलाड़ियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, और इस जिम्मेदारी को निभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

साजिश का संकेत

फ्रांस की लोकल मीडिया के मुताबिक, ओलंपिक खेलों के दौरान कुछ बड़ा कांड करने की साजिश रची जा रही थी। इस साजिश के चलते फ्रांस में 40 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। इस शख्स पर आरोप है कि वह रूस की खुफिया एजेंसी की स्पेशल फोर्स यूनिट एफएसबी के साथ मिलकर ओलंपिक के दौरान बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा था।

40 वर्षीय शख्स की गिरफ्तारी

इस 40 वर्षीय शख्स का नाम फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस शख्स को उसके घर में छापा मारकर गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि यह शख्स रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी के साथ काम कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद शख्स को न्यायिक प्रक्रिया से गुजरना होगा और इसके बाद साजिश की गहराईयों की जांच की जाएगी।

साजिश की जांच

फ्रांस के इंटेलिजेंस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। शेफ पर फ्रांस में लोगों के बीच दुश्मनी भड़काने के आरोप हैं, जिसकी सजा 30 साल तक की हो सकती है। फ्रेंच मीडिया को दिए गए बयान में कहा गया कि इस शख्स ने एक बड़ा षडयंत्र चरा तैयार किया था जिसका असर ओलंपिक के दौरान देखने को मिल सकता था।

फोन कॉल के जरिए साजिश का खुलासा

फ्रांस इंटेलिजेंस ने दो महीने पहले शेफ और रूस के इंटेलिजेंस के जुड़े एक शख्स के साथ फोन कॉल सुनी थी। फोन कॉल पर शख्स ने कहा था कि फ्रेंच लोग ऐसी ओपनिंग सेरेमनी करने वाले हैं जैसी पहले कभी नहीं हुई। इस फोन कॉल ने फ्रांस के इंटेलिजेंस को सचेत किया और उन्हें इस साजिश का पर्दाफाश करने का मौका मिला।

शेफ की पृष्ठभूमि

यह शख्स पिछले 14 साल से पेरिस में रह रहा है। उसने यहीं पर शेफ की ट्रेनिंग ली और खाने बनाने वाले रिएलिटी शो में हिस्सा लिया। वह सबसे पहले साल 2010 में फ्रांस आया था। उसने विभिन्न होटल और रेस्त्रां में काम किया और इस दौरान अपने किराये का घर यह कहकर छोड़ा कि वह रूस में किसी सरकारी पद से जुड़ने जा रहे हैं।

माइक्रोसॉफ्ट की मदद

माइक्रोसॉफ्ट ने पिछले महीने फ्रांस की खुफिया एजेंसी को बताया था कि रूस ओलंपिक से जुड़ी कुछ फेक वेबसाइट चला रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से हिंसा और आतंक फैलाने की कोशिश की जा रही है। इसी कारण फ्रांस ने पेरिस ओलंपिक से पहले लगभग 10 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की।

फ्रांसीसी अधिकारियों की सतर्कता

फ्रांस के अधिकारियों ने इस घटना के बाद से पूरी सतर्कता बढ़ा दी है। उन्होंने कहा है कि वे किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और किसी भी प्रकार की गतिविधि को समय रहते रोकने का प्रयास करेंगे। उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि अन्य संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी की जा रही है ताकि किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने से पहले रोका जा सके।

खेलों में सुरक्षा पर जोर

फ्रांस ने ओलंपिक खेलों के दौरान सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पूरे आयोजन के दौरान कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना टाली जा सके। खिलाड़ियों, दर्शकों और आयोजनकर्त्ताओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

इस घटना ने पेरिस ओलंपिक के दौरान सुरक्षा को और भी गंभीरता से लेने की जरूरत को रेखांकित किया है। अब सभी की नजरें फ्रांसीसि अधिकारियों पर हैं, जिन्होंने अभूतपूर्व स्थिति को संभालने का बीड़ा उठाया है। ओलंपिक खेलों के सफल और सुरक्षित आयोजन के लिए उनके प्रयासों की सफलता को देखना अब बाकी है।

By IPL Agent

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