पाकिस्तान को अगले साल आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी करनी है। भारत चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान जाएगा या नहीं इसे लेकर दोनों देशों की ओर से बयानबाजी की जा रही है। बीसीसीआई ने अब तक टीम इंडिया को पाकिस्तान भेजने की पुष्टि नहीं की है। इस बीच पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर बासित अली ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बड़ी बात कही।
बासित अली का दावा
बासित अली ने अपने यूट्यूब चैनल पर दावा किया कि पाकिस्तान दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शासनाध्यक्षों की बैठक की मेजबानी करेगा। इस बैठक के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलावा दिया गया है। बासित अली ने कहा, “अगर पीएम मोदी अक्टूबर में पाकिस्तान आते हैं तो टीम इंडिया भी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान आ जाएगी।” इस दावे ने दोनों देशों के क्रिकेट और राजनीतिक माहौल में हलचल मचाई है।
सुरक्षा की चिंता
बासित अली ने अपने यूट्यूब चैनल पर कुछ दिन पहले यह कहा था कि पाकिस्तान को सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और पाकिस्तानी सरकार से सवाल किया कि हमारे सैनिक शहीद हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “चैंपियंस ट्रॉफी पाकिस्तान में होनी है और बांग्लादेश के बाद इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की टीमें आने वाली हैं, इसलिए हमें सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। अगर इन दौरे के दौरान कोई घटना हो गई तो भगवान न करे, चैंपियंस ट्रॉफी हमारे यहां नहीं खेली जाएगी। हमारे सैनिक बलूचिस्तान और पेशावर में शहीद हो रहे हैं। ऐसा क्यों हो रहा है, इसका जवाब सिर्फ सरकार दे सकती है, लेकिन यह गलत है।”
अंतर्राष्ट्रीय टीमें और सुरक्षा मुद्दे
बासित अली ने आगे कहा, “हमें इस बात का ख्याल रखना होगा कि सुरक्षा में किसी भी तरह की छोटी सी भी चूक न हो। विदेशी टीमों को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसी सुरक्षा मिलनी चाहिए। मुझे उम्मीद है कि मोहसिन नकवी इन चीज़ों के बारे में जागरूक होंगे।” यह महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले भी पाकिस्तान में क्रिकेट खेलने वाले विदेशी खिलाड़ियों ने सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंध
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच हमेशा से ही राजनीतिक तनाव के साये में खेले जाते रहे हैं। दोनों देशों के बीच क्रिकेट को लेकर बढ़ती बयानबाजी सिर्फ खेल में ही नहीं बल्कि दोनों देशों के संबंधों में भी असर डालती है। बीसीसीआई और भारतीय सरकार अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है कि भारतीय टीम पाकिस्तान जाएगी या नहीं।
भविष्य की संभावनाएं
अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्टूबर में पाकिस्तान जाते हैं, जैसा कि बासित अली ने दावा किया है, तो यह एक बड़ा राजनीतिक कदम होगा। इससे शायद दोनों देशों के संबंधों में थोड़ी नरमी आ सकती है और क्रिकेट भी इसका लाभ उठा सकता है। हालांकि, इससे जुड़े सुरक्षा मुद्दों को हल करना भी अत्यंत आवश्यक होगा, क्योंकि भारतीय टीम की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी।
क्या कहता है इतिहास?
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट के मैदान पर कई यादगार मुकाबले हुए हैं, लेकिन राजनीति हमेशा से ही इन मुकाबलों पर भारी पड़ी है। 2012-13 में दोनों देशों ने आखिरी बार द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज खेली थी। उसके बाद से दोनों सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंट्स में ही आमने-सामने होते रहे हैं।
समाप्ति विचार
आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मेजबानी पाकिस्तान द्वारा करना न सिर्फ पाकिस्तान के लिए, बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है। लेकिन इसके पहले, आवश्यक है कि सुरक्षा को लेकर सभी मुद्दों को सुलझाया जाए और दोनों देश अपने-अपने मतभेदों को एक तरफ रखकर खेल भावना को प्रोत्साहित करें। अगर ऐसा होता है, तो यह सिर्फ क्रिकेट का ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के संबंधों का भी एक नया युग हो सकता है।