पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय शूटिंग का नया युग

2024 के पेरिस ओलंपिक में शूटिंग स्पर्धाओं में भारत ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया है। गुरुवार, 1 अगस्त को भारतीय शूटर स्वप्निल कुसाले ने 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया। इस आयोजन में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारत ने एक ही खेल में तीन मेडल हासिल किए हैं और तीनों ही मेडल ब्रॉन्ज हैं। यह उल्लेखनीय उपलब्धि भारतीय शूटिंग के इतिहास में एक मील का पत्थर है।

स्वप्निल कुसाले का सफर

स्वप्निल कुसाले के लिए यह पदक जीतना एक लंबी और संघर्षपूर्ण यात्रा का परिणाम है। पेरिस ओलंपिक से पहले स्वप्निल मामूली अंतर से विश्व चैंपियनशिप और एशियाई खेलों में पदक से चूक गए थे। दोनों ही आयोजनों में वह चौथे स्थान पर रहे थे, जो उनके लिए एक बड़ी निराशा थी। लेकिन उन्होंने हार न मानते हुए अपनी मेहनत जारी रखी और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

फाइनल में रोमांचक मुकाबला

50 मीटर राइफल 3 पोजीशन इवेंट के फाइनल में स्वप्निल कुसाले का प्रदर्शन महान था। निलिंग स्टेज के बाद वह 153.3 के स्कोर के साथ छठे स्थान पर थे। प्रोन स्टेज के बाद वह 310.1 के स्कोर के साथ पांचवें स्थान पर पहुंच गए। इस समय तीसरे स्थान पर मौजूद यूक्रेन के सेरही कुलिश और कुसाले के बीच 0.6 का अंतर था। पहले स्टैंडिंग शॉट्स में कुसाले ने 51.1 के स्कोर के साथ चौथे स्थान पर जगह बनाई और वह तीसरे स्थान से केवल 0.4 अंक दूर थे।

मनु भाकर की ऐतिहासिक उपलब्धि

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का खाता खोलने का श्रेय 22 साल की शूटर मनु भाकर को जाता है। उन्होंने 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतकर भारतीय दल के लिए पहला मेडल हासिल किया। उनके इस प्रदर्शन ने देश को गर्व से भर दिया और उन्हें भारतीय शूटिंग का नया सितारा बना दिया।

मिश्रित टीम में सफलता

मनु भाकर और सरबजोत सिंह की जोड़ी ने 10 मीटर मिक्सड टीम ब्रॉन्ज मेडल इवेंट में एक और कांस्य पदक जीतकर भारतीय दल की झोली में दूसरी सफलता डाली। मनु और सरबजोत की जोड़ी के तालमेल और मेहनत ने उन्हें इस सफलता तक पहुंचाया और इस जीत ने भारतीय शूटिंग को एक नई पहचान दी।

स्वप्निल कुसाले का शूटिंग करियर

स्वप्निल कुसाले का शूटिंग करियर हमेशा से ही शानदार रहा है। 2015 में स्वप्निल ने कुवैत में आयोजित एशियाई शूटिंग चैंपियनशिप में 50 मीटर राइफल प्रोन 3 इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 50 मीटर राइफल प्रोन स्पर्धा में गगन नारंग और चैन सिंह से आगे रहकर तुगलकाबाद में आयोजित 59वीं राष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप भी जीती। इसके बाद 61वीं राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने अपनी प्रतिभा और क्षमता का प्रमाण दिया।

भारतीय शूटिंग का सुनहरा भविष्य

पेरिस ओलंपिक में भारतीय शूटिंग के इस प्रदर्शन से देश के युवा शूटरों को नई प्रेरणा मिली है। स्वप्निल कुसाले, मनु भाकर और सरबजोत सिंह के इस ऐतिहासिक उपलब्धियों ने यह निश्चित कर दिया है कि भारतीय शूटिंग का भविष्य उज्जवल है। आने वाले वर्षों में और भी युवा शूटर देश का नाम रोशन करेंगे और भारतीय खेलों में नई ऊचाइयों को छुएंगे।

निष्कर्ष

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय शूटिंग टीम का यह शानदार प्रदर्शन न केवल देश के खेल प्रेमियों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि मेहनत और संघर्ष के माध्यम से किसी भी सपने को साकार किया जा सकता है। स्वप्निल कुसाले, मनु भाकर और सरबजोत सिंह की इस उपलब्धि ने न केवल भारतीय शूटिंग को एक नया आयाम दिया है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल कायम की है। हमें गर्व है हमारे शूटरों पर और उनके इस ऐतिहासिक योगदान के लिए हम उनके आभारी हैं।

By IPL Agent

💲Daily Check-In Free Bonus💲 💵 Sign Up & Login everyday to get free cash!💵 👉 cricket1.in