प्रस्तावना
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज सुनील गावस्कर इस बात से हैरान हैं कि आखिर क्यों रोहित शर्मा और विराट कोहली दलीप ट्रॉफी में नहीं खेलेंगे। इससे पहले बीसीसीआई ने साफ किया था कि नेशनल टीम के खिलाड़ी अगर फ्री हैं तो उन्हें घरेलू क्रिकेट में हिस्सा लेना पड़ेगा या फिर कोई खिलाड़ी इंजर्ड हो जाता है और जब वो ठीक हो जाए तो पहले वो घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित करे और फिर नेशनल टीम का हिस्सा बने। इसके अलावा बीसीसीआई ने ये भी कहा था कि बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले तैयारी के लिए भी खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में खेलें।
सीजन की शुरुआत
दलीप ट्रॉफी के इस सीजन की शुरुआत 5 सितंबर से होगी जिसमें भारतीय टीम के ज्यादातर खिलाड़ी खेलेंगे। सिर्फ रोहित शर्मा और विराट कोहली ही इसमें हिस्सा नहीं लेंगे और इस बात ने गावस्कर को हैरानी में डाल दिया है। उन्होंने दावा किया कि टीम के शीर्ष बल्लेबाज बिना अभ्यास के सीधे टेस्ट सीरीज में खेलने उतरेंगे। रोहित शर्मा और विराट कोहली के अलावा जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और हार्दिक पांड्या भी दलीप ट्रॉफी में अनुपस्थित रहेंगे। बुमराह को वर्कलोड की वजह से ब्रेक दिया गया है जबकि शमी टखने की चोट से उबर रहे हैं तो वहीं हार्दिक पांड्या सिर्फ सफेद गेंद के क्रिकेट के लिए ही तैयारी करते हैं।
गावस्कर की प्रतिक्रिया
गावस्कर ने मिड-डे में अपने कॉलम में लिखा कि चयनकर्ताओं ने कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली को दलीप ट्रॉफी के लिए नहीं चुना है, इसलिए वे शायद ज्यादा मैच अभ्यास के बिना ही बांग्लादेश टेस्ट सीरीज में उतरेंगे। उन्होंने आगे कहा कि बुमराह जैसे खिलाड़ी को पीठ से संबंधित परेशानी है और ऐसे में उनके साथ सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत है, लेकिन बल्लेबाजों को लंबे समय के लिए आराम दिया जाना सही नहीं है। गावस्कर ने आगे कहा कि जब कोई खिलाड़ी चाहे वो किसी भी खेल से जुड़ा है अगर उसकी उम्र 30 पार हो जाती है तो उसके लिए लंबे समय का ब्रेक घातक हो जाता है।
उम्र और फॉर्म के मुद्दे
गावस्कर का कहना है कि ऐसे खिलाड़ियों को उच्च स्तर के खेल में अपनी लय को बनाए रखने के लिए लगातार खेलना जरूरी होता है। अगर 30 साल से ज्यादा की उम्र के खिलाड़ियों को लंबा ब्रेक दिया जाता है तो इससे उनकी मांसपेशियां कमजोर होने लगती है और फिर वो जिस लेवल पर खेल रहे होते हैं वहां पर वापसी करना आसान नहीं होता है। गावस्कर ने यह भी बताया कि इस उम्र के खिलाड़ियों को अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है, और उन्हें हर समय फिजिकल और मानसिक दोनों रूप से तैयार रहना चाहिए।
दलीप ट्रॉफी की महत्वपूर्ण भूमिका
दलीप ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण टूर्नामेंट है जिसमें खिलाड़ी अपनी योग्यता साबित करते हैं और राष्ट्रीय चयनकर्ताओं के राडार में आते हैं। गावस्कर ने यह भी कहा कि खेल का मैदान एकमात्र ऐसा स्थान होता है जहां खिलाड़ी अपनी फिटनेस और फॉर्म की वास्तविकता को परख सकते हैं। उनके अनुसार, रोहित और कोहली जैसे मुख्य खिलाड़ियों को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए और अपनी क्षमता को लगातार सुधारते रहना चाहिए।
बीसीसीआई की नीतियों पर सवाल
गावस्कर ने बीसीसीआई की नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यदि बोर्ड ने यह नियम लागू किया है कि नेशनल टीम के खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य है, तो इसका पालन हर खिलाड़ी को करना चाहिए, चाहे वह कितना भी बड़ा स्टार क्यों न हो। इससे न केवल खिलाड़ी की व्यक्तिगत फॉर्म बेहतर होगी, बल्कि पूरे टीम का प्रदर्शन भी सुधरेगा।
समाप्ति
अंततः, गावस्कर की चिंता जायज है और भारतीय क्रिकेट के दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों का दलीप ट्रॉफी में हिस्सा लेना न केवल उनकी खुद की भलाई के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि संभावित युवा खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। इसलिए, यह देखा जाना बाकी है कि इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई क्या कदम उठाता है, और क्या रोहित और कोहली आने वाले समय में घरेलू क्रिकेट में वापस आएंगे।