स्वतंत्रता दिवस के विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 15 अगस्त को दिल्ली स्थित अपने आवास पर पेरिस ओलंपिक से छः पदक लेकर लौटे भारतीय दल से मुलाकात की। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने अपने देश के गर्व को बढ़ाने वाले खिलाड़ियों की कामयाबी को सराहा और उनके संघर्ष भरे सफर की कहानियाँ सुनीं।
मनु भाकर की पिस्टल और सफलता
इस मिलन समारोह में जो सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र बनी, वह थी निशानेबाज मनु भाकर। उन्होंने अपनी वह पिस्टल प्रधानमंत्री को दिखाई, जिससे उन्होंने दो कांस्य पदक जीते थे। पेरिस में 10 मीटर एयर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में दो कांस्य पदक जीतकर भाकर ने इतिहास रच दिया है और एक ही ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भाकर को विशेष सराहना दी और उन्हें देश की असली प्रेरणा स्रोत बताया।
भारतीय हॉकी टीम की भेंट
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने भी प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें सभी खिलाड़ियों के हस्ताक्षरों से सज्जित एक स्टिक भेंट की। ओलंपिक में लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीतने वाली इस टीम के खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री के साथ अपने कांस्य पदक पहने हुए तस्वीरें खिंचवाई। इस मौके पर हाल ही में रिटायर हुए पीआर श्रीजेश और कप्तान हरमनप्रीत सिंह सहित सभी खिलाड़ी मौजूद थे।
अन्य पदक विजेताओं की मुलाकात
मनु भाकर के साथ 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले सरबजोत सिंह ने भी प्रधानमंत्री से बातचीत की और अपनी यात्रा का साझा किया। इसके अलावा, 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीतने वाले स्वप्निल कुसाले और पुरुषों की फ्रीस्टाइल 57 किग्रा में कांस्य पदक जीतने वाले पहलवान अमन सेहरावत भी प्रधानमंत्री से मिले। ये स्टार खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री को उनके हस्ताक्षरों वाली जर्सी भेंट की।
नीरज चोपड़ा की अनुपस्थिति
हालांकि, इस अवसर पर रजत पदक विजेता भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा उपस्थित नहीं हो पाए। वे पेरिस खेलों के बाद अपनी कमर की चोट के परामर्श और डायमंड लीग मीटिंग में संभावित भागीदारी के लिए जर्मनी चले गए हैं।
पीएम मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर भारतीय दल के सदस्यों को संबोधित किया और शटलर लक्ष्य सेन सहित कुछ अन्य खिलाड़ियों से भी बातचीत की। यह मुलाकात खिलाड़ियों के लिए बेहद उत्साहवर्धक रही। टोक्यो ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (मुक्केबाजी) और सैखोम मीराबाई चानू (भारोत्तोलन) ने भी पीएम से मुलाकात की। इस कार्यक्रम में खेल मंत्री मनसुख मंडाविया और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा भी उपस्थित थीं।
प्रधानमंत्री मोदी का ओलंपिक सपना
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा। भारत के अलावा सऊदी अरब, कतर और तुर्की जैसे देश भी इस मेजबानी के लिए मजबूत दावेदारी पेश कर रहे हैं। मोदी ने कहा, “भारत का सपना 2036 ओलंपिक की मेजबानी करना है, और हम इसके लिए तैयारी कर रहे हैं।”
स्वतंत्रता दिवस पर इस तरह का समारोह और प्रधानमंत्री की खिलाड़ियों से मुलाकात ने न सिर्फ खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया बल्कि यह भी साबित किया कि देश उनके हर सफल कदम पर गर्व महसूस करता है। इस मुलाकात ने यह भी दिखाया कि भारतीय खेल जगत अब नई ऊँचाइयों को छूने के लिए तैयार है।
यह स्वतंत्रता दिवस इसलिए भी खास था क्योंकि ना सिर्फ देश ने अपनी आज़ादी के 78 वर्ष पूरे किए बल्कि इस मौके पर भारतीय खिलाड़ियों की उपलब्धियों को भी सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री मोदी का खिलाड़ियों के प्रति यह स्नेह और समर्थन निश्चित रूप से आने वाले समय में और अधिक खिलाड़ियों को प्रेरित करेगा।