पेरिस ओलंपिक के बाद नई ऊर्जा के साथ वापसी
भारत के स्टार जैवलीन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक 2024 के बाद लुसाने डायमंड लीग 2024 में एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया। नीरज ने लुसाने में अपने सीजन का बेस्ट थ्रो कर दूसरा स्थान प्राप्त किया। नीरज चोपड़ा ने इसी महीने 8 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में 89.45 मीटर का थ्रो कर सिल्वर मेडल हासिल किया था, और लुसाने में उन्होंने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ते हुए 89.49 मीटर का थ्रो किया, जिससे वह इस सीजन में अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके।
जीत की तरफ नीरज का सफर
नीरज ने लुसाने डायमंड लीग 2024 में अपना बेस्ट थ्रो छह प्रयासों में से छठे प्रयास में किया। हालांकि, वह 90 मीटर का बैरियर पार नहीं कर सके और अपने पर्सनल रिकॉर्ड को भी तोड़ने से चूक गए। जैवलीन थ्रो इवेंट (तीसरे लेग) के फाइनल में नीरज चोपड़ा दूसरे नंबर पर रहे। ग्रेनाडा के पीटर एंडरसन ने पहले स्थान पर रहकर 90.61 मीटर का भाला फेंका, जबकि जर्मनी के जूलियन वेबर ने 87.08 मीटर के थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।
लुसाने में नीरज के थ्रो
लुसाने में नीरज के थ्रो निम्नलिखित थे:
– पहला थ्रो: 82.10 मीटर
– दूसरा थ्रो: 83.21 मीटर
– तीसरा थ्रो: 83.13 मीटर
– चौथा थ्रो: 82.34 मीटर
– पांचवां थ्रो: 85.58 मीटर
– छठा थ्रो: 89.49 मीटर
डायमंड लीग का अंतिम लक्ष्य
नीरज चोपड़ा की नजरें अब बेल्जियम के ब्रुसेल्स में आयोजित होने वाली डायमंड लीग के फाइनल पर हैं, और वहाँ खेलने के लिए उन्हें डायमंड लीग के चार लेग मुकाबलों के दम पर अंक तालिका में शीर्ष 6 में जगह बनानी होगी। अब तक तीन लेग मुकाबले हो चुके हैं, और नीरज ने दो लेग में हिस्सा लेते हुए 14 अंक हासिल किए हैं। लुसाने के बाद अब फाइनल के लिए आखिरी लेग मुकाबला 5 सितंबर को ज्यूरिख में आयोजित किया जाएगा।
चार लेग मुकाबलों के समाप्त होने के बाद अंक तालिका में शीर्ष 6 में रहने वाले खिलाड़ियों को डायमंड लीग के फाइनल में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा। नीरज ने अब तक दोहा और लुसाने में हुए डायमंड लीग में हिस्सा लिया है और दोनों ही बार दूसरे नंबर पर रहे हैं। उनकी इस उत्कृष्ट प्रदर्शन के चलते उन्हें अब तक 14 अंक मिले हैं। नीरज ने दूसरे लेग में हिस्सा नहीं लिया था, जो पेरिस में आयोजित किया गया था।
आगे की राह
नीरज चोपड़ा का आगामी लक्ष्य अब डायमंड लीग के फाइनल में भाग लेकर अच्छा प्रदर्शन करना है। इसके लिए उन्हें ज्यूरिख के लेग मुकाबले में भी अपने प्रदर्शन को बनाए रखने की जरूरत है। नीरज के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि वो निरंतरता बनाए रखें और अपनी फिटनेस को भी ध्यान में रखें क्योंकि ये मुकाबले उनके अगले लक्ष्य, विश्व चैंपियनशिप और एशियन गेम्स के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होंगे।
नीरज चोपड़ा की कहानी देश के हर युवा के लिए प्रेरणास्रोत है। उनकी मेहनत, धैर्य और अनुशासन ने उन्हें खेल जगत में ऐसी ऊँचाई तक पहुंचाया है, जिसे हर खिलाड़ी पाने का सपना देखता है। नीरज के हर थ्रो के साथ देश में उम्मीदें और गर्व का एहसास भी और अधिक बढ़ता है।
अंततः, नीरज चोपड़ा के अद्वितीय और प्रेरणादायक सफर ने उन्हें एक बार फिर से हमारे दिलों में सम्मान और गर्व का स्थान दिलाया है। अब देखना यह होगा कि वह आने वाले अन्य मुकाबलों में कितनी और ऊँचाइयों तक पहुंच सकते हैं और भारत का नाम रोशन करते रहेंगे।