रॉकी फ्लिंटॉफ का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ के बेटे रॉकी फ्लिंटॉफ ने चेल्टेनहैम में खेले जा रहे दूसरे यूथ मेन्स टेस्ट के तीसरे दिन इतिहास रच डाला। श्रीलंका के खिलाफ अपनी शानदार बल्लेबाजी के दम पर 16 वर्षीय रॉकी ने इंग्लैंड की युवा टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया। इस मैच में उनकी उत्कृष्ट पारी को देखकर उनके पिता एंड्रयू फ्लिंटॉफ भी बेहद गर्वित महसूस कर रहे थे।
रॉकी ने 106 रन की शानदार पारी खेली और इस दौरान उन्होंने अपने अंडर-19 करियर का पहला शतक भी जड़ा। उनकी इस पारी के दम पर इंग्लैंड की टीम ने पहली पारी में 477 रन का बड़ा स्कोर खड़ा किया और श्रीलंका पर 324 रन की विशाल बढ़त हासिल की।
आकर्षक प्रदर्शन
रॉकी फ्लिंटॉफ ने अपनी इस पारी में कुल 181 गेंदों का सामना किया और नौ चौके तथा दो छक्के लगाए। उनकी और जैक कार्नी के बीच छठे विकेट के लिए 78 रनों की बेहतरीन साझेदारी हुई, जिसने इंग्लैंड की पारी को स्थिरता प्रदान की। अपने पहले पेशेवर अनुबंध को अभी पिछले महीने ही लंकाशायर के साथ साइन करने वाले जूनियर फ्लिंटॉफ ने अपनी इस पारी के दौरान संयम और धैर्य का अद्भुत मेल दिखाया।
श्रीलंका की पहली पारी 153 रनों पर सिमट गई थी और ऐसे में इंग्लैंड को बड़ी बढ़त हासिल करने का पूरा मौका मिला। रॉकी ने 178 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया और जल्दी-जल्दी रन बनाने की कोशिश में प्रवीण मनीषा की गेंद पर लॉन्ग-ऑन पर कैच आउट हो गए। पर तब तक इंग्लैंड की स्थिति बेहद मजबूत हो चुकी थी और उनकी बढ़त 300 से भी अधिक हो गई थी।
श्रीलंका की वापसी की कोशिश
हालांकि, श्रीलंका की टीम ने दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन किया। उन्होंने सात विकेट खोकर 246 रन बना लिए थे, लेकिन फिर भी उन्हें मैच बचाने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। श्रीलंका अभी भी 78 रन से पीछे था। महिथ परेरा ने 61 रन की अहम पारी खेली और दिनुरू कालूपाहाना ने 40 रन बनाए। इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 88 रनों की साझेदारी की, जिससे श्रीलंका की पारी थोड़ी स्थिर हुई।
इंग्लैंड के गेंदबाजों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। हैरी मूर और फरहान अहमद ने 2-2 विकेट चटकाए, जिससे श्रीलंका की पारी पर दबाव बना रहा। अब देखना यह है कि श्रीलंका की टीम अपनी दूसरी पारी को कैसे संभालती है और मैच को ड्रॉ करने की कोशिश करती है या नहीं।
अंडर-19 क्रिकेट में नई प्रतिभाओं का उभार
रॉकी फ्लिंटॉफ का यह शतक अंडर-19 क्रिकेट में उनकी कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है। यह सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि इंग्लैंड की युवा टीम के लिए भी महत्वपूर्ण है। इस युग में, युवाओं का आत्मविश्वास और उनकी क्षमता खेलने का तरीका दर्शाता है कि आने वाले समय में इंग्लैंड की सीनियर टीम के लिए निवेश सही दिशा में हो रहा है।
यह देखना भी रोचक होगा कि आगे आने वाले मैचों में रॉकी फ्लिंटॉफ किस प्रकार का प्रदर्शन करते हैं और इंग्लैंड की टीम के लिए और कितने अहम योगदान देते हैं। उनके इस शतक ने सभी प्रशंसकों और क्रिकेट विशेषज्ञों को उन्हें आगे देखने के लिए उत्साहित कर दिया है।
निष्कर्ष
चेल्टेनहैम टेस्ट में रॉकी फ्लिंटॉफ ने जिस तरह से शतक जड़ा है, उसे देखकर यह स्पष्ट है कि वह क्रिकेट की दुनिया में अपने पिता की तरह ही एक महत्वपूर्ण पहचान बनाने के रास्ते पर हैं। उनकी इस शानदार पारी ने न केवल मैच के परिणाम पर गहरा प्रभाव डाला, बल्कि इंग्लैंड की युवा टीम को भी बड़ी उम्मीदें दी हैं। श्रीलंका के खिलाफ इस प्रदर्शन के बाद, सभी की नज़रें अब रॉकी के आगे के मैचों और उनकी क्रिकेट यात्रा पर जुड़ी रहेंगी।