मानवीय हरियाणा से पेरिस तक का सफर
22 साल की भारतीय शूटर मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में वो कमाल कर दिखाया जो भारतीय खेल इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ था। हरियाणा की बेटी मनु ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय तिरंगे को बुलंदियों पर ले जाते हुए एक सीजन में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय शूटर का खिताब अपने नाम किया। मनु ने अपने पहले ओलंपिक पदक के रूप में महिला 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता और फिर इसी जोश और समर्पण के साथ 10 मीटर मिक्स्ड एयर पिस्टल इवेंट में अपने पार्टनर सरबजोत सिंह के साथ मिलकर भारत को दूसरा ब्रॉन्ज मेडल दिलाया।
विश्व मंच पर चमकती भारतीय प्रतिभा
मनु भाकर के लिए ये कोई आकस्मिक सफलता नहीं थी। 22 साल की उम्र में, मनु ने पहले से ही इंटरनेशनल लेवल पर 34 पदक जीतकर अपने नाम एक उज्जवल सितारा बना लिया है। 2024 पेरिस ओलंपिक में दो मेडल जीतने का इतिहास रचने के पहले, मनु ने आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में 9 गोल्ड, 2 सिल्वर और 2 ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। इसके अलावा, उन्होंने यूथ ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने का गौरव हासिल किया है।
मनु की व्यक्तिगत प्रेरणा: विराट कोहली और एमएस धोनी
मनु भाकर न केवल एक उत्कृष्ट शूटर हैं, लेकिन उन्होंने क्रिकेट की दुनिया से भी प्रेरणा लेती रही हैं। पेरिस ओलंपिक की शुरुआत से पहले एक इंटरव्यू के दौरान, मनु ने बताया था कि विराट कोहली और एमएस धोनी उनके फेवरेट क्रिकेटर हैं। उन्होंने कहा था कि विराट कोहली की फाइटिंग स्पिरिट और उनकी जुनूनीता उन्हें बेहद प्रेरित करती है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि कोहली अपने साथ होने वाली हर चीज को कैसे संभालते हैं और इसके बावजूद खेल के प्रति उनका प्यार उन्हें प्रेरणा देता है।
टोक्यो से पेरिस का सफर
मनु भाकर ने अपनी पहली ओलंपिक यात्रा 18 साल की उम्र में टोक्यो ओलंपिक में की थी, जहां वे खाली हाथ लौटी थीं। लेकिन टोक्यो से पेरिस तक के सफर में उन्होंने अपनी कमजोरियों को दूर किया और अपनी प्रतिभा को नए शिखर पर पहुँचाया। पेरिस में उनकी गोलीबारी की गूंज पूरी दुनिया ने सुनी और इसे सभी जानते हैं कि ये भारतीय माटी की बेटी का हौंसला है जिसका मुकाबला करना आसान नहीं।
भारतीय खेलों का भविष्य
मनु भाकर की इस सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय खेलों का भविष्य उज्जवल और प्रेरणास्पद है। उनकी उपलब्धियों ने भारत के शूटरों और अन्य खिलाड़ियों को एक नई दिशा दी है। मनु भाकर जैसे युवा खिलाड़ियों का हौंसला और समर्पण भारत को खेल के नए आयामों तक ले जा रहा है। उनकी कहानी ने नई पीढ़ी को प्रेरणा दी है और यह साबित किया है कि मेहनत और समर्पण से हर मुश्किल पार की जा सकती है।
मनु की मुख्य उपलब्धियां
मनु भाकर ने केवल पेरिस ओलंपिक में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में कई प्रतियोगिताओं में भारत का नाम रोशन किया है। उनकी प्रमुख उपलब्धियों में:
– ओलंपिक में दो पदक जीतना
– आईएसएसएफ वर्ल्ड कप में 9 गोल्ड, 2 सिल्वर, 2 ब्रॉन्ज
– यूथ ओलंपिक में गोल्ड
– वर्ल्ड चैंपियनशिप में 1 गोल्ड, 1 सिल्वर
– एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड
मनु भाकर की कहानी न केवल उनके खेल करियर की, बल्कि उनके संघर्ष, हौंसले और मेहनत की कहानी भी है। उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि सपनों को सच करने के लिए मेहनत, लगन और हौंसले की जरूरत होती है। और जब यह सब मिल जाता है, तो आकाश आपका ही होता है।