[ भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्टार स्पिनर हरभजन सिंह ने भारतीय क्रिकेट टीम मैनेजमेंट पर तीखा प्रहार किया और उन पर टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा स्पिन-अनुकूल पिच तैयार कर खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को कम करने का आरोप लगाया। भज्जी ने कहा कि तीन दिन के अंदर टेस्ट मैच जीतने के आक्रामक प्रयास की वजह से बल्लेबाजों के आत्मविश्वास में कमी होती जा रही है साथ ही उनके लांग टर्म डेवलपमेंट को भी कम करने की कोशिश की जा रही है।
श्रीलंका सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों की चुनौती
हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान भारतीय बल्लेबाज स्पिनरों के सामने बुरी तरह से फ्लॉप रहे थे और स्पिन खेलने की उनकी क्षमता पर सवाल उठे थे। श्रीलंका के गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को स्पिन के खिलाफ नाचने पर मजबूर कर दिया, जिससे टीम के प्रदर्शन में गिरावट देखी गई। यह स्थिति न केवल क्रिकेट प्रेमियों को चिंता में डालने वाली है, बल्कि पूर्व क्रिकेटर्स के लिए भी एक गंभीर समस्या बन गई है।
स्पिन-अनुकूल पिच का फायदा और नुकसान
हरभजन सिंह ने बताया कि हाल के कुछ वर्षों में भारत ने टेस्ट सीरीज में जीत दर्ज करने के लिए लगातार स्पिन अनुकूल पिच तैयार किया है और इसके दम पर टीम इंडिया ने कई टेस्ट सीरीज में प्रभावशाली जीत दर्ज की है। यह रणनीति जरूर लाभकारी साबित हुई है, क्योंकि इसके दम पर टीम ने 17 टेस्ट सीरीज में धमाकेदार जीत दर्ज की है। हालांकि, हरभजन ने इसे भारतीय बल्लेबाजों के आत्मविश्वास के लिए हानिकारक करार दिया और कहा कि इस प्रकार की रणनीति से बल्लेबाजों को निरंतरता बनाए रखने और उनकी स्किल्स को सुधारने का मौका नहीं मिल पाता।
बल्लेबाजों के आत्मविश्वास पर प्रभाव
हरभजन सिंह ने टीवी टूडे ग्रुप से बात करते हुए कहा कि हमने ऐसी पिचों पर खेलना शुरू कर दिया है जो बहुत ज्यादा टर्न लेती है। हम जीतना चाहते थे और हमने जीत भी हासिल की, लेकिन हम सिर्फ ढाई दिन में ही जीतना चाहते थे। उन्होंने आगे कहा कि अगर हमने सामान्य पिचें बनाई होती जो तीसरे और चौथे दिन से ही टर्न लेने लगतीं तो भी हम जीत जाते, लेकिन बल्लेबाजों को जमने का समय मिल जाता और हम स्पिनरों के खिलाफ अपने बल्लेबाजों की समस्याओं पर चर्चा नहीं कर रहे होते।
टीम मैनेजमेंट के लिए चेतावनी
टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं को एक स्पष्ट संदेश दिया गया है कि अगर वे इस समस्या का समाधान नहीं करते हैं, तो भारतीय बल्लेबाजी यूनिट पर इसका दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। हरभजन सिंह ने जोर देकर कहा कि भारतीय बल्लेबाजों का आत्मविश्वास टूटने का बड़ा कारण ऐसी पिचें हैं, जो पहले दिन से ही टर्न लेने लगती हैं। इस प्रकार की पिचों पर बड़े स्कोर खड़ा करना मुश्किल हो जाता है और कई बार मैच तीसरे दिन ही खत्म हो जाता है।
सुधार की संभावनाएँ
हरभजन सिंह ने कहा कि हमारे पास अभी भी इसे सुधारने का मौका है। अगर हम अच्छी पिचों पर खेलते हैं तो मुझे नहीं लगता है कि कोई भी भारत को हरा सकता है। भारत के पास जिस तरह से तेज गेंदबाज हैं या फिर जिस तरह का स्पिन अटैक है वो निश्चित रूप से आपको 5 दिन में टेस्ट मैच में जीत दिला सकते हैं। स्पिन अनुकूल पिचों की जगह पर संतुलित पिचों का चयन करना जरूरी है जो तीसरे और चौथे दिन से ही टर्न लें।
आगे की राह
भारतीय टीम को लेकर हरभजन सिंह का जोर इस बात पर है कि अगर हम सिर्फ 3 दिन के अंदर ही जीत रहे हैं तो ऐसे में बल्लेबाज को ज्यादा मौके नहीं मिलते और इसकी वजह से हमारे बल्लेबाज स्पिन खेलना भूल गए हैं। उन्हें उचित समय मिलना चाहिए ताकि वे अपने खेल में सुधार कर सकें और स्पिन गेंदबाजी पर अपनी पकड़ बना सकें। इस दृष्टिकोण से आने वाले समय में भारत की टेस्ट क्रिकेट में स्थिरता और सफलता सुनिश्चित हो सकती है।
भारतीय क्रिकेट टीम अब बांग्लादेश के खिलाफ 19 सितंबर से चेन्नई में शुरू होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए तैयार है। इस सीरीज में कैसा प्रदर्शन रहेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। उम्मीद की जा रही है कि मैनेजमेंट इन विचारों पर गौर करके उचित कदम उठाएगा। ]