धवन का रिटायरमेंट: गब्बर ने कहा अलविदा
शिखर धवन ने शनिवार सुबह अपने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। भारतीय क्रिकेट के ये धुरंधर खिलाड़ी, जिन्हें मैदान पर ‘गब्बर’ के नाम से जाना जाता है, ने अपनी क्रिकेट यात्रा को समाप्त किया। धवन ने घोषणा के साथ ही एक चमचमाती क्रिकेट यात्रा को पीछे छोड़ते हुए, अपने भावनाओं को व्यक्त किया। वह मैदान के अंदर ‘गब्बर’ थे और मैदान के बाहर उन्होंने हमेशा हीरो वाली जिंदगी जी। चाहे उनके निजी जीवन में कितनी भी उथल-पुथल रही हो, उनके चेहरे पर कभी चिंता का भाव नहीं दिखा।
पिछले दो सालों में धवन की क्रिकेट यात्रा
शिखर धवन पिछले दो साल से टीम इंडिया से बाहर थे। उन्होंने टीम के लिए आखिरी वनडे 10 दिसंबर 2022 को खेला था, जबकि आखिरी टेस्ट 2018 और आखिरी टी20 मुकाबला 2021 में खेला। धवन ने कभी किसी पर कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि हमेशा टीम के युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया। शुभमन गिल के बारे में पूछे जाने पर, धवन ने कहा, “आज के समय में अगर मैं सेलेक्टर होता, तो शुभमन गिल को ही मौका देता।” यह उनकी उदारता और सकारात्मकता को दर्शाता है।
निजी जीवन में उथल-पुथल
पिछले दो सालों से शिखर धवन की निजी जिंदगी भी किसी कम तूफानी नहीं रही। शिखर धवन अपनी पत्नी आयशा से अलग हो चुके हैं, जिससे उनका इकलौता बेटा जोरावर भी उनसे दूर हो गया। आयशा और धवन की प्रेमकहानी का अंत विवादों के साथ हुआ। धवन ने अपनी पत्नी पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सदस्यों और साथी खिलाड़ियों को अपमानजनक संदेश भेजने का आरोप लगाया था, जिसे कोर्ट ने सही पाया था।
न्यायालय के फैसले
धवन का कहना था कि कोरोना के दौरान जब वह अपने पिता के साथ रहना चाहते थे, तब आयशा ने उन्हें अलग रहने पर मजबूर किया। आयशा ने धवन को उनकी बेटियों का भी खर्च वहन करने के लिए दबाव डाला। कोर्ट ने माना कि आयशा ने धवन को मानसिक तौर पर परेशान किया। इन्हीं कारणों से उनका तलाक फाइनल हुआ। धवन ने कोर्ट के बाहर कभी इस मुद्दे पर कोई विवादित बयान नहीं दिया।
भावुक पिता के रूप में धवन
धवन ने कई बार अपने बेटे जोरावर के लिए भावुक संदेश साझा किए, लेकिन अपनी पूर्व पत्नी को लेकर कभी कोई विवादित बात नहीं कही। उन्होंने हमेशा अपनी ज़िम्मेदारी निभाई और कभी अपने निजी जीवन की समस्याओं को सार्वजनिक नहीं किया।
आईपीएल के दौरान धवन की भूमिका
आईपीएल के दौरान भी धवन चोटिल हो गए थे, लेकिन उन्होंने अपनी टीम का हौंसला बढ़ाना जारी रखा। धवन के चेहरे पर कभी गुस्सा और दुख नहीं देखा गया। वह हमेशा एक हीरो की तरह दिखे, जो जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद हमेशा सकारात्मक और उत्साही रहे।
धवन का अद्वितीय अंदाज
शिखर धवन को उनके जिंदादिल अंदाज के लिए हमेशा सराहा जाता है। वह अपने हंसमुख और उज्ज्वल व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं। धवन का यह सकारात्मक दृष्टिकोण युवा खिलाड़ियों और फैंस के लिए प्रेरणास्त्रोत है। उन्होंने खेल में अपने प्रदर्शन से ही नहीं, बल्कि अपनी व्यक्तिगत यात्रा से भी कई दिल जीते हैं।
संघर्षमय जिंदगी में भी धवन की चमक
धवन की जिंदगी का यह संघर्षमय पहलू यह बताता है कि कैसे वे एक सच्चे हीरो हैं। एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में, जहां खिलाड़ियों की व्यक्तिगत और पेशेवर जिंदगी का परीक्षण होता रहता है, धवन ने हमेशा संयम, धैर्य और सकारात्मकता को प्राथमिकता दी है। यह उनके व्यक्तित्व और चरित्र की गहराई को दर्शाता है।
भविष्य की राह
शिखर धवन के रिटायरमेंट के बाद उनकी आगे की जिंदगी का रास्ता खुला है। उनके प्रशंसक उन्हें जीवन के नये अध्याय में सफलता की शुभकामनाएं देते हैं। धवन ने क्रिकेट के मैदान पर अपने शॉट्स और जिंदादिली से जो मिसाल कायम की है, वह उनकी विरासत का हिस्सा बन जाएगी।
शिखर धवन की यह कहानी केवल एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि एक जिंदादिल, संघर्षशील और अद्वितीय व्यक्तित्व की कहानी है। धवन का यह रिटायरमेंट उनकी शानदार क्रिकेट यात्रा का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है।