पेरिस ओलंपिक 2024 की धूम मची हुई है और हर देश अपने खिलाड़ियों की उपलब्धियों पर गर्व कर रहा है। इस बार का ओलंपिक भारतीय खेलप्रेमियों के लिए उत्साहजनक रहा है क्योंकि भारत ने अब तक पांच पदक जीते हैं। लेकिन हैरान कर देने वाला तथ्य ये है कि पाकिस्तान ने सिर्फ एक स्वर्ण पदक जीतकर भारत से 11 पायदान ऊपर स्थान पा लिया है। आइए जानते हैं कैसे ओलंपिक की रैंकिंग तय होती है और पाकिस्तान को ऊंचा स्थान कैसे मिला।

ओलंपिक रैंकिंग का मानदंड

ओलंपिक खेलों में देशों की रैंकिंग का फैसला स्वर्ण पदक के आधार पर किया जाता है। यह मानक बताता है कि कोई देश पदक कितने भी जीत ले, अगर उसके पास सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक नहीं हैं तो वो शीर्ष पर नहीं रह सकता। यही कारण है कि भले ही भारत ने पांच पदक जीते हों, मगर पाकिस्तान का एक स्वर्ण पदक उसे भारत से ऊंचा स्थान दिला दिया।

भारत की उपलब्धियां

भारत ने पेरिस ओलंपिक 2024 में अब तक पांच पदक जीते हैं। इनमें तीन कांस्य पदक शूटिंग में, एक कांस्य पदक हॉक� में और एक रजत पदक जैवलिन थ्रो में शामिल है। भारत का खाता मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक जीतकर खोला। इसके बाद मिक्स्ड टीम इवेंट में उन्होंने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर एक और कांस्य पदक जीता। इसके बाद स्वप्निल कुसाले ने पुरुष 50 मीटर 3P में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा हॉकी में भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता।

नीरज चोपड़ा की अद्वितीय कोशिश

जैवलिन थ्रो इवेंट में नीरज चोपड़ा ने रजत पदक जीता। नीरज को गोल्ड मेडल की उम्मीद थी लेकिन पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का थ्रो कर स्वर्ण पदक जीत लिया। इसके साथ ही पाकिस्तानी खिलाड़ी ने भारत से इस इवेंट में बाजी मार ली और पाकिस्तान के लिए ओलंपिक में एक मात्र स्वर्ण पदक दिलाया।

क्या कहते हैं आंकड़े?

शुक्रवार (9 अगस्त) को दोपहर 1.30 बजे तक पाकिस्तान 53वें और भारत 64 वें नंबर पर था। पदकों की संख्या के बावजूद, स्वर्ण पदक के महत्वपूर्ण मानक ने पाकिस्तान को उच्च स्थान दिलाया। अमेरिका शीर्ष पर है और उसके और चीन के बीच सिर्फ एक स्वर्ण पदक का अंतर है।

पदक तालिका में भारत-पाकिस्तान का स्थान

नीचे पदक तालिका में भारत और पाकिस्तान के अलावा शीर्ष 10 देशों की रैंकिंग दी गई है:

  1. अमेरिका
  2. चीन
  3. जापान
  4. रूस
  5. ग्रेट ब्रिटेन
  6. ऑस्ट्रेलिया
  7. जर्मनी
  8. फ्रांस
  9. इटली
  10. दक्षिण कोरिया
  11. पाकिस्तान (53वें स्थान पर)
  12. भारत (64वें स्थान पर)

रैंकिंग सिस्टम की विशेषताएं

ओलंपिक की रैंकिंग प्रणाली में प्राथमिकता पदकों के रंग को दी जाती है। स्वर्ण पदक का अधिक महत्व होने के कारण कई बार पदकों की संख्या अधिक होने के बाद भी देशों को नीचे स्थान मिलता है। इसमें रजत पदक और फिर कांस्य पदक की गणना की जाती है। इस बार पेरिस में भी यही मानक अपनाया गया, जिससे पाकिस्तान का एकमात्र स्वर्ण पदक उसे भारत से ऊंचा स्थान दिला सका।

भविष्य की उम्मीदें

हालांकि, भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत और कोशिशें अनवरत जारी हैं। आगामी दिन और इवेंट में भारतीय खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से देश को और अधिक पदक दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे। उम्मीद की जा रही है कि अगले इवेंट्स में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन और बेहतर होगा और वे देश को गर्व का मौका देंगे।

इस प्रकार, स्वर्ण पदक के महत्व और उसकी प्राथमिकता को समझना महत्वपूर्ण है। वहीं, खिलाड़ियों की मेहनत और राष्ट्र के समर्थन से ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन करना और भी महत्वपूर्ण है। देखते हैं आने वाले दिनों में कौन-कौन से खिलाड़ी और पदक लेकर आते हैं और देश का नाम रोशन करते हैं।

पेरिस ओलंपिक 2024 में अभी और भी रोमांचक मुकाबले बाकी हैं, जिनमें भारतीय खिलाड़ी अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगे। सभी को उम्मीद है कि इस बार का ओलंपिक भारत के लिए खास रहेगा और हमारी पदकों की संख्या में और इजाफा होगा।

By IPL Agent

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