रूबीना फ्रांसिस का ऐतिहासिक जीत
पेरिस पैरालंपिक खेलों के तीसरे दिन, 31 अगस्त 2024 को, भारत की रूबीना फ्रांसिस ने महिला एयर पिस्टल SH1 स्पर्धा के फाइनल में कांस्य पदक जीतकर देश को निशानेबाजी में चौथा पदक दिलाया। इस महत्वपूर्ण जीत के साथ, पेरिस पैरालंपिक में भारत के पदकों की संख्या 5 हो गई। रूबीना पैरालंपिक में पिस्टल इवेंट में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। वे टोक्यो पैरालंपिक में भी फाइनल तक पहुंची थीं, लेकिन उस समय वह 7वें स्थान पर रही थीं। इस बार उन्होंने पोडियम फिनिश कर देश को गर्व महसूस कराया।
बैडमिंटन में भारतीय खिलाड़ियों की शानदार प्रदर्शन
बैडमिंटन में भारतीय शटलर नितेश कुमार और सुकांत कदम ने अपने-अपने आखिरी ग्रुप मैच में सीधे गेम में जीत दर्ज की। नितेश ने पुरुष एकल SL3 श्रेणी में थाइलैंड के मोंगखोन बुनसुन को 21-13, 21-14 से हराकर लगातार तीसरी जीत हासिल की और ग्रुप ए में शीर्ष स्थान प्राप्त किया। सुकांत कदम ने SL4 श्रेणी में थाइलैंड के टीमारोम सिरीपोंग को 21-12, 21-12 से हराकर ग्रुप बी में शीर्ष स्थान हासिल किया। सेमीफाइनल में सुकांत का मुकाबला हमवतन सुहास यतिराज से होगा, जिससे इस स्पर्धा में भारत का एक पदक पक्का हो गया है।
महिला कंपाउंड तीरंदाजी में निराशा
तीसरे दिन महिला कंपाउंड तीरंदाजी में निराशा देखने को मिली, जब दूसरी वरीयता प्राप्त शीतल देवी टोक्यो रजत पदक विजेता मारियाना जुनिगा से राउंड ऑफ 16 में हार गईं। इसके बाद सरिता कुमारी भी विश्व चैंपियन ओजनूर क्यूर से हार गईं। हालांकि, शीतल देवी के पास अब भी पदक जीतने का मौका है। वह मिक्स्ड टीम इवेंट राकेश कुमार के साथ हिस्सा लेंगी।
रूबीना फ्रांसिस की प्रेरणादायक कहानी
रूबीना का जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक पैर में दिव्यांगता के साथ हुआ था। उनके पिता एक मैकेनिक थे और उनकी प्रेरणा दिग्गज भारतीय निशानेबाज गगन नारंग की ओलंपिक उपलब्धियों से मिली। यह प्रेरणा उन्हें निशानेबाजी में खींच लाई। पेरिस पैरालंपिक के लिए रवाना होने से कुछ दिन पहले रूबीना ने ‘द्विपक्षीय’ वाइल्डकार्ड नियम के अंतर्गत पेरिस पैरालंपिक कोटा हासिल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके पदक जीतने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि “रूबीना ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में पी2 में महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल एसएच1 स्पर्धा का कांस्य पदक जीता। उनके असाधारण ध्यान, दृढ़ संकल्प और दृढ़ता ने शानदार परिणाम दिया।”
साइकिलिंग में अरशद शेख और ज्योति गडेरिया की संघर्ष खास
भारत को साइकिलिंग और नौकायन में भी निराशा का सामना करना पड़ा। साइकिलिंग में अरशद शेख और ज्योति गडेरिया अपने-अपने ट्रैक स्पर्धा में प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे और क्वालिफिकेशन राउंड में हारकर बाहर हो गए। पुरुषों के 1,000 मीटर टाइम ट्रायल सी13 के क्वालिफाइंग चरण में शेख 1:21.416 के समय के साथ 17वें पायदान पर रहे। ज्योति गडेरिया भी महिलाओं की 500 मीटर टाइम ट्रायल सी1-3 क्वालिफाइंग स्पर्धा में 49.233 के समय से 11वें स्थान पर रही थीं। ये दोनों अब रोड साइकिलिंग स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।
नौकायन में भी निराशा
भारतीय नौकाचालक अनिता और नारायण कोंगनापल्ले मिश्रित PR3 डबल स्कल्स स्पर्धा में तीसरे स्थान पर रहे। यह जोड़ी 7:54.33 सेकेंड से यूक्रेन (7:29.24 सेकेंड) और ब्रिटेन (7:20.53 सेकेंड) से पीछे रही। भारतीय जोड़ी अब फाइनल बी में प्रतिस्पर्धा करेगी, जो सातवें से 12वें स्थान के लिए होती है।
पेरिस पैरालंपिक खेलों का तीसरा दिन भारत के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण रहा। रूबीना फ्रांसिस की जीत ने देश को गर्व महसूस कराया और कईयों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी। उम्मीद है कि शीतल देवी और अन्य एथलीट आने वाले इवेंट्स में बेहतर प्रदर्शन करेंगे और भारत के पदकों की संख्या बढ़ाएंगे।