पराजित सेमीफाइनल

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने सेमीफाइनल में जर्मनी से 3-2 की हार का सामना किया। मंगलवार (6 अगस्त) को खेले गए इस महत्वपूर्ण मुकाबले में हमारे खिलाड़ियों ने पूरी मेहनत और संघर्ष किया, लेकिन जर्मन टीम की सटीक रणनीति और तेज़ खेल के सामने झुक गए। इस हार के साथ ही 44 वर्षों का लंबा इंतजार खत्म नहीं हो सका और 1980 के बाद ओलंपिक फाइनल में पहुंचने का सपना एक बार फिर टूट गया।

कांस्य पदक की उम्मीद

पेरिस ओलंपिक 2021 की ही तरह, भारतीय टीम के पास अभी भी कांस्य पदक जीतने का मौका है। भारतीय पुरुष हॉकी टीम अब 8 अगस्त को स्पेन के साथ कांस्य पदक के लिए मुकाबला करेगी। इस हार के बावजूद, टीम का मनोबल ऊँचा है और वे अपने देश के लिए मेडल जीतने का दृढ़ संकल्प लेकर मैदान में उतरेंगे। विश्व प्रसिद्ध गोलकीपर प्रीआर श्रीजेश के करियर का यह आखिरी मैच होगा, जिन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पेरिस ओलंपिक के बाद वह हॉकी से संन्यास ले लेंगे।

सेमीफाइनल का रोमांचक विवरण

सेमीफाइनल में शुरुआती क्षणों में, भारतीय टीम ने आक्रामक रूप से खेलते हुए सातवें मिनट में पहला गोल किया। कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने तीसरे पेनल्टी कॉर्नर से गोल दाग कर भारत को बढ़त दिलाई। लेकिन जर्मन टीम ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही जवाब दिया। 18वें मिनट में गोंजालो पेइलाट ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया और मैच को बराबरी पर ला खड़ा किया। 27वें मिनट में जर्मनी ने फिर से पेनल्टी कॉर्नर का लाभ उठाकर स्कोर 2-1 कर लिया।

पहले हाफ के बाद भारतीय टीम 1-2 से पीछे थी लेकिन संघर्ष जारी रहा। तीसरे क्वार्टर में 36वें मिनट पर भारत ने सुखजीत सिंह के गोल से स्कोर 2-2 से बराबर कर लिया। इसके बाद भी मुकाबला बहुत रोमांचक रहा। अंतिम क्वार्टर में 54वें मिनट में जर्मनी ने एक और गोल दागकर 3-2 की बढ़त बना ली। अंत तक भारतीय टीम गोल करने के प्रयास करती रही लेकिन सफल नहीं हो सकी। यहां तक कि खेले के अंतिम क्षणों में टीम ने अपनी पूरी ताकत लगा दी और गोलकीपर के बिना, 11 खिलाड़ियों ने एक साथ प्रयास किया, लेकिन कोई गोल नहीं कर सके।

प्रमुख खिलाड़ी और योगदान

भारतीय टीम की ओर से कप्तान हरमनप्रीत सिंह और सुखजीत सिंह ने शानदार प्रदर्शन किया। हरमनप्रीत सिंह ने 7वें मिनट में भारत का पहला गोल किया, जबकि सुखजीत सिंह ने 36वें मिनट में मैच को बराबरी पर ला दिया। जर्मनी की ओर से गोंजालो पेइलाट ने 18वें मिनट में, क्रिस्टोफर रूहर ने 27वें मिनट में और मार्को मिल्टकौ ने 54वें मिनट में गोल किया।

महत्वपूर्ण मोड़

इस मुकाबले में भारतीय टीम ने अपने कौशल और सामर्थ्य का प्रदर्शन किया। क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम ने ब्रिटेन को हराने की संतुष्टि प्राप्त की थी, जिसमें उन्हें 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना पड़ा था, क्योंकि अमित रोहिदास को रेड कार्ड मिला था। अमित इस रेड कार्ड के कारण सेमीफाइनल में नहीं खेल पाए। लेकिन सेमीफाइनल मुकाबले में जर्मनी की कड़ी चुनौती ने भारतीय टीम के हौसले को परखा।

भविष्य की रणनीति

भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन पेरिस ओलंपिक में बेशक प्रेरणादायक रहा है। टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 52 साल बाद हराकर अपनी शक्ति का परिचय दिया। सेमीफाइनल में हार से सबक लेकर, अब टीम का ध्यान 8 अगस्त को स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक जीतने पर है। दिग्गज गोलकीपर प्रीआर श्रीजेश के लिए अंतिम ओलंपिक मैच को यादगार बनाने के लिए पूरी टीम अपनी जान लगा देगी।

भारतीय हॉकी टीम के इस संघर्ष और खेल भावना को सलाम करते हुए, हमें उम्मीद है कि भविष्य में वे और भी मजबूत होकर लौटेंगे और 44 वर्षों के इस इंतजार को समाप्त करेंगे।

आइए, पूरे देश के साथ मिलकर हमारी टीम को शुभकामनाएं दें और उनके संघर्ष और मेहनत को सराहें। जय हिंद!

By IPL Agent

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