पेरिस ओलंपिक 2024 के करीब आते-आते विवाद भी शुरू हो गए हैं। हर बार जब भी कोई बड़ा मल्टीस्पोर्ट्स इवेंट होता है, तो स्टार खिलाड़ी अलग-अलग डिमांड करते हैं, जिसके कारण कई बार बाकी एथलीट्स को मुश्किल का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ इस बार हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु और रेसलर विनेश फोगाट की मांगों के कारण भारतीय बॉक्सर्स को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।

स्टार खिलाड़ियों की मांगें

द ट्रिब्यून ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि पीवी सिंधु चाहती हैं कि उनके मेंटॉर प्रकाश पादुकोण को गेम्स विलेज में रहने की अनुमति मिले। वहीं विनेश फोगाट ने अपने कोच वोल्कर अकोस के लिए यही डिमांड की है। दोनों की इच्छा को पूरा करने के लिए बॉक्सिंग टीम के मसाजर विजय कंबोज को खेलगांव से बाहर रहने के लिए कहा गया है। खेल गांव के बाहर होटल में उनके रहने का इंतजाम किया जाएगा। वह वहां से हर रोज खेल गांव या फिर नॉर्थ पेरिस एरीना जाएंगे, जहां बॉक्सिंग की प्रतियोगिता होगी।

खेल मंत्रालय की स्थिति

रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारी नहीं चाहते हैं कि खिलाड़ी सोशल मीडिया पर अपनी डिमांड के बारे में बात करके खेल मंत्रालय की फजीहत करें। विनेश फोगाट कई बार यह कर चुकी हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में फीजियोथेरेपिस्ट की गैरमौजूदगी को मेडल न जीत पाने की वजह बताया था। इसी वजह से खेल गांव पहुंचने से पहले ही अधिकारियों ने यह फैसला किया है।

बॉक्सिंग टीम पर प्रभाव

भारतीय बॉक्सिंग टीम के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकती है, क्योंकि मसाजर जैसे सपोर्ट स्टाफ का रोल किसी भी प्रतियोगिता में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। मसाजर विजय कंबोज का खेलगांव से बाहर रहना और रोजाना वहां से आना-जाना बॉक्सिंग टीम के लिए असुविधाजनक हो सकता है।

भविष्य की रणनीतियों पर विचार

भारतीय खेल मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की स्थितियों से बचने के लिए समुचित योजनाएं बनाई जाएं। खिलाड़ियों की व्यक्तिगत मांगों और टीम के समग्र प्रदर्शन के बीच संतुलन बनाना अत्यंत आवश्यक है। इसे देखते हुए, खेल मंत्रालय को विभिन्न खेलों की टीमों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने चाहिए ताकि ऐसी विवादित परिस्थितियों से बचा जा सके।

मीडिया और सामाजिक दबाव

मीडिया रिपोर्ट्स और खिलाड़ियों की सोशल मीडिया पोस्ट्स का प्रभाव खेल मंत्रालय और खिलाड़ियों पर असाधारण होता है। यह आवश्यक है कि खिलाड़ियों की जायज मांगों को गंभीरता से लिया जाए और उन्हें संतुष्ट किया जाए, लेकिन साथ ही यह भी देखना होगा कि किसी एक खिलाड़ी की मांग से पूरी टीम पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

आगे का रास्ता

पेरिस ओलंपिक्स 2024 के करीब आने के साथ ही, भारतीय खेल मंत्रालय को इस मामले पर तुरंत और प्रभावी कदम उठाने होंगे। दोनों प्रमुख खिलाड़ियों की मांग को ध्यान में रखते हुए और बॉक्सिंग टीम के हितों को भी संरक्षित करना होगा। पारदर्शिता और आपसी संवाद के माध्यम से इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।

खेल मंत्रालय की जांच प्रक्रिया

यह भी जरूरी है कि खेल मंत्रालय और संबंधित समितियों ने इस मामले की सही जांच की हो और निष्कर्ष तक पहुंचे हों। बिना जांच के ऐसे निर्णय खिलाड़ियों और टीमों के मनोबल को कमजोर कर सकते हैं। खिलाड़ी और कोच पूरे समय अपने शीर्ष प्रदर्शन पर हों, यह सुनिश्चित करना मंत्रालय की प्राथमिकता होनी चाहिए।

इस दौरान, भारतीय खेल समुदाय और फैंस की नजरें इस बात पर रहेंगी कि खेल मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों ने इन मांगों को कैसे संतुलित किया और खिलाड़ी व टीम के हित में निर्णय लिए। ओलंपिक्स का मंच सबके लिए महत्वपूर्ण होता है और यह आवश्यक है कि सभी खिलाड़ी अपने सर्वोत्तम प्रदर्शन के साथ इस मंच पर उतरें।

By IPL Agent

💲Daily Check-In Free Bonus💲 💵 Sign Up & Login everyday to get free cash!💵 👉 cricket1.in