पेरिस ओलंपिक के बाद 24 वर्षीय टेबल टेनिस प्लेयर अर्चना कामत ने लगभग सभी को चौंकाते हुए खेल से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय उन्होंने ओलंपिक में उनके द्वारा किए गए शानदार प्रदर्शन के कुछ ही दिनों बाद लिया। भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम ने पेरिस ओलंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया, जो ओलंपिक के इतिहास में भारतीय टीम का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
पेरिस ओलंपिक में अर्चना का योगदान
अर्चना कामत भारतीय टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं। उनके बेहतरीन प्रदर्शन से टीम को रोमानिया के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल में डबल्स मुकाबले में जीत हासिल हुई। इस मुकाबले में उन्होंने श्रीजा अकुला के साथ मिलकर रोमानिया की एडिना डायकोनू और एलिजाबेथ समारा को हराया था। हालांकि, क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम को जर्मनी के खिलाफ 1-3 से हार का सामना करना पड़ा।
पढ़ाई के प्रति जुनून
भारतीय ओलंपिक खिलाड़ी अर्चना का खेल से दूर होने का मुख्य कारण उनका पढ़ाई के प्रति बढ़ता हुआ जुनून है। उनके कोच अंशुल गर्ग ने जनसत्ता.कॉम को बताया कि अर्चना ने टेबल टेनिस से पूरी तरह संन्यास नहीं लिया है, बल्कि उन्होंने अभी अपना फोकस पढ़ाई पर शिफ्ट कर लिया है। इसके पीछे कोई वित्तीय कारण नहीं है। कोच ने बताया कि अर्चना पेट्रियोटिक इंसान हैं और पैसे के लिए खेल छोड़ना उनकी सोच से परे है।
BHARAT के प्रति प्यार
अंशुल गर्ग ने यह भी बताया कि अर्चना ने अपनी जर्सी में ‘INDIA’ की जगह ‘BHARAT’ लिखा देखना चाहती थी। इसके लिए अर्चना ने कई संबंधित पदाधिकारियों से बातचीत भी की, लेकिन यह संभव नहीं हो सका। कोच ने बताया कि अर्चना जितनी स्पोर्ट्स में अच्छी है, उतनी ही पढ़ाई में भी। पिछले साल वह वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-100 से बाहर थीं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उनके खेल में काफी सुधार हुआ।
पढ़ाई में अग्रणी
अर्चना कामत ने इस साल की शुरुआत में इंडियन एक्सप्रेस के साथ बातचीत में भी स्वीकारा था कि वह पढ़ाई में बहुत अच्छी हैं। अर्चना ने बताया था कि उनका भाई NASA में काम करता है और वह अपने भाई को अपना आइडल मानती हैं। भाई के प्रोत्साहन की वजह से ही अर्चना ने भी पढ़ाई में गहरी रुचि दिखाई है।
अर्चना के अनुसार, “मुझे पढ़ाई करने में बहुत मजा आता है। मैं पढ़ाई में बहुत अच्छी भी हूं। मेरे भाई मुझे हमेशा पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं। इसी प्रेरणा ने मुझे खेल से कुछ समय के लिए दूरी बनाने का निर्णय लेने में मदद की।”
कोच का बयान
कोच अंशुल गर्ग का भी मानना है कि अर्चना का यह निर्णय लंबे समय में उनके लिए लाभदायक हो सकता है। “अभी यह कहना मुश्किल है कि अर्चना कामत ने खेल से संन्यास ले लिया है। उसने सिर्फ अपना फोकस पढ़ाई पर बदला है। भविष्य में वह संभवतः टेबल टेनिस के प्रति वापस लौट सकती हैं।”
अर्चना का भविष्य
अर्चना कामत का खेल से दूरी बनाने का निर्णय हालांकि अधिकांश लोगों के लिए अप्रत्याशित था, परंतु इसे समझने की कोशिश करने पर यह स्पष्ट होता है कि उनकी यह प्राथमिकता बदलने की सोच पूर्णतः व्यक्तिगत है। आने वाले सालों में हम अर्चना को उनकी पढ़ाई में उतनी ही मेहनत और समर्पण के साथ देखते हुए उम्मीद कर सकते हैं।
अर्चना का यह निर्णय यथार्थ में उनके लिए और भारतीय टेबल टेनिस के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
इस प्रक्रिया में समय बताएगा कि अर्चना पढ़ाई में कितनी कामयाब होती हैं और क्या वह वापस खेल में वापसी करेंगी। हम सभी की शुभकामनाएँ उनके साथ हैं, चाहे वह खेल के मैदान में हों या कक्षा के भीतर।