परिचय
बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) ने पाकिस्तान के खिलाफ आगामी दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम का ऐलान कर दिया है। इसमें सबसे चर्चित नाम है ऑलराउंडर शाकिब अल हसन का। शाकिब अल हसन का नाम शामिल होना किसी आश्चर्य से कम नहीं है क्योंकि उनकी राजनीति में सक्रियता और इससे जुड़े विवादों ने हाल के दिनों में काफी सुर्खियां बटोरी हैं। शाकिब अल हसन शेख हसीना की सरकार में सांसद थे और इसी कारण उनकी टीम में वापसी को लेकर संशय था। कई लोग उनकी टीम में मौजूदगी से नाराज हैं और इसे लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शाकिब अल हसन की राजनीतिक पृष्ठभूमि
शाकिब अल हसन अवामी लीग पार्टी से चुनाव लड़े थे और सांसद बने थे। हालांकि, बांग्लादेश में हुए सियासी बवाल के बाद उनका यह पद चला गया। इस दौरान बांग्लादेश में कई निर्दोष छात्रों की हत्याएं हुईं और शाकिब का नाम इस सियासी विवाद में बार-बार उछला। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने शाकिब को टीम में शामिल करके मौजूदा एक्टिंग खेल मंत्री आसिफ महमूद की मंजूरी से यह निर्णय लिया। आसिफ महमूद ने कहा, “टीम का चयन मेरिट पर ही होना चाहिए, चाहे खिलाड़ी की पूर्व की राजनीतिक सक्रियता कुछ भी हो।”
पूर्व सदस्य ने उठाए गंभीर सवाल
एएफपी की खबर के मुताबिक बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के पूर्व सदस्य रफिकुल इस्लाम इस फैसले से बिल्कुल भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, “शाकिब कानून बनाने वालों में शामिल थे और वह भी उन लोगों की हत्या के जिम्मेदार हैं। जब छात्रों की हत्या हुई तो उन्होंने कभी विरोध नहीं किया। इन छात्रों में से कई उन्हें अपना आदर्श मानते थे। उन्हें पहले वापस आकर सफाई देनी चाहिए कि वह उन हत्याओं के समय चुप क्यों रहे थे।”
क्रिकेट फैंस की प्रतिक्रिया
शाकिब की टीम में वापसी को लेकर सोशल मीडिया पर भी बवाल मच गया है। कई क्रिकेट फैंस और विश्लेषक इस निर्णय से नाखुश हैं। फैंस का कहना है कि शाकिब को पहले अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों से बाहर आकर सफाई देनी चाहिए। कुछ का मानना है कि शाकिब की टीम में मौजूदगी से टीम के माहौल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
शाकिब का सफाई देना आवश्यक
शाकिब अल हसन को भी इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने अभी तक इन हत्याओं और उस समय उनकी चुप्पी को लेकर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। अगर वह टीम में सम्मान के साथ खेलना चाहते हैं, तो उन्हें पहले इन सवालों का संतोषजनक उत्तर देना होगा। इससे न सिर्फ उनके फैंस का विश्वास बहाल होगा बल्कि टीम के बाकी सदस्यों में भी उनके प्रति सम्मान बढ़ेगा।
भविष्य की कठिनाईयाँ
शाकिब अल हसन की टीम में वापसी से बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। BCB को चाहिए कि वह ऐसी स्थिति में कोई ठोस कदम उठाए ताकि भविष्य में किसी ऐसे खिलाड़ी का चयन न हो, जिसका कर्तव्य निर्वाह संदेह के घेरे में हो। इसके साथ ही, उन्हें टीम के बाकी खिलाड़ियों को भी इस निर्णय से उत्पन्न नकारात्मक माहौल से बचाने के उपाय करने होंगे।
निष्कर्ष
शाकिब अल हसन की वापसी ने निश्चित ही कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। बांग्लादेश के क्रिकेट प्रेमियों के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। यह सही समय है जब शाकिब को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सार्वजनिक रूप से सफाई देनी चाहिए और BCB को भी इस मुद्दे पर उचित कदम उठाना चाहिए ताकि क्रिकेट का खेल और उसमें शामिल सभी सदस्य बिना किसी विवाद के अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।