भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता
भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर एक बार फिर देश की माटी को गर्वित किया है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे देश में खिलाड़ियों का जोरदार स्वागत हुआ। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लेकर अपने राज्यों के विभिन्न हवाई अड्डों तक, हर जगह टीम का जोरदार स्वागत हुआ। इस बीच, खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर पहुंचे, जहाँ उन्होंने एक शानदार स्वागत समारोह का आनंद लिया।
टीम का स्वागत और विजय परेड
ओडिशा पहुंचने पर, Biju Patnaik International Airport पर ढोल-नगाड़ों, फूलों की मालाओं और पारंपरिक डिजाइनों के बीच टीम का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इसके बाद टीम ने एक विजय परेड में हिस्सा लिया, जो हवाई अड्डे से प्रारंभ होकर कलिंगा स्टेडियम तक गई। यह परेड रास्ते में लोगों का आकर्षण का केंद्र बनी, जहां बड़े पैमाने पर लोग अपने स्कूटी וकारों से इसमें शामिल हुए और टीम पर फूल बरसाए। परेड के दौरान सड़कों पर पटाखों और संगीत की धूम मची रही। इसमें हिस्सा लेना सबके लिए एक यादगार पल बन गया।
कलिंगा स्टेडियम में भव्य स्वागत समारोह
कलिंगा स्टेडियम में पहुँचने पर टीम और कोचिंग स्टाफ का धूमधाम से स्वागत किया गया। यहां ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और खेल मंत्री सूर्यवंशी सूरज भी मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने टीम को बधाई देते हुए उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों की सराहना की और इसके साथ ही खिलाड़ियों के लिए इनामी राशि की घोषणा की।
इनामी राशि की घोषणा
मुख्यमंत्री ने ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम के हर खिलाड़ी के लिए ₹15 लाख और हर सहयोगी स्टाफ के लिए ₹10 लाख की घोषणा की। इसके अलावा टीम के कप्तान पीआर श्रीजेश के लिए ₹50 लाख और ओडिशा के स्टार खिलाड़ी अमित रोहिदास के लिए ₹4 करोड़ की इनामी राशि की घोषणा की। यह घोषणाएँ टीम की मेहनत और समर्पण के प्रति राज्य सरकार की सम्मान और प्रोत्साहन का प्रतीक हैं। इस घोषणा से खिलाड़ी और खेल प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
‘विजन ओडिशा 2036’ की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री माझी ने इस मौके पर एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने 2036 तक भारतीय हॉकी के लिए ओडिशा के प्रायोजन को और बढ़ाने की घोषणा की है। यह कदम राज्य के महत्वाकांक्षी ‘विजन ओडिशा: Odisha 2036’ के अनुरूप है, जो ओडिशा की शताब्दी मनाता है। इस विजन के तहत राज्य सरकार खेलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमित रोहिदास का रेड कार्ड और वापसी
ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिला था, जिसके चलते वह सेमीफाइनल मैच नहीं खेल पाए थे। सेमीफाइनल में भारत को जर्मनी के खिलाफ हार मिली थी, जिससे उनका फाइनल खेलने का सपना टूट गया था। हालांकि, रोहिदास ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में जोरदार वापसी की और टीम को शानदार जीत दिलाई। उनकी इस वापसी ने टीम के हर सदस्य और दर्शकों को प्रेरित किया और उनका आत्मविश्वास बढ़ाया।
सरकार की भूमिका और भविष्य के लक्ष्यों की बात
खेल मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने इस अवसर पर कहा, “यह भव्य समारोह न केवल हमारे एथलीटों की उल्लेखनीय उपलब्धियों का सम्मान करता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों को आगे बढ़ाने में ओडिशा सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका को भी रेखांकित करता है।” उन्होंने सरकार की खेल के प्रति प्रतिबद्धता और भविष्य के लक्ष्यों की बात भी की, जिससे खिलाड़ियों की हौंसला अफजाई हुई।
इसी के साथ, यह बात स्पष्ट हो गई है कि सरकार और जनता दोनों ही भारतीय हॉकी टीम की सफलता के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध हैं। ओडिशा सरकार का यह समर्थन न केवल खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनता है बल्कि आने वाले समय में खेलों के विकास के लिए नए अवसर भी खोलता है।
अतः, इस ऐतिहासिक जीत पर टीम और सरकार का यह संयुक्त उत्सव पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। भारतीय हॉकी टीम न केवल अपनी जीतो के लिए, बल्कि अपनी मेहनत और संघर्ष के लिए भी याद की जाएगी।