विनेश फोगाट: भारतीय कुश्ती का चमकता सितारा
विनेश फोगाट भारतीय कुश्ती में एक महत्वपूर्ण नाम हैं। वह न सिर्फ अपने प्रदर्शन के लिए, बल्कि अपनी दृढ़ता और समर्पण के लिए भी जानी जाती हैं। पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए सभी भारतीय फैंस को उनसे बडी उम्मीदें थीं। लेकिन किस्मत ने एकबार फिर खेल दिखा दिया।
विनेश का ओलंपिक सपना टूटा
ओलंपिक खेलों में विनेश फोगाट 50 किलोग्राम भार वर्ग में महिला कुश्ती के फाइनल में पहुंची थीं। यह उनके कैरियर का एक महत्वपूर्ण अवसर था। लेकिन फाइनल मुकाबले वाले दिन की सुबह उनका वजन तय भार वर्ग से 100 ग्राम ज्यादा निकला। इस वजह से उन्हें फाइनल मुकाबले में भाग नहीं लेने दिया गया और उनका नाम सबसे नीची रैंक पर रखा गया।
भारतीय फैंस की निराशा
इस घटना से सभी भारतीय फैंस और खेल प्रेमियों के दिल टूट गए। भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन ने इस अजीबोगरीत फैसले को कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में चुनौती देने का फैसला किया। हालांकि, इस फैसले का बदलना मुश्किल ही है। अगर विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफिकेशन से बाहर नहीं निकाला जा सका, तो उनकी मेहनत का फल उन्हें नहीं मिल सकेगा।
हरभजन सिंह का समर्थन
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी हरभजन सिंह ने इस कठिन समय में विनेश फोगाट को समर्थन दिया। एएनआई से बातचीत में हरभजन सिंह ने कहा, ‘इस मुश्किल वक्त में मैं उनके साथ खड़ा हूं। एक खिलाड़ी के जेहन में क्या चल रहा है, वह समझना मुश्किल है, लेकिन मैं खुद एक खिलाड़ी होने के नाते उनके दर्द को महसूस कर सकता हूं। उनके पास ये जिंदगी का सबसे बड़ा मौका था और वह गोल्ड मेडल जीतने के करीब थीं।’
हरभजन सिंह की उम्मीद
हरभजन सिंह ने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा, ‘यह हम सबके लिए बेहद दुखद बात है, पर एक एथलीट इस दुख को समझ सकता है। अगर उनकी अपील मान ली जाती है और उन्हें दोबारा खेलने का मौका मिलता है, तो यह उनके लिए बहुत बड़ी राहत होगी। लेकिन ओलंपिक के नियमों के तहत जो फैसला लिया गया है, वह वापस लेना बहुत मुश्किल है।’
जलते हुए सितारों की प्रशंसा
हरभजन सिंह ने अपनी बात को और भी स्पष्ट तरीके से कहा, ‘लेकिन हां, सिल्वर मेडल तो उन्हें ज़रूर दिया जाना चाहिए क्योंकि वह डिजर्व करती हैं। वह फाइनल तक पहुंचीं और अगर उन्हें खेलने दिया जाता तो वह गोल्ड मेडल लेकर आतीं। मैं विनेश को यह मैसेज देना चाहता हूं कि आप हमारा गोल्ड हो, आप हमारा स्वाभिमान हो, आप देश की शान हो।’
नीरज चोपड़ा की भी तारीफ
हरभजन सिंह ने नीरज चोपड़ा की भी तारीफ़ की, जिन्होंने जैवलिन थ्रो में रजत पदक जीता। हरभजन सिंह ने कहा, ‘ओलंपिक खेलों में जाना ही एक बड़ी बात होती है और वहाँ पर मेडल जीतना बहुत बड़ी उपलब्धि है। बहुत कम एथलीट को ऐसा सौभाग्य मिलता है कि वे अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकें और मेडल जीतकर आ सकें। नीरज के लिए बहुत-बहुत मुबारकबाद, आपने बहुत ही जबरदस्त प्रदर्शन किया। ठीक है कि गोल्ड नहीं आया, लेकिन आप ही हमारे गोल्ड हो। लगातार दो बार जीतना, पिछली बार गोल्ड और इस बार सिल्वर, यह दर्शाता है कि आपने कितनी मेहनत की है।’
खेल में संघर्ष और सफलता
खेल में हार-जीत होती रहती है, यह एक प्रोसेस का हिस्सा है। हरभजन सिंह ने कहा, ‘खेल में ऊपर-नीचे होता है। इस बार सिल्वर सही, अगली बार फिर गोल्ड आएगा,’ यह विचार प्रत्येक एथलीट के लिए प्रेरणा का स्रोत है। विनेश फोगाट और नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी भारतीय युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं और उनकी कथाएँ हमेशा हमें यह सिखाती हैं कि मेहनत और संघर्ष के बल पर ही सफ़लता की ऊँचाइयों को छुआ जा सकता है।
इस मुश्किल समय में भी उनके समर्थन में खड़े होकर, हम सभी को यह याद दिलाने की ज़रूरत है कि असली गोल्ड मेडल दिल में होता है, और विनेश फोगाट और नीरज चोपड़ा जैसे खिलाड़ी हमेशा हमारे दिलों में गोल्ड मेडलिस्ट रहेंगे।