श्रीलंका के युवा बल्लेबाज का कमाल
श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के उभरते हुए स्टार, कामेंदु मेंडिस ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में एक शानदार शतक लगाकर क्रिकेट जगत में एक नया मुकाम हासिल किया। इस ऐतिहासिक शतक ने न केवल कामेंदु के करियर को एक नई ऊँचाई दी बल्कि श्रीलंकाई क्रिकेट को भी गर्व से भर दिया। यह उनके टेस्ट करियर का तीसरा शतक है, लेकिन इस शतक की खासियत यह है कि उन्होंने इसे इंग्लैंड की धरती पर 7वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए हासिल किया। कामेंदु की इस पारी की बदौलत श्रीलंका ने दूसरी पारी में 326 रन बनाए और इंग्लैंड के सामने 204 रन की बढ़त रखते हुए 205 रन का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य खड़ा कर दिया।
मौके पर बनी ऐतिहासिक पारी
कामेंदु मेंडिस ने अपनी इस शतकवीर पारी में 183 गेंदों का सामना किया और 113 रनों का योगदान देकर टीम को मजबूती दी। उनकी पारी में एक छक्का और 15 चौके शामिल थे। श्रीलंकाई टीम ने दूसरी पारी में अपने चार विकेट बेहद जल्दी, कुल 95 रन पर ही गंवा दिए थे, लेकिन कामेंदु ने न केवल उस परिस्थिति को संभाला बल्कि अपनी पारी से टीम को 200 रन के पार पहुंचाने का महत्वपूर्ण काम किया। उनके इस योगदान ने टीम को मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया।
इंग्लैंड में टेस्ट में 7वें नंबर पर शतक लगाने वाले पहले श्रीलंकाई
इस पारी ने कामेंदु मेंडिस को इतिहास के पन्नों में शामिल कर दिया। वह इंग्लैंड में टेस्ट मैच में 7वें नंबर पर शतक लगाने वाले श्रीलंका के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि कामेंदु चौथे एशियाई बल्लेबाज बने हैं जिन्होंने इंग्लैंड में इस नंबर पर खेलते हुए शतक बनाया है। उनसे पहले यह कारनामा सिर्फ तीन भारतीय बल्लेबाजों ने किया था।
भारतीय दिग्गजों के साथ शामिल हुए कामेंदु
भारतीय क्रिकेट इतिहास में 7वें नंबर पर शतक लगाने वाले तीन बल्लेबाज संदीप पाटिल, रवींद्र जडेजा और ऋषभ पंत हैं। संदीप पाटिल ने यह इतिहास 1982 में रचा था, इसके बाद 2018 में ऋषभ पंत ने और फिर 2022 में रवींद्र जडेजा ने यह शतक बनाया था। अब कामेंदु मेंडिस भी इस एलीट लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जो न केवल श्रीलंकाई क्रिकेट के लिए बल्कि उनका व्यक्तिगत करियर के लिए भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
श्रीलंका की मजबूत स्थिति
कामेंदु मेंडिस की इस ऐतिहासिक पारी ने श्रीलंकाई क्रिकेट टीम को इंग्लैंड के खिलाफ मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। जहाँ इंग्लिश गेंदबाजों नेशनल बैलेंस को बनाए रखने की कोशिश कर रहे थे, वहीं कामेंदु के कुशल बल्लेबाजी ने उन्हें पूरी तरह से हाशिए पर ला दिया। दूसरी पारी में श्रीलंका का स्कोर 326 तक पहुँचा और 204 रन की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल की। इंग्लैंड को 205 रन का लक्ष्य मिला जिसे पाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
नाम करने का सपना पूरा
कामेंदु मेंडिस की इस बेमिसाल पारी ने न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों की सूची में नया अध्याय जोड़ा बल्कि उनके देश की गरिमा और मान-सम्मान में भी वृद्धि की। इंग्लैंड की धरती पर, जहां रन बनाना हर बल्लेबाज के लिए एक कठिन चुनौती होती है, वहां कामेंदु ने धैर्य और कुशलता से खेलते हुए शतक जड़ा। इस प्रदर्शन ने उन्हें न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी एक नई पहचान दिलाई है।
आने वाले मैचों की उम्मीद
कामेंदु मेंडिस की इस एतिहासिक पारी के बाद श्रीलंका की टीम और देशवासियों की उम्मीदें उनसे और बढ़ गई हैं। क्रिकेट प्रेमियों को पूरा विश्वास है कि कामेंदु का यह प्रदर्शन सिर्फ शुरुआत है और आने वाले मैचों में वह और भी बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। श्रीलंकाई टीम को भी अपने इस उभरते हुए स्टार से बड़ी उम्मीदें हैं और टीम प्रबंधन मानता है कि वह भविष्य के महत्वपूर्ण मैचों में भी इसी तरह का योगदान देंगे।
श्रीलंका और इंग्लैंड के बीच इस दूसरे टेस्ट मैच ने न केवल रोमांच का स्तर बढ़ाया बल्कि नई प्रतिभाओं के उभरने का भी एक नया आयाम प्रस्तुत किया। कामेंदु मेंडिस की पारी ने न केवल श्रीलंकाई दर्शकों को खुशी दी बल्कि आज के युवा क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनी। इस प्रदर्शन से साफ है कि कामेंदु मेंडिस आने वाले समय में विश्व क्रिकेट के चमकते सितारों में से एक बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।