पेरिस पैरालंपिक में इतिहास रचते सुमित अंतिल
भारत के स्टार भाला फेंक खिलाड़ी सुमित अंतिल ने एक बार फिर से अपने शानदार प्रदर्शन के साथ देश का नाम रोशन किया है। सोमवार, 2 सितंबर 2024 की देर रात सुमित अंतिल ने पेरिस खेलों में 70.59 मीटर की भाला फेंक कर नया पैरालंपिक रिकॉर्ड कायम किया और स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इससे पूर्व 2020 के टोक्यो खेलों में भी सुमित ने स्वर्ण पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया था। इस तरह से सुमित अंतिल पैरालंपिक खेलों में खिताब बचाने वाले पहले भारतीय पुरुष और देश के दूसरे एथलीट बन गए हैं।
स्वर्ण पदक के साथ देश को दिलाया तीसरा गोल्ड
सुमित अंतिल के इस अद्वितीय प्रदर्शन ने भारत को वर्तमान पैरालंपिक खेलों में तीसरा स्वर्ण पदक दिलाया। इस प्रदर्शन के दौरान उन्होंने 70.59 मीटर का नया पैरालंपिक रिकॉर्ड भी बना डाला, जो उनके पहले बने 68.55 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कायम किया। उनके अंतिम प्रयास में 66.57 मीटर की फेंक के साथ उन्होंने अपना अभियान समापन किया।
अन्य भारतीय प्रतिद्वंद्वियों का प्रदर्शन
सुमित के साथ ही अन्य भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी संदीप और संदीप संजय ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। संदीप ने 62.80 मीटर की फेंक कर चौथे स्थान पर और संदीप संजय ने 58.03 मीटर की फेंक कर सातवें स्थान पर अपना अभियान समाप्त किया।
हरियाणा के होनहार एथलीट की कहानी
सुमित अंतिल हरियाणा के सोनीपत जिले से आते हैं और मात्र 26 साल की उम्र में उन्होंने विश्व रिकॉर्ड धारक का खिताब भी अपने नाम किया है। तीन साल पहले हुए टोक्यो पैरालंपिक में 68.55 मीटर की फेंक कर उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। सुमित का वर्तमान विश्व रिकॉर्ड 73.29 मीटर का है, जो उन्होंने अपने कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों के फलस्वरूप हासिल किया है।
एफ64 श्रेणी और सुमित की अनूठी जीत
एफ64 श्रेणी उन एथलीट्स के लिए होती है जो निचले अंगों में समस्या से ग्रस्त होते हैं और कृत्रिम अंगों की मदद से प्रतिस्पर्धा करते हैं। इस श्रेणी में सुमित अंतिल का कद्र न केवल उनके असाधारण शारीरिक कौशल को दर्शाता है बल्कि उनकी मानसिक शक्ति और प्रेरणा का भी परिचय देता है।
मज़बूत पहल के साथ सुमित का आत्मविश्वास
सुमित ने अपने पहले ही प्रयास में 69.11 मीटर की भाला फेंक कर टोक्यो 2020 पैरालंपिक खेलों का रिकॉर्ड (68.55 मीटर) तोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने अगले राउंड में 70.59 मीटर की फेंक के साथ फिर से नया रिकॉर्ड बनाया। उनके अन्य प्रयासों में 66.66 मीटर, एक फाउल, 69.04 मीटर और 66.57 मीटर की फेंकें शामिल थीं।
अन्य पदक विजेताओं का प्रदर्शन
सुमित के साथ श्रीलंका के दुलान कोडिथुवाक्कू ने 67.03 मीटर की फेंक के साथ रजत पदक जीता और एफ44 श्रेणी में नया विश्व रिकॉर्ड भी बनाया। ऑस्ट्रेलिया के मिशल बुरान ने 64.89 मीटर की फेंक के साथ कांस्य पदक जीता।
पैरालंपिक में भारत की ओवरऑल सफलता
सुमित के स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही वर्तमान पैरालंपिक संस्करण में भारत के पदकों की कुल संख्या 14 हो गई है, जिसमें तीन स्वर्ण, पांच रजत और छह कांस्य पदक शामिल हैं। भारतीय एथलीट्स की इस सफलता ने पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ा दी है और हर ओर सुमित अंतिल की तारीफों के पुल बाँधें जा रहे हैं।
सुमित अंतिल का यह प्रदर्शन न केवल उनके व्यक्तिगत करियर की बुलंदियों को छूने की कहानी है, बल्कि यह समूचे भारत के खेल इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत भी है। उनके इस जज्बे और मेहनत को सलाम करते हुए हमें यकीन है कि वे भविष्य में भी अपने अद्वितीय कौशल और समर्पण से देश का नाम ऊँचा करते रहेंगे।