भारतीय टीम का आगामी ऑस्ट्रेलिया दौरा
भारतीय टीम को इस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया दौरा करना है। यह दौरा न सिर्फ दोनों टीमों के बीच की प्रतिद्वंद्विता को फिर से जीवित करने का अवसर होगा, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों के लिए भी एक रोचक अनुभव बनेगा। पिछले दो दौरों पर भारतीय टीम ने कंगारुओं पर भारी पड़ते हुए अहम जीत हासिल की थी। हालांकि, शुरुआत हमेशा से ऐसी नहीं रही है। पहले दौरों में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम पर अपना प्रभुत्व स्थापित किया था।
प्रारंभिक दौरों में ऑस्ट्रेलिया का वर्चस्व
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहली टेस्ट सीरीज 1947-48 के बीच खेली गई थी। उस समय भारतीय टीम अपने शुरुआती वर्षों में थी और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ प्रदर्शन करना बड़ी चुनौती थी। यह सीरीज 5 मैचों की थी, जिसमें भारत को 4-0 से हार का सामना करना पड़ा था।
इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रेडमैन ने अपने अद्वितीय खेल का प्रदर्शन करते हुए 178 से ज्यादा की औसत से 715 रन बनाए थे। यह रनसंख्या उन्हें उन दिनों के महान बल्लेबाजों में सबसे ऊपर रखती है।
भारतीय बल्लेबाजों का उत्कृष्ट प्रदर्शन
हालांकि, इस सीरीज में भारतीय बल्लेबाज भी पीछे नहीं थे। टॉप-5 स्कोरर में 3 भारतीय बल्लेबाज शामिल थे। विजय हजारे ने 10 पारियों में 429 रन बनाए, दत्तात्रेय गजानन फडकर ने 8 पारियों में 314 रन, और वीनू मांकड ने 10 पारियों में 306 रन बनाकर अपनी श्रेष्ठता साबित की। इन बल्लेबाजों का योगदान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के लिंडसे हैसेट ने भी 3 पारियों में 332 रन बनाकर टॉप-5 स्कोरर में अपना स्थान बनाया था।
गेंदबाजी में ऑस्ट्रेलिया का आधिपत्य
पहली सीरीज में गेंदबाजी के मामले में ऑस्ट्रेलिया का दबदबा रहा। टॉप-5 विकेट लेने वाले गेंदबाजों में से 4 ऑस्ट्रेलियाई थे। भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लाला अमरनाथ ने लिए थे। लाला अमरनाथ उन क्रिकेटर्स में से एक रहे हैं, जो विकेटकीपिंग के साथ-साथ गेंदबाजी भी कर सकते थे। उन्होंने 6 पारियों में 13 विकेट लिए थे। इसके अलावा वीनू मांकड ने 12 विकेट अपने नाम किए थे।
ऑस्ट्रेलिया के रे लिंडवॉल ने सबसे ज्यादा 18 विकेट लिए थे, जबकि बिल जॉनस्टन ने 16 विकेट लेकर अपने टीम का मजबूत दबदबा सुनिश्चित किया था।
मैच दर मैच सीरीज का विवरण
5 मैचों की टेस्ट सीरीज में भारत को बुरी तरह से हार झेलनी पड़ी थी। ब्रिस्बेन में खेले गए पहले टेस्ट में भारत को पारी और 226 रन से हार मिली थी। सिडनी में खेला गया दूसरा टेस्ट ड्रॉ रहा था, जो भारतीय टीम के लिए कुछ राहत की बात थी। तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 233 रन से हराया, और एडिलेड में चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने पारी और 16 रन से जीत दर्ज की। मेलबर्न में खेले गए पांचवें टेस्ट में भी ऑस्ट्रेलिया ने पारी और 177 रन से भारतीय टीम को पराजित किया।
आगामी दौरे की उम्मीदें
अब, भारतीय टीम और उसके फैंस इस साल के अंत में होने वाले ऑस्ट्रेलिया दौरे की प्रतीक्षा कर रहे हैं। पिछले दो दौरे भारतीय टीम के लिए सफल रहे हैं और टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जीत दर्ज करके इतिहास रचा था। उम्मीद है कि इस बार भी भारतीय टीम उसी जोश और समर्पण के साथ मैदान में उतरेगी और एक और शानदार प्रदर्शन करेगी।
इस बार की सीरीज में दोनों टीमों के बीच तीव्र मुकाबला होने की पूरी संभावना है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया घरेलू मैदान पर अपने प्रदर्शन को सुधारना चाहेगा। वहीं, भारतीय टीम उस धार को बनाए रखने का प्रयास करेगी, जो उसने पिछले दो दौरों में हासिल की थी।
यह समय ही बताएगा कि कौन सी टीम जीत का सेहरा पहनेगी, लेकिन एक बात निश्चित है कि क्रिकेट प्रेमियों को एक रोमांचक और उत्साहपूर्वक सीरीज का आनंद लेने को मिलेगा।