परिचय

भारत के पूर्व तेज गेंदबाज डोडा गणेश को केन्या की मेन्स क्रिकेट टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया है। 51 वर्षीय गणेश ने भारतीय क्रिकेट में भले ही लंबी और प्रभावशाली पारी नहीं खेली हो, लेकिन अपनी शानदार गेंदबाजी और जुनून से क्रिकेट जगत में अपनी पहचान जरूर बनाई।

प्रारंभिक जीवन और करियर की शुरुआत

डोडा गणेश का जन्म और पालन पोषण बालेहोन्नूर की गलियों में हुआ। क्रिकेट के प्रति उनका प्रेम उनके बचपन के दिनों में ही विकसित हो गया था। प्रारंभ में, गणेश ने क्रिकेट करियर की शुरुआत एक विकेटकीपर और ओपनर बल्लेबाज के रूप में की थी। जब वह अपने करियर के शुरुआती दौर में थे, उनके रोल मॉडल थे केरल के विकेटकीपर के.एन. अनंथापद्मनाभन और भारत के विश्व कप विजेता सैयद किरमानी।

गुंडप्पा विश्वनाथ की भूमिका

गणेश की गेंदबाजी प्रतिभा की पहचान भारतीय क्रिकेट के महान खिलाड़ी गुंडप्पा विश्वनाथ ने की। विश्वनाथ ने गणेश की इस प्रतिभा को पहचानते ही उन्हें चिकना क्लब में शामिल कराया, जहां से गणेश ने उनके मार्गदर्शन में अपनी गेंदबाजी का तेजी से विकास किया। इसके बाद गणेश ने घरेलू क्रिकेट में उतरे और वहां अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया।

घरेलू क्रिकेट में सफलता

डोडा गणेश ने कर्नाटक की टीम के लिए घरेलू क्रिकेट खेला और वहाँ भी उनकी प्रतिभा ने उन्हें एक अद्वितीय गेंदबाज के रूप में स्थापित किया। गणेश का फर्स्ट क्लास क्रिकेट में प्रदर्शन शानदार रहा। उन्होंने 104 फर्स्ट क्लास मैचों में 365 विकेट लिए, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 36 रन देकर 7 विकेट रहा। इसके साथ ही गणेश ने लिस्ट ए क्रिकेट में भी 128 विकेट लिए जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 27 रन देकर 5 विकेट रहा।

अंतर्राष्ट्रीय करियर

डोडा गणेश के अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरुआत भी उतनी ही उत्साहजनक रही। हालांकि उन्हें भारत के लिए खेलने के ज्यादा मौके नहीं मिले, उन्होंने 4 टेस्ट मैच खेले जिसमें 25 रन बनाए और 5 विकेट लिए। उनकी बेस्ट टेस्ट गेंदबाजी 2 विकेट के लिए 28 रन रही। वनडे में उन्हें केवल एक मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने 4 रन बनाए और 20 रन देकर एक विकेट लिया।

कोचिंग करियर

अवसरों की कमी और निराशा के बावजूद डोडा गणेश ने हार नहीं मानी और एवी जयप्रकाश के प्रशिक्षण शिविर में शामिल हो गए, जहाँ उन्होंने एक गेंदबाज के रूप में सफलता प्राप्त की। अब उनके कोचिंग करियर ने एक नई ऊंचाई प्राप्त की है क्योंकि उन्हें केन्या की मेन्स क्रिकेट टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया है।

भविष्य की योजनाएँ

डोडा गणेश का कहना है कि वो केन्या की टीम को विश्वस्तरीय बनाने के लिए अभ्यास, मेहनत और क्रिकेट के प्रति अनुशासन में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उनके पास टीम के साथ एक साल का करार है, और वह इस अवसर को एक नयी चुनौती और उत्साह के साथ स्वीकार कर रहे हैं।

निर्णायक पल

गणेश के करियर का निर्णायक पल गुंडप्पा विश्वनाथ का उनकी गेंदबाजी प्रतिभा को पहचानना था। विश्वनाथ के इस निर्णय ने न केवल गणेश का करियर बदल दिया, बल्कि भारतीय क्रिकेट को भी एक अद्वितीय तेज गेंदबाज मिला।

सारांश

डोडा गणेश की यात्रा ने हमें यह दर्शाया कि मेहनत, प्रतिभा और सही मार्गदर्शन से किसी भी असंभव लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। केन्या क्रिकेट टीम के हेड कोच के रूप में उनका नया अध्याय उम्मीद है कि नयी सफलताओं और रोमांचकारी मुकाबलों से भरा होगा। गणेश की इस नई भूमिका से न केवल केन्या की क्रिकेट टीम बल्कि उनके खुद के करियर को भी एक नई दिशा मिलेगी।

By IPL Agent

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