ओलंपिक खेलों का महाकुंभ

ओलंपिक खेल। यह दुनिया के खेलों का सबसे बड़ा मंच है, जहां दुनिया के शीर्ष एथलीट्स एक साथ आते हैं और खुद को सर्वश्रेष्ठ साबित करने के लिए प्रतियोगिता करते हैं। 1896 से शुरू हुए इन खेलों में भारत का इतिहास 124 साल पुराना है। हालांकि देश को अब तक केवल 35 मेडल हासिल हुए हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदें पेरिस ओलंपिक 2024 में पहली बार भारत की मेडल की संख्या दहाई का आंकड़ा पार कर सकती हैं। इस बार इसकी जिम्मेदारी 117 खिलाड़ियों के भारतीय दल पर होगी।

पिछला प्रदर्शन और पेरिस की तैयारियां

टोक्यो ओलंपिक में भारत ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए सात मेडल जीते थे। इस प्रदर्शन के बाद से ही पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई जाने लगी है। खेल मंत्रालय ने पेरिस ओलंपिक के लिए सभी खेलों में मिलकर कुल 407 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। साई ने एथलेटिक्स पर सबसे ज्यादा 96.08 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। वहीं, बैडमिंटन पर 72.03 करोड़ और बॉक्सिंग पर 60.93 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। आर्चरी और रेसलिंग पर भी 30 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च किए गया है।

भारत की शानदार तैयारियां

बीते दो सालों में भारत का प्रदर्शन बहुत शानदार रहा है। वर्ष 2022 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज समेत कुल 61 मेडल जीते। वहीं, पिछले साल हांगझू में एशिया गेम्स में भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए 106 मेडल हासिल किए। इनमें 28 गोल्ड, 38 सिल्वर और 40 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं।

टॉप एथलीट्स और उम्मीदें

भारत के ओलंपिक दल में 117 एथलीट्स शामिल हैं। हर खिलाड़ी मेडल लाने के इरादे से उतरेगा। हालांकि कुछ खिलाड़ियों ने बीते कुछ सालों में अपने प्रदर्शन के कारण फैंस का भरोसा जीता है। इनमें सबसे पहला नाम है टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा का। जैवलिन थ्रो एथलीट नीरज चोपड़ा पर सरकार ने पिछले सालों में लगभग छह करोड़ रुपए खर्च किए हैं। नीरज चोपड़ा बीते तीन साल में डायमंड लीग और वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत चुके हैं।

हॉकी में मेडल की उम्मीद

हॉकी में भारत ने पिछले ओलंपिक खेलों में ब्रॉन्ज मेडल 41 साल के लंबे इंतजार को खत्म किया था। भारत ने एशियन गेम्स जीतकर ओलंपिक के लिए क्वालिफाई किया लेकिन यह टीम हाल में अच्छी लय में है। भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, अर्जेंटीना, न्यूजीलैंड और आयरलैंड के साथ मुश्किल ग्रुप में रखा गया है। ऐसे में टीम को छोटी गलती भी भारी पड़ सकती है।

निशानेबाजी और पहलवानों पर बड़ा दबाव

21 निशानेबाजों का सबसे बड़ा दल पेरिस ओलंपिक जाने वाला है। भारतीय निशानेबाज पेरिस ओलंपिक से पहले शानदार फॉर्म में हैं। इन्हें खुद पर से चोकर्स का टैग हटाने का दबाव है। वहीं पहलवानों पर खुद को साबित करने का दबाव है। भारतीय पहलवानों ने टोक्यो ओलंपिक में दो मेडल जीते थे। इस बार छह रेसलर देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। पिछले एक साल में भारतीय रेसलिंग में बहुत उतार-चढ़ाव रहे हैं।

वेटलिफ्टिंग और बॉक्सिंग में उम्मीदें

पिछले ओलंपिक खेलों में सिल्वर मेडल जीतने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू एशियन गेम्स में खाली हाथ रही थीं। पिछले कुछ समय से चोट और खराब फॉर्म से जूझ रही हैं। बॉक्सिंग की बात करें तो दो बार की वर्ल्ड चैंपियन निकहत ज़रीन, ओलंपिक मेडलिस्ट लवलिना बोरगोहेन और निशांत देव से मेडल की उम्मीदे हैं।

बैडमिंटन में संभावनाएं

बैडमिंटन में भारत की मेडल की सबसे बड़ी उम्मीद है चिराग शेट्टी और सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी की जोड़ी, जो कि फॉर्म में है। पुरुष सिंगल्स वर्ग में एचएस प्रणॉय और लक्ष्य सेन भी अच्छी लय में हैं। हालांकि दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट पीवी सिंधु बीते कुछ महीनों में बहुत खास प्रदर्शन नहीं कर पाई हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय दल की तैयारियों और प्रदर्शन की उम्मीदें बहुत ऊंची हैं। 140 करोड़ भारतीय आशा और विश्वास के साथ अपने खिलाड़ियों का समर्थन करेंगे, ताकि भारत दुनिया के सबसे बड़े खेल मंच पर अपनी पहचान बना सके।

By IPL Agent

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