भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने हाल ही में एक वेबिनार के दौरान पेरिस ओलंपिक 2024 के अन्यतम अनुभवों और अपनी जिंदगी के कुछ हास्यप्रद लम्हों को साझा किया। वेबिनार में नीरज ने अपनी परफॉर्मेंस से लेकर भारत में खेल संस्कृति और व्यक्तिगत गिफ्ट्स के अद्भुत किस्सों पर रोशनी डाली।
पेरिस ओलंपिक 2024 का वर्णन
वेबिनार के दौरान, नीरज से पूछा गया कि जब पाकिस्तानी जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने 92 मीटर से भी दूर भाला फेंक दिया तब उनके दिमाग में क्या चल रहा था। इसके जवाब में नीरज ने बेहद संजीदगी से कहा, “जब अरशद ने 92 मीटर से भी ज्यादा दूर थ्रो किया, तो मैंने कोई दबाव महसूस नहीं किया। मुझे पूरी उम्मीद थी कि मैं इससे भी ज्यादा अच्छा कर सकता हूं। मैंने अपने थ्रो को पूरी सकारात्मकता के साथ फेंका, लेकिन दुर्भाग्यवश मैं केवल दूसरे स्थान पर रहा।”
फनी गिफ्ट्स और हरियाणा का कल्चर
नीरज से जब सवाल पूछा गया कि उन्हें अब तक का सबसे फनी गिफ्ट क्या मिला है, तो नीरज ने हरियाणा के ग्रामीण इलाकों के अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, “हरियाणा में खेल संस्कृति बेहद متفاوت है। यहाँ कुश्ती और कबड्डी जैसे खेलों के लिए घी और भैंस गिफ्ट के रूप में दिए जाते हैं। मैंने इसे हमेशा फनी माना है। मुझे खुद भी कुछ मौकों पर घी गिफ्ट में मिला है।”
नीरज ने यह भी बताया कि हरियाणा में गिफ्ट में बुलेट और ट्रैक्टर देना भी आम बात है। “यहां का कल्चर ही ऐसा है कि घी खाने से ताकत मिलती है और खिलाड़ी इसे खाकर और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।”
पेरिस ओलंपिक में भारतीय एथलीट्स का प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय एथलीट्स के प्रदर्शन के बारे में बात करते हुए, नीरज ने कहा, “हमारे खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और विरोधियों को कड़ी टक्कर दी। कई खिलाड़ी चौथे स्थान पर रहे, लेकिन यह आने वाले समय में उनकी जीत की संभावना को दर्शाता है।”
नीरज ने इस बात का भी जिक्र किया कि भारत ने इस बार 6 मेडल जीते, लेकिन अगर विनेश फोगाट का मेडल भी होता, तो यह संख्या सात हो सकती थी। “ओलंपिक सबसे बड़ा स्पोर्ट्स इवेंट है और इसमें हमारे खिलाड़ी अच्छे प्रदर्शन करेंगे, तो देश का नाम और रोशन होगा। हममें से कई खिलाड़ी बहुत शानदार हैं और उनमें आगे देश के लिए मेडल जीतने की क्षमता है।”
स्पोर्ट्स कल्चर पर नीरज की राय
नीरज ने वेबिनार में भारतीय स्पोर्ट्स कल्चर पर भी अपना विचार साझा किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में खेलों को लेकर जो दशकों पुराना जोश और उत्साह है, वह अद्भुत है। “यहां के बच्चों को बचपन से ही खेलों के प्रति प्रेरित किया जाता है। मेरे गांव में भी बच्चे खेतों में खेलते हैं और उनमें बेसिक स्किल्स विकसित होती हैं।”
नीरज ने ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया’ जैसे अभियानों की सराहना की और कहा कि ऐसे पहल देश में खेल संस्कृति को और प्रोत्साहित करेंगे। “वर्तमान सरकार द्वारा किए गए प्रयास प्रशंसनीय हैं। यह हमें एक मजबूत और स्वस्थ समाज की दिशा में ले जा सकते हैं। यदि हम बच्चों को सही दिशा में प्रेरित करें, तो आने वाले समय में हम और भी ज्यादा खिलाड़ियों को ओलंपिक में मेडल जीतते देख सकेंगे।”
अन्तिम विचार
नीरज चोपड़ा का यह वेबिनार उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा से भरा हुआ था, जो खेलों के प्रति निष्ठा और समर्पण के बिना जीवन का अर्थ नहीं देखते। उनके अनुभवों ने यह साबित कर दिया कि खेलों में सफलता केवल प्रतिभा या क्षमताओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि मानसिकता, सकारात्मकता, और संस्कृति का भी उतना ही महत्व होता है।
इसके साथ ही, नीरज ने यह भी दिखाया कि भले ही आप किसी भी क्षेत्र में हो, संस्कृति और परंपराएं आपको जीवन का एक अलग ही अनुभव और दृष्टिकोण देती हैं। फनी गिफ्ट्स से लेकर ठोस इंसपिरेशन तक, उनकी बातें और अनुभव सभी को खेलों में कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते रहने का पैगाम देती हैं।