भारत का शानदार प्रदर्शन

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन नवोदित उचाइयों पर पहुँच चुका है। अब तक पैरालंपिक के इस महाकुंभ के केवल 5 दिन बीते हैं और भारत के पास पहले से ही 12 पदक गिने जा रहे हैं। यह देश के खेल प्रेमियों के लिए गर्व का क्षण है और दुनिया के समक्ष भारतीय खेल प्रतिभा का प्रदर्शन भी।

सुहास यतिराज : एक अद्वितीय खिलाडी

भारत के 12वें पदक विजेता बनकर हमारे बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यतिराज ने अपने शानदार खेल से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। हालांकि वे पुरुष एकल बैडमिंटन की SL4 स्पर्धा के फाइनल में फ्रांस के गत चैंपियन लुकास माजुर से 9-21, 13-21 से हार गए, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इतिहास रच दिया। सुहास यतिराज पैरालंपिक के इतिहास में बैडमिंटन में दो मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।

फाइनल की चुनौतियाँ

सुहास यतिराज को फाइनल में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भी उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था। लेकिन लुकास माजुर ने एक बार फिर उन्हें मात दी। यह मुकाबला 34 मिनट तक चला जिसमें लुकास ने घरेलू परिस्थितियों का भरपूर फायदा उठाया।

पहला गेम तो लुकास ने महज 14 मिनट में ही जीत लिया। दूसरे गेम में जबकि सुहास ने संघर्ष किया, लेकिन वे लुकास की चुनौती से पार नहीं पा सके और 20 मिनट में गेम को गंवा दिया।

भारतीय समर्थकों की उम्मीदें

सुहास यतिराज का हारना, 140 करोड़ भारतीयों को निराश कर गया, क्योंकि वे पेरिस पैरालंपिक खेलों में गोल्ड पदक के प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। हालांकि, यह हार दिल को तोड़ने वाली थी, लेकिन सुहास यतिराज ने अपनी मेहनत और धैर्य से भारत का मान बढ़ाया।

सुहास यतिराज का संकल्प

2007 बैच के आईएएस अधिकारी और 41 साल के सुहास यतिराज को 3 साल पहले टोक्यो पैरालंपिक में भी लुकास माजुर ने ही हराया था। बाएं टखने में विकार के साथ पैदा हुए सुहास यतिराज एसएल4 वर्ग में खेलते हैं। वह अपने अद्वितीय संकल्प और दृढ़ता के कारण इस मुकाम पर पहुंचे हैं।

पेरिस पैरालंपिक में भारत के पदक

पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत के अब 2 स्वर्ण, 5 रजत और 5 कांस्य पदक हो गए हैं। निशानेबाज अवनी लेखरा और शटलर नितेश कुमार ने अपने-अपने वर्गों में स्वर्ण पदक जीते। इसके अलावा, पुरुष हाई जम्प में निषाद कुमार, पुरुष डिस्कस थ्रो में योगेश कथुनिया, और पुरुष एकल बैडमिंटन SL में सुहास यतिराज ने रजत पदक जीते हैं।

कांस्य पदक विजेता

प्रीति पाल ने महिलाओं की 100 मीटर T35 और महिलाओं की 200 मीटर T35 में ब्रॉन्ज मेडल जीते। इसके अलावा महिला एकल बैडमिंटन की SU5 स्पर्धा में मनीषा रामदास, महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल SH1 में रूबीना फ्रांसिस और महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में मोना अग्रवाल ने कांस्य पदक जीते।

भारतीय खेलों की नई उचाईयां

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन दिखाता है कि आज भारत एक खेल महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। हमारे खिलाड़ी संकट और चुनौतियों का सामना करते हुए विजय प्राप्त कर रहे हैं। इस प्रकार के प्रदर्शन देश के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं और भारतीय खेलों के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करते हैं।

इस प्रकार, पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय खिलाड़ियों द्वारा किए गए शानदार प्रदर्शन ने ना केवल देश का गौरव बढ़ाया है बल्कि एक नेशनल आइकन के रूप में उन्हें स्थापित भी किया है।

By IPL Agent

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