बीसीसीआई के नए नियम: भारतीय खिलाड़ियों के लिए सख्ती
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस वर्ष सीनियर टीम के खिलाड़ियों को लेकर नई दिशा-निर्देशों की घोषणा की है। इन नियमों के तहत, सीनियर टीम के बाहर किए गए खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में भाग लेना अनिवार्य कर दिया गया है। बीसीसीआई द्वारा लिए गए इस कदम का उद्देश्य खिलाड़ियों की प्रदर्शन क्षमता को उच्च बनाए रखना है और उन्हें अधिक खेलने का अवसर देना है।
रोहित शर्मा और विराट कोहली को क्यों मिली छूट?
हालांकि, इस नियम के अंतर्गत एक विशेष छूट भी दी गई है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा और अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली को इस नियम से बाहर रखा गया है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने इसकी वजह स्पष्ट की है। जय शाह ने एक मीडिया कार्यक्रम में इस पर विस्तृत चर्चा की और बताया कि यह निर्णय क्यों लिया गया है।
जय शाह ने कहा, “विराट कोहली और रोहित शर्मा को इस नियम से छूट देने का कारण है कि इन खिलाड़ीयों को दलीप ट्रॉफी में खेलने का दबाव डालना उचित नहीं होगा। इन खिलाड़ियों के खेल की महत्वता और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। हमारे प्रमुख खिलाड़ी उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में हिस्सा लेते हैं, जिनमें उनके चोटिल होने का खतरा होता है। इसलिए, उन्हें घरेलू क्रिकेट से फ्री रखना आवश्यक है।”
अन्य खिलाड़ियों की भूमिका
जय शाह ने अन्य खिलाड़ियों की भूमिका और घरेलू टूर्नामेंटों में उनकी प्रतिभागिता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इशान किशन और श्रेयस अय्यर जैसे युवा खिलाड़ी बुची बाबू टूर्नामेंट में खेल रहे हैं और उनके जैसा उत्साह घरेलू क्रिकेट के प्रति दर्शा रहे हैं। इसका फायदा भारतीय क्रिकेट को मिलेगा और नए खिलाड़ियों को मौका मिलेगा अपना हुनर दिखाने का।
विदेशी उदाहरण और भारतीय खिलाड़ियों की स्थिति
जय शाह ने यह भी उल्लेख किया कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अपने घरेलू टूर्नामेंटों में भाग नहीं लेते हैं। उन्होंने कहा, “हमारे खिलाड़ियों की भांति ही विदेशों के खिलाड़ियों की भी यही स्थिति होती है। इस प्रकार, हमें भी अपने खिलाड़ियों के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए और उन्हें अनावश्यक दबाव में नहीं डालना चाहिए।”
नीरज चोपड़ा के लिए खास ऑफर
जय शाह ने यहाँ भी यह खुलासा किया कि उन्होंने ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा से एक खास मुलाकात की है और उन्हें एक इंटरस्टिंग ऑफर दिया है। उन्होंने बताया कि नेशनल क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में तीन ग्राउंड, 100 पिच और 45 इंडोर टर्फ बनाए गए हैं, जिसमें सिर्फ क्रिकेटर्स ही नहीं बल्कि भारत के अन्य एथलीट्स भी प्रशिक्षण ले सकते हैं। यह एक सुनहरा अवसर है जिसे नीरज चोपड़ा के साथ साझा किया गया है।
एनसीए की आधुनिक सुविधाएं
जय शाह ने नेशनल क्रिकेट अकादमी की आधुनिक सुविधाओं और उन पर किए गए कार्यों पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि एनसीए का जो भू-क्षेत्र 2008 में हासिल किया गया था, उसका पूरा उपयोग अब हो रहा है। जय शाह ने कहा, “हमारे पास बहुत उच्चस्तरीय स्रोत हैं जिनका पूरा फायदा उठाना है। एनसीए सिर्फ एक क्रिकेट अकादमी नहीं है, इसे समग्र भारतीय खेलों का एक हब बनाने की योजना है।”
बीसीसीआई की प्राथमिकताएं और उपलब्धियां
बीसीसीआई के सचिव ने अपने संगठन की प्राथमिकताओं और उपलब्धियों पर भी ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, “हम फाइनेंस, मार्केटिंग और क्रिकेट में नंबर वन हैं। हमारी प्राथमिकता है कि हमारे खिलाड़ी विश्व स्तरीय बनें और उन्हें सर्वश्रेष्ठ सुविधाएं मिलें। इसी दृष्टिकोण से हम काम कर रहे हैं और भविष्य में भी ऐसा ही करते रहेंगे।”
इस प्रकार, बीसीसीआई के नए नियम और व्यवस्थाएँ भारतीय क्रिकेट को और भी मजबूत और सक्षम बनाने के लिए किए गए महत्वपूर्ण कदम हैं। जय शाह के इस विस्तृत विवरण से यह स्पष्ट हो गया है कि बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट के उज्जवल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध है।