दलीप ट्रॉफी 2024-25 की शुरुआत का आयोजन

सीनियर पुरुष भारतीय घरेलू क्रिकेट सत्र 2024-25 की शुरुआत सितंबर में बहुप्रतीक्षित दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट से होगी। पिछले सीजन में हनुमा विहारी की अगुआई वाले साउथ जोन ने बेंगलुरु में फाइनल में वेस्ट जोन को उत्तेजक मुकाबले में 75 रन से हराकर खिताब जीता था। दलीप ट्रॉफी जो मुख्य रूप से भारत की घरेलू टेस्ट सीरीज के तौर पर जानी जाती है, इस बार इसकी संरचना और समग्र प्रणाली में परिवर्तन देखने को मिलेगा, जिसका उद्देश्य इसे और भी प्रतिस्पर्धी और आकर्षक बनाना है।

नया फॉर्मेट और चयन प्रक्रिया

बीसीसीआई ने इस बार छह टीमों की परंपरागत जोनल फॉर्मेट को खत्म करने का साहसिक निर्णय लिया है। इसके बदले, यह टूर्नामेंट चार टीमों के बीच खेला जाएगा जिन्हें भारत ए, भारत बी, भारत सी और भारत डी नाम दिया गया है। इन टीमों का चयन अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली वरिष्ठ राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा किया जाएगा। इस नए फॉर्मेट का उद्देश्य है घरेलू क्रिकेट को और भी ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक बनाना और खिलाड़ियों को अपनी क्षमता को पूरा करने का मौका देना।

मैचों का आयोजन और स्थान

इस वर्ष दलीप ट्रॉफी का आयोजन मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में अनंतपुर क्रिकेट ग्राउंड परिसर के भीतर दो स्थानों पर किया जाएगा। इसके अतरिक्त, पहले दौर का एक मैच बेंगलुरु के मशहूर एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भी आयोजित किया जाएगा। यह टूर्नामेंट 5 सितंबर से 22 सितंबर तक तीन राउंड में चलेगा। राउंड-रॉबिन लीग आधार पर खेली जाने वाली इस प्रतियोगिता में कोई नॉकआउट मैच नहीं होगा। अंततः तीन राउंड के बाद स्टैंडिंग में शीर्ष पर रहने वाली टीम को विजेता घोषित कर दिया जाएगा।

बड़े खिलाड़ी खेलेंगे दलीप ट्रॉफी

हमारे सूत्रों और इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस बार कई बड़े भारतीय खिलाड़ी इस टूर्नामेंट में भाग लेंगे। इसमें शुभमन गिल, केएल राहुल, अक्षर पटेल, रविंद्र जडेजा, यशस्वी जायसवाल, सूर्यकुमार यादव और कुलदीप यादव जैसे शीर्ष खिलाड़ी शामिल हैं। इस निर्णय का उद्देश्य खिलाड़ियों को आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए तैयारी का मौका देना है।

ज्ञात हो कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को लंबे समय तक विश्राम दिया गया है, जिसके कारण वे इस टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लेंगे। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली भी इस टूर्नामेंट के एक दौर में खेलने की संभावना जताई गई है। रोहित ने आखिरी बार 2016 में दलीप ट्रॉफी में हिस्सा लिया था, जबकि कोहली ने 2012 के बाद से घरेलू प्रथम श्रेणी मैच में हिस्सा नहीं लिया है।

दलीप ट्रॉफी की ऐतिहासिकता और इसकी आवश्यकता

दलीप ट्रॉफी का इतिहास भारतीय क्रिकेट में बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी स्थापना 1961-62 में हुई थी और यह भारतीय घरेलू क्रिकेट के प्रमुख टूर्नामेंटों में से एक माना जाता है। इस टूर्नामेंट के माध्यम से कई युवा और अनुभवी खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम के लिए अपनी क्षमता साबित करते हैं। इस साल इसके फॉर्मेट में बदलाव होने का मुख्य उद्देश्य है खिलाड़ियों को और भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में खेलने का मौका देना और उन्हें उनकी पूर्ण क्षमता का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करना।

खिलाड़ियों की तैयारी और महत्व

यह टूर्नामेंट खिलाड़ियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, और बीसीसीआई का यह निर्णय इसे और भी प्रतिष्ठित बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। खिलाड़ियों को आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए तैयार करने के साथ-साथ यह टूर्नामेंट उनकी फिटनेस और फॉर्म को भी जांचने का बेहतरीन मौका है। इससे घरेलू क्रिकेट की गुणवत्ता में सुधार होने की संभावना है और यह खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धात्मकता बनाए रखने में भी मदद करेगा।

दलीप ट्रॉफी का भविष्य

इस नए फॉर्मेट के साथ, दलीप ट्रॉफी का भविष्य बहुत उज्जवल दिख रहा है। यह बदलाव निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और खिलाड़ियों को अपनी क्षमता को विभिन्न स्तरों पर साबित करने का बेहतर मौका देगा। घरेलू क्रिकेट की गुणवत्ता में भी सुधार होगा जिससे राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

इस नए संरचना और प्रणाली के साथ, भारतीय क्रिकेट के प्रशंसकों को उत्साही और रोचक मुकाबले देखने को मिलेंगे जिससे खिलाड़ी भी अपने खेल को और सुधारने में सक्षम होंगे। दलीप ट्रॉफी का यह नया संस्करण निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

By IPL Agent

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