पेरिस ओलंपिक में विनेश फोगाट का निराशाजनक अंत
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट, जो पेरिस ओलंपिक में गोल्ड मेडल की प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं, बुधवार को अपने महत्वपूर्ण मैच से पहले ही डिस्क्वालिफाई हो गईं। इसके बाद देशभर में खेल प्रेमियों और उनके समर्थकों में भारी निराशा व्याप्त हो गई। विनेश की तबियत खराब होने के चलते उन्हें तुरन्त अस्पताल में भर्ती कराया गया।
। विनेश फोगाट की कमजोरी ऐसी थी कि वे बेहोश हो गईं। उन्होंने पूरी रात न पानी पिया और न ही भोजन किया। वजन घटाने की कोशिशों के बीच यह स्थिति आई। सुबह जब उनका वजन मापा गया, तो वे महत्वपूर्ण मैच से पहले बेहोश हो गईं। ऐसे में स्थिति गंभीर होती देख उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पीटी उषा का दौरा और प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया
पीटी उषा, जो भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष भी हैं, ने तुरंत अस्पताल पहुंचकर विनेश का हालचाल जाना। उषा ने बताया कि विनेश की स्थिति अब स्थिर है लेकिन वे दुखी हैं कि मेडल जीतने से आधी अधूरी रह गईं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर अपने संदेश में ख़ासा दुख और समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, “विनेश, आप चैंपियनों में चैंपियन हैं! आप भारत का गौरव हैं और हर भारतीय के लिए प्रेरणा हैं। आज की घटना दुख देने वाली है। काश मैं शब्दों में उस निराशा को व्यक्त कर पाता जो मैं अनुभव कर रहा हूं। साथ ही मैं जानता हूं कि आप लचीलेपन की प्रतिमूर्ति हैं। चुनौतियों का सामना करना हमेशा से आपका स्वभाव रहा है। मजबूत होकर वापसी करो! हम सब आपके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।”
खेल मंत्री की लोकसभा में जानकारी
खेल मंत्री ने लोकसभा में इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए बताया कि विनेश फोगाट ने फाइनल में जगह बनाई थी और यह देश के लिए एक ऐतिहासिक मौका था। खेल मंत्री ने बताया, “विनेश को बुधवार 7 अगस्त की रात करीब 10 बजे गोल्ड मेडल के लिए अमेरिकी रेसलर सारा एन हिल्डरब्रांट से मुकाबला करना था।”
मंत्री ने बताया कि विनेश की तैयारी के लिए भारतीय खेल मंत्रालय और सरकार ने हर संभव सहायता दी है। उनके लिए हंगरी के कोच वोलेर अकोस और फिजियो अश्विनी पाटिल सहित विशेषज्ञों की टीम नियुक्त की गई थी।
वित्तीय सहायता का विस्तृत विवरण
खेल मंत्री ने आगे बताया, “पेरिस ओलंपिक के लिए विनेश को कुल 70.45 लाख रुपये दिए गए। इनमें टॉप्स के तहत 53.35 लाख रुपये और ACTC के तहत 17.10 लाख रुपये दिए गए। इससे पहले टोक्यो ओलंपिक के लिए 1.66 करोड़ रुपये दिए गए थे। इसके अलावा, बुल्गारिया में 23 दिनों की ट्रेनिंग के लिए 5.44 लाख रुपये और बुडापेस्ट में 16 दिनों की ट्रेनिंग 10.54 लाख रुपये के सहयोग का प्रावधान किया गया।”
भविष्य की दिशा और उम्मीदें
यह घटना विनेश फोगाट और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन उनके लचीले स्वभाव और दृढ़ संकल्प को देखते हुए, उन्हें वापसी करने का पूरा विश्वास है। प्रधानमंत्री और पीटी उषा की तरह पूरा देश उनकी सलामती और वापसी की कामना कर रहा है।
इस घटना ने देशभर में खेल और स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा को भी प्रकट किया है। खेलों में अत्यधिक दबाव और तैयारियों के दौरान खिलाडिय़ों को स्वस्थ और तंदुरुस्त रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमें यकीन है कि विनेश फोगाट इस कठिन समय से और भी मजबूत होकर बाहर आएंगी।
कुल मिलाकर, यह घटना पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए एक दुखद लेकिन प्रेरणादायक अध्याय बन गई है। विनेश फोगाट की कहानी न केवल उनकी प्रतिभा और संघर्ष की है, बल्कि उनकी अडिगता और साहस की मिसाल भी पेश करती है।
ऐसे में, हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि खेल न केवल जीत और हार का नाम है, बल्कि यह उस संघर्ष, साहस और दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी है जो हमें अपनी सीमाओं को पार करने के लिए प्रेरित करता है।