भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल पर लगे गंभीर आरोप
पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान भारतीय पहलवान अंतिम पंघाल को उनके 53 किलोग्राम वर्ग में हराने के बाद एक और दिशा में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खेल गांव में उन्हे और उनकी बहन को पुलिस ने समन किया है। अंतिम पर अपनी बहन को खेल गांव में घुसाने का आरोप लगाया गया है, जो ओलंपिक नियमों का बड़ा उल्लंघन माना जाता है।
सूत्रों की जानकारी
द इंडियन एक्सप्रेस को मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले की श्रृंखला को देखते हुए अंतिम और उनकी बहन को गुरुवार को भारत वापस भेजा जा सकता है। इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) ने बयान में कहा, “भारतीय ओलंपिक संघ ने फ्रांसीसी अधिकारियों की ओर से आईओए के संज्ञान में अनुशासनात्मक उल्लंघन लाए जाने के बाद पहलवान अंतिम और उनके सहयोगी स्टाफ को वापस भेजने का फैसला किया है।”
कानूनी उलझनें
अंतिम के सहयोगी स्टाफ कोच भगत सिंह और विकास एक अन्य पुलिस मामले में भी उलझ गए हैं। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने बुधवार शाम को खेल गांव से अपने होटल के लिए एक कैब ली थी। होटल पहुंचने पर उन्होंने कैब ड्राइवर को पैसे देने से मना कर दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इस घटना के बाद, कैब ड्राइवर ने पुलिस से संपर्क किया।
प्रतिस्पर्धा और हार
अंतिम ने बुधवार को 53 किलोग्राम भार वर्ग में ओलंपिक में डेब्यू किया। इस भार वर्ग में पहले विनेश फोगाट प्रतिस्पर्धा करती थीं और भारत को अंतिम से पदक की बड़ी उम्मीद थी। उन्होंने पहले दौर के मुकाबले में जेनेप येटगिल के खिलाफ प्रतिस्पर्धा की, जिसमें वह हार गईं। 19 वर्षीय यह खिलाड़ी मैदान से आंसुओं के साथ बाहर निकली और अपनी बहन और कोचों के साथ होटल लौट गईं।
घुसपैठ का घटनाक्रम
होटल में पहुँचने के बाद, अंतिम ने अपनी बहन से अपना सामान पैक करने और गांव में उनके साथ जाने को कहा। यहां अंतिम ने अपने एक्रेडिशन कार्ड का उपयोग करके कड़ी सुरक्षा चौकियों को पार किया। इसके बाद उन्होंने अपना कार्ड अपनी बहन को दे दिया और उनकी बहन खेल गांव में घुसने की कोशिश करने लगी। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उनकी बहन को पकड़ लिया और स्थिति स्पष्ट होते ही पुलिस को सूचना दी गई।
फ्रांसीसी अधिकारियों की प्रतिक्रिया
फ्रांसीसी अधिकारियों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और भारतीय टीम के अधिकारियों को सूचित किया। इसके चलते, अंतिम और उनकी बहन को बुधवार की देर शाम को पुलिस स्टेशन में बुलाया गया। पुलिस ने अनुशासनात्मक उल्लंघन को गंभीरतापूर्वक लिया और भारतीय टीम को सलाह दी गई है कि उन्हें तुरंत वापस भारत भेजा जाए।
आईओए का बयान और कार्रवाई
आईओए के बयान में कहा गया है, “भारतीय ओलंपिक संघ ने फ्रांसीसी अधिकारियों की ओर से संज्ञान में अनुशासनात्मक उल्लंघन लाए जाने के बाद पहलवान अंतिम और उनके सहयोगी स्टाफ को वापस भेजने का फैसला किया है।”
घटना के प्रभाव
इस पूरे घटनाक्रम से भारतीय खेल दल पर भारी दबाव आया है। ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर इस प्रकार की घटनाएँ न केवल खिलाड़ी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचा सकती हैं बल्कि देश की भावना को भी प्रभावित करती हैं। अंतिम पंघाल से जुड़ी घटनाएँ अब खेल जगत में गंभीर चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
इस प्रकार के घटनाक्रम को देखते हुए, यह आवश्यक है कि खिलाड़ी न केवल अपने खेल पर बल्कि अपने आचरण पर भी पूरी तरह से ध्यान दें। भविष्य में ऐसी कोई घटना न घटे, इसके लिए विशेष सतर्कता और अनुशासन की आवश्यकता है। उम्मीद की जाती है कि अंतिम पंघाल के इस अनुभव से अन्य खिलाड़ी सीख लेंगे और नियमों का पालन करने के महत्व को समझेंगे।