पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की शानदार उपलब्धि
भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर देश का मान बढ़ाया है। इस अभूतपूर्व प्रदर्शन के बाद टीम का जोरदार स्वागत हुआ और राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें सम्मानित भी किया गया। विशेष रूप से, दिल्ली और अन्य राज्यों में खिलाड़ियों को सम्मानित करके उनकी मेहनत और उनकी उपलब्धियों को सराहा गया। इसके बाद टीम के खिलाड़ी और कोचिंग स्टाफ ओडिशा पहुंचे, जहां उनका असाधारण स्वागत किया गया।
ओडिशा में भव्य स्वागत
ओडिशा में भारतीय हॉकी टीम का स्वागत देखकर हर किसी का दिल खुश हो गया। बीजू पटनायक हवाई अड्डे पर ढोल-नगाड़ों और फूलों की मालाओं से टीम का स्वागत किया गया। इसके बाद ओडिशा की राजधानी में एक विजय परेड का आयोजन किया गया, जो बीजू पटनायक हवाई अड्डे से शुरू होकर कलिंगा स्टेडियम तक गई। इस परेड में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और टीम पर फूल बरसाए। इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुतियों से माहौल को और भी जोशीला बना दिया।
कालीँगा स्टेडियम में विशेष सम्मान समारोह
कलिंगा स्टेडियम में टीम के खिलाड़ियों का विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और खेल मंत्री ने भाग लिया और टीम के साथ तस्वीरें भी खिंचवाई। मुख्यमंत्री माझी ने इस अवसर पर हॉकी टीम के लिए इनामी राशि की घोषणा की। उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम के प्रत्येक खिलाड़ी के लिए ₹15 लाख, सहयोगी स्टाफ के लिए ₹10 लाख, पीआर श्रीजेश के लिए ₹50 लाख और ओडिशा के स्टार खिलाड़ी अमित रोहिदास के लिए ₹4 करोड़ की घोषणा की।
2036 तक प्रायोजन का वादा
मुख्यमंत्री माझी ने 2036 तक भारतीय हॉकी टीम के लिए ओडिशा का प्रायोजन बढ़ाने का वादा किया। यह निर्णय ओडिशा के महत्वाकांक्षी ‘विजन ओडिशा: Odisha 2036’ के अनुरूप है, जो राज्य की शताब्दी को मनाने का योजनाबद्ध प्रयास है। इस भविष्यगामी योजना के तहत, ओडिशा सरकार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों को समर्थन देने का भी वादा करती है। खेल मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने कहा, “यह भव्य समारोह न केवल हमारे एथलीटों की उल्लेखनीय उपलब्धियों का सम्मान करता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों को आगे बढ़ाने में ओडिशा सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है।”
रोहितदास की वापसी की कहानी
अमित रोहिदास को ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में रेड कार्ड मिला था। इस रेड कार्ड के कारण वह सेमीफाइनल मैच नहीं खेल पाए थे, जिसमें भारतीय टीम को जर्मनी के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था और इस हार के चलते भारतीय टीम फाइनल में नहीं पहुंच पाई थी। लेकिन रोहिदास ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में वापसी की और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन की बदौलत टीम को जीत दिलाई। इस जीत ने ना केवल उनकी व्यक्तिगत क्षमाताओं को पुनः स्थापित किया, बल्कि पूरे देश में उन्हें एक हीरो के रूप में प्रस्तुत किया।
ओडिशा की खेल प्रोत्साहन नीति
ओडिशा सरकार ने हमेशा खेलों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य ने कई खेल परियोजनाओं में निवेश किया है और इसके सकारात्मक परिणाम भी देखे हैं। भारतीय हॉकी टीम को इस स्तर पर पहचान और समर्थन प्रदान करने का उद्देश्य राज्य की युवा पीढ़ी को खेल में रुचि लेने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करना है।
भारतीय हॉकी के भविष्य की झलक
भारतीय हॉकी टीम का यह प्रदर्शन और ओडिशा सरकार का समर्थन यह दर्शाता है कि भारतीय हॉकी का भविष्य उज्ज्वल है। ओडिशा सरकार की पहल ने यह साबित कर दिया है कि यदि सही दिशा और समर्थन मिले तो भारतीय खिलाड़ी दुनिया भर में छा सकते हैं।
यही कारण है कि अब सभी की निगाहें 2036 तक की उन योजनाओं पर टिकी हैं, जो ओडिशा और भारतीय हॉकी की उपलब्धियों को नए आयाम पर ले जाने का मादा रखती हैं।
ओडिशा सरकार का यह कदम भारतीय खेलों के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है, जिससे आने वाले दिनों में और भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी उभर सकते हैं।