परिचय

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस साल की शुरुआत में श्रेयस अय्यर और ईशान किशन को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया था। इस निर्णय का मुख्य कारण इन दोनों खिलाड़ियों का घरेलू क्रिकेट में भाग नहीं लेना बताया गया। श्रेयस अय्यर ने पीठ दर्द का हवाला देते हुए रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए सेमीफाइनल मुकाबले में खेलने से मना कर दिया था, जबकि इशान किशन ने पूरे घरेलू रेड-बॉल कैलेंडर को छोड़ने का फैसला किया था। इसके बाद, बीसीसीआई के अधिकारी और टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर इनसे नाराज हो गए थे।

जय शाह का सख्त फैसला

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने हाल ही में स्वीकार किया कि ओर आप ऐस खिलाड़ियों को एक सख्त संदेश देने के उद्देश्य से ही उन्हें केंद्रीय अनुबंध से बाहर किया गया था। जय शाह ने कहा कि उन्हें कठोर सजा देना जरूरी था, और इस वजह से ही उन्होंने लाल गेंद वाले क्रिकेट फॉर्मेट, यानी घरेलू क्रिकेट में खेलने का फैसला किया। ये दोनों खिलाड़ी अब अगले दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट में खेलते हुए नजर आएंगे, जिसकी शुरुआत 5 सितंबर से होगी।

राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए घरेलू क्रिकेट की अनिवार्यता

जय शाह ने यह भी साफ किया कि अगर कोई खिलाड़ी इंजर्ड हो जाता है और टेस्ट टीम से बाहर हो जाता है, तो उसे फिर से नेशनल टीम में शामिल होने से पहले घरेलू सर्किट में खुद को साबित करना होगा। उन्होंने रवींद्र जडेजा का उदाहरण दिया, जो दलीप ट्रॉफी में खेलने वाले एकमात्र ए प्लस ग्रेड वाले क्रिकेटर हैं। जय शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, “अगर आप दलीप ट्रॉफी टीम को देखें तो रोहित और विराट के अलावा बाकी खिलाड़ी उसमें खेलेंगे। मैंने जो कठोर कदम उठाए उसके कारण ही श्रेयस अय्यर और ईशान किशन दलीप ट्रॉफी खेल रहे हैं।”

रवींद्र जडेजा का उदाहरण

जय शाह ने कहा कि हम थोड़े सख्त हैं क्योंकि जब रवींद्र जडेजा चोटिल हो गए थे, तो मैंने ही उन्हें बुलाया और घरेलू मैच खेलने के लिए कहा। अब यह तय है कि जो भी खिलाड़ी चोटिल होकर बाहर जाता है, वह घरेलू क्रिकेट में अपनी फिटनेस साबित करने के बाद ही भारतीय टीम में आ सकता है। यह नियम सभी खिलाड़ियों पर समान रूप से लागू होता है, चाहे वे कितने ही प्रतिष्ठित और अनुभवी क्यों न हों। रवींद्र जडेजा ने इस नियम का पालन किया और अपनी फिटनेस साबित की, जिसके बाद वे टेस्ट टीम में वापसी कर पाए।

घरेलू क्रिकेट का महत्व

इस निर्णय से यह स्पष्ट हो जाता है कि बीसीसीआई घरेलू क्रिकेट को कितना महत्व देता है। जय शाह ने कहा, “घरेलू क्रिकेट हमारे खिलाड़ियों के लिए एक अच्छी परीक्षण भूमि है। यह उन्हें उनके खेल में सुधार करने का मौका देता है और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर खेलने के लिए तैयार करता है।” श्रेयस अय्यर और इशान किशन जैसे खिलाड़ी, जिनका भविष्य उज्ज्वल है, को घरेलू क्रिकेट में खेलने से न केवल उनकी खेल की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि उनके स्वास्थ्य और फिटनेस पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया

श्रेयस अय्यर और ईशान किशन ने भी बीसीसीआई के इस निर्णय को सकारात्मक रूप में लिया है। श्रेयस ने कहा, “मैं अपने खेल में सुधार लाने के लिए हमेशा तत्पर हूं और घरेलू क्रिकेट में खेलने का अवसर पाकर मैं खुश हूं। इससे मुझे मेरी फिटनेस और खेल की रणनीति पर काम करने का मौका मिलेगा।” वहीं, ईशान किशन ने कहा, “मैंने हमेशा से घरेलू क्रिकेट को महत्वपूर्ण माना है। बीसीसीआई के इस निर्णय ने मुझे एक नया मौका दिया है और मैं इसे पूरी तरह से भुनाने का प्रयास करूंगा।”

निष्कर्ष

बीसीसीआई का यह कठोर निर्णय खिलाड़ियों के भविष्य के लिए एक सशक्त संदेश है। श्रेयस अय्यर और इशान किशन का घरेलू क्रिकेट में खेलने का निर्णय इस बात का प्रमाण है कि वे फिर से राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। यह दिखाता है कि खेल की उच्चतम स्तर पर पहुंचने के लिए घरेलू क्रिकेट का महत्व अति महत्वपूर्ण है। उम्मीद की जाती है कि इस कदम से अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी घरेलू क्रिकेट में खेलने पर अधिक जोर देंगे।

By IPL Agent

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