11 अगस्त को क्लोजिंग सेरेमनी के साथ पेरिस ओलंपिक 2024 का अंत हो जाएगा। इस साल के ओलंपिक में कई प्रतियोगिताएं और कई असाधारण खिलाड़ियाँ देखने को मिले। भारत ने इन खेलों में छह मेडल हासिल किए और मेडल तालिका में 71वें स्थान पर रहा। टैली के शीर्ष पर चीन था जिसने 40 गोल्ड, 27 सिल्वर और 24 ब्रॉन्ज मेडल जीते, वहीं अमेरिका ने 39 गोल्ड, 44 सिल्वर और 42 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा कॉलेज भी है जो इन देशों को भी मेडल के मामले में टक्कर देता है?
एनसीएए: ओलंपिक मेडलिस्ट की फैक्ट्री
नेशनल कोलिगएट एथलेटिक्स एसोसिएशन (एनसीएए) एक बार फिर साबित कर चुका है कि यह ओलंपिक मेडलिस्ट तैयार करने की मशीन है। इस एक कॉलेज के 66 खिलाड़ियों ने पेरिस ओलंपिक 2024 में मेडल जीते जिसमें 23 गोल्ड मेडल शामिल थे। अगर यह कॉलेज एक देश होता तो उसने मेडल तालिका में तीसरा स्थान हासिल किया होता।
इस कॉलेज की वेबसाइट के अनुसार, इसके 1000 एथलीट्स ने पेरिस ओलंपिक में भाग लिया जिसमें से 400 ने अमेरिका का प्रतिनिधित्व किया। इनमें से 406 ने स्वीमिंग और 150 ने बास्केटबॉल में हिस्सा लिया था।
विश्वभर में खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व
एनसीएए ने ना सिर्फ अमेरिका बल्कि जमैका, सेंट लूसिया, डोमिनिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन को भी मेडल दिलाए। सेंट लूसिया के लिए पहला गोल्ड जीतने वाली अलफ्रेड भी इसी कॉलेज का हिस्सा हैं। उन्होंने 100 मीटर रेस में यह गोल्ड मेडल जीता।
कोचेज की फौज भी तैयार कर रहा एनसीएए
एनसीएए ना सिर्फ खिलाड़ियों को बल्कि कोचेज को भी तैयार कर रहा है जो विभिन्न देशों के लिए मेडलिस्ट तैयार कर रहे हैं। मारचंद इसका जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने इन खेलों में एक ही रात में स्वीमिंग के तीन अलग-अलग इवेंट्स में गोल्ड मेडल जीते। हर रेस में उन्होंने ओलंपिक रिकॉर्ड कायम किया। यह सबकुछ एनसीएए के कोच बॉब बोवमैन के कारण संभव हो सका। बोवमैन ने दुनिया को माइकल फेल्पस जैसा महान तैराक दिया।
मेजर देशों की स्थिति
रविवार दोपहर तक, चीन ने 40 गोल्ड, 27 सिल्वर और 24 ब्रॉन्ज मेडल जीते और वह 91 मेडल्स के साथ पहले स्थान पर रहा। अमेरिका ने 39 गोल्ड, 44 सिल्वर और 42 ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए और वह 125 मेडल्स के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
जापान ने 20 गोल्ड, 12 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल जीते और 45 मेडल्स के साथ यह देश तीसरे नंबर पर रहा। चौथे स्थान पर मौजूद ऑस्ट्रेलिया ने 18 गोल्ड, 19 सिल्वर और 16 ब्रॉन्ज मेडल जीते और कुल 53 मेडल्स के साथ वह स्थान हासिल किया।
भारत की मेडल परफॉर्मेंस
भारत ने इन खेलों में छह मेडल हासिल किए। यह प्रदर्शन पिछले दो ओलंपिक्स के मुकाबले बेहतर नहीं था लेकिन यह भारतीय खेल के इतिहास का एक और महत्वपूर्ण अध्याय था। भारतीय मॉर्निंग स्टार्स ने अपने कुछ फेवरेट इवेंट्स में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन मेडल्स की संख्या के मामले में वे अपेक्षित सफलता नहीं प्राप्त कर सके।
एनसीएए की आने वाले वर्षों में भूमिका
एनसीएए ने पेरिस ओलंपिक 2024 में जिस प्रकार का प्रदर्शन दिखाया है, उससे यह साफ हो गया है कि आने वाले वर्षों में भी यह संस्था वैश्विक खेल की दुनिया में मजबूत भूमिका निभाएगी। यह कॉलेज भविष्य में और भी उत्कृष्ट एथलीट्स और कोचेज तैयार करता रहेगा जो ग्लोबल मेडल टैली पर अपनी अमिट छाप छोड़ेंगे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि अगली ओलंपिक प्रतियोगिताओं में एनसीएए और कैसी कहानियां रचता है और कितने और देशों को मेडल जिताने में मदद करता है। इस प्रकार की प्रदर्शन से खेल और शिक्षा के समावेशन का महत्त्व साफ झलकता है और इससे प्रेरित होकर अन्य संस्थान भी इसी दिशा में कदम उठा सकते हैं।