इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर का निधन: डिप्रेशन का संघर्ष
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर ग्राहम थोर्प का हाल ही में निधन हो गया। वह डिप्रेशन से जूझ रहे थे। इसके कारण उन्होंने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली। यह खुलासा उनकी पत्नी अमांडा और बेटी किट्टी ने किया है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने 5 अगस्त को जानकारी दी थी कि 55 वर्ष की आयु में थोर्प का निधन हो गया। वह इंग्लैंड क्रिकेट टीम के साथ लगभग 12 साल तक जुड़े रहे।
खेल के मैदान से परिवार तक
1993 से 2005 तक उन्होंने खिलाड़ी के तौर पर इंग्लैंड की राष्ट्रीय टीम के लिए खेला और इसके बाद विभिन्न कोचिंग भूमिकाओं में 12 साल बिताए। थोर्प के परिवार में उनकी पत्नी अमांडा के अलावा दो बेटियां, 22 वर्षीय किट्टी और 19 वर्षीय एमा भी हैं। उनके पिता ज्योफ और दो भाई, इयान और एलन भी हैं।
डिप्रेशन के कारण अस्पताल में भर्ती
मई 2022 में ग्राहम थोर्प को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उस समय उन्हें “गंभीर रूप से बीमार” बताया गया था। अमांडा और किट्टी ने अब टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि ग्राहम ने दो साल पहले भी जान लेने की कोशिश की थी। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने एक बार फिर ऐसा किया।
परिवार का बयान
अमांडा ने कहा, “पिछले कुछ सालों से ग्राहम गंभीर रूप से डिप्रेशन और एनजाइटी से पीड़ित थे। इसके कारण उन्होंने मई 2022 में अपनी जान लेने का प्रयास किया था। इसके परिणामस्वरूप उन्हें इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) में लंबे समय तक रहना पड़ा। हमें उनकी मानसिक स्थिति में सुधार की उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्यवश उनकी स्थिति और बिगड़ती गई।”
उन्होंने कहा कि ग्राहम मैदान पर मानसिक रूप से बहुत मजबूत माने जाते थे और उनका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा था। मानसिक बीमारी एक वास्तविक बीमारी है और किसी को भी प्रभावित कर सकती है। “वह एक पत्नी और दो बेटियों के होते हुए भी ठीक नहीं हो पाए। हाल के दिनों में वह बहुत अस्वस्थ थे और उन्हें लगता था कि हम उनके बिना बेहतर रहेंगे। उन्होंने अपनी जान ले ली।”
बेटी किट्टी का खुलासा
बेटी किट्टी ने कहा, “हमें इसके बारे में बात करने में कोई शर्म नहीं है। इसमें छिपाने जैसा कुछ भी नहीं है और यह कोई लांछन नहीं है। हमने पहले भी उन्हें ठीक करने और बचाने का प्रयास किया, इसलिए हमने कुछ नहीं कहा। अब समय आ गया है कि हम खबर को साझा करें चाहे वह कितनी भी भयानक क्यों न हो। हम बात करना और साझा करना चाहते हैं और अब हम जागरूकता भी बढ़ाना चाहते हैं।”
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का महत्व
ग्राहम थोर्प की कहानी इस बात की बड़ी प्रमाण है कि मानसिक स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण है। खेल के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के बावजूद, उन्हें डिप्रेशन और एनजाइटी ने जकड़ लिया। उनकी पत्नी और बेटी ने इस बात पर जोर दिया है कि मानसिक स्वास्थ्य के साथ लोगों को सहानुभूति और समझदारी की जरूरत है। यह केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि यह समाज का मुद्दा है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।
समाज की भूमिका और समर्थन
इस प्रकार की घटनाएं हमें यह सिखाती हैं कि हमें मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को समझने और उन्हें महत्व देने की जरूरत है। मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समाज के हर वर्ग को एकजुट होना चाहिए। हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि मानसिक बीमारी कोई कमजोरी नहीं है और इसके बारे में खुलकर बात करने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए।
ग्राहम थोर्प की दुखद मृत्यु इस ओर इंगित करती है कि मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रति जागरूकता और समर्थन की अत्यधिक आवश्यकता है। यह केवल एक व्यक्तिगत संघर्ष नहीं है, बल्कि समाज के हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मुद्दों के प्रति संवेदनशील हों और अपने आसपास के लोगों को समर्थन दें।
मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए हमें हमेंशा तत्पर रहना चाहिए और इस विषय पर खुलकर बातचीत करनी चाहिए। इससे न केवल समस्याओं का समाधान संभव है, बल्कि समाज में एक स्वस्थ और खुशहाल वातावरण का निर्माण भी संभव हो सकता है।