परिचय

एमएस धोनी का नाम सुनते ही क्रिकेट प्रेमियों के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। भारतीय क्रिकेट को ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले महान कप्तानों में से एक धोनी ने अपने करियर में जो योगदान दिया है, वह अभूतपूर्व है। वे 2019 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं, लेकिन आईपीएल में अपनी शानदार बल्लेबाजी और कप्तानी के दम पर अभी भी क्रिकेट फैंस के दिलों में धड़कन पैदा कर रहे हैं। हालांकि, एक वक्त ऐसा भी आएगा जब धोनी आईपीएल भी छोड़ देंगे। यही सोचते हुए क्रिकेट फैंस के मन में सवाल उठता है कि धोनी क्रिकेट छोड़ने के बाद किस दिशा में कदम बढ़ाएंगे?

अनिल चौधरी की दिलचस्प सलाह

इन सवालों का जवाब देने के लिए भारतीय क्रिकेट अंपायर अनिल चौधरी ने एक दिलचस्प सुझाव दिया है। अनिल चौधरी का मानना ​​है कि धोनी की डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) में अचूक क्षमता और क्रिकेट का बेहतरीन ज्ञान उन्हें एक अंपायर के रूप में अपना करियर बनाने के लिए सबसे उपयुक्त बनाते हैं।

धोनी – ‘धोनी रिव्यू सिस्टम’

धोनी की डीआरएस कॉल लेने की सटीक क्षमता की वजह से डीआरएस को कई बार ‘धोनी रिव्यू सिस्टम’ कहा जाने लगा है। धोनी ने अपने करियर के दौरान काफी सारे करीबी फैसलों को भारत और उनकी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के पक्ष में मोड़ने में सफलता पाई। इस बात की जानकारी उन क्रिकेट प्रेमियों को अच्छी तरह से है जिन्होंने धोनी के साथ कई मैचों को नजदीक से देखा है।

अनिल चौधरी का अनुभव

अनिल चौधरी खुद भी कई मौकों पर धोनी की डीआरएस की सटीकता और उनकी अद्भुत खेल समझ के गवाह रहे हैं। चौधरी ने पॉडकास्ट पर चर्चा के दौरान बताया कि धोनी हर बार सही नहीं होते, लेकिन उनकी सटीकता के काफी करीब होती है। चौधरी ने यह भी कहा कि धोनी कई बार टीम के अन्य खिलाड़ियों को अपील करने से रोकते हैं, जिससे उनकी खेल की समझ को मजबूती मिलती है।

धोनी का खेल ज्ञान

धोनी के खेल ज्ञान का कोई मुकाबला नहीं है। उनकी रणनीतिक सोच, मैच की स्थिति को समझने की दृष्टि और बल्लेबाजों व गेंदबाजों के बारे में गहराई से जानने की अद्भुत क्षमता है। अगर धोनी भविष्य में अंपायर बनते हैं तो यह न केवल क्रिकेट जगत के लिए एक नया आयाम होगा, बल्कि अंपायरिंग की गुणवत्ता को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद करेगा।

ऋषभ पंत की सराहना

अनिल चौधरी ने डीआरएस के फैसले लेते समय ऋषभ पंत के सटीक विकेटकीपिंग करने की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि विकेटकीपरों के पास मैदान पर सबसे अच्छी स्थिति होती है क्योंकि वे हर तरह से गेंद को देख सकते हैं। पंत के बारे में चौधरी ने कहा कि उन्होंने पहले के मुकाबले खुद में काफी सुधार किया है और ये सब अनुभव के बारे में है। अंपायर भी कई बार विकेटकीपर की हरकत के आधार पर अपने फैसले लेते हैं क्योंकि वे गेंद को अच्छी तरह से फॉलो करते हैं।

संभावित भविष्य

एमएस धोनी का क्रिकेट करियर चाहे जितना भी महान रहा हो, लेकिन उनका भविष्य इससे भी ज्यादा शानदार हो सकता है। अगर अनिल चौधरी का सुझाव मानकर धोनी अंपायर बनते हैं, तो यह क्रिकेट जगत के लिए एक नई और रोमांचक दिशा हो सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में धोनी किस दिशा में कदम बढ़ाते हैं। धोनी के फैंस और क्रिकेट प्रेमी इस बात को लेकर उत्सुक हैं और उम्मीद करते हैं कि धोनी के आने वाले निर्णय से क्रिकेट को एक नई दिशा मिलेगी।

धोनी का योगदान न केवल बतौर खिलाड़ी बल्कि एक हमेशा से प्रेरणा देने वाली शख्सियत के रूप में भी अमूल्य है। चाहे वे कमेंटेटर बनें, कोच बनें या फिर अंपायर, उनका हर कदम भारतीय क्रिकेट को और आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।

By IPL Agent

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