एक दर्दनाक अगस्त का दिन
एक अगस्त का दिन पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए कभी न भूलने वाला दर्द दे गया। तीन घंटे के अंदर एक के बाद एक भारत के मेडल के तीन बड़े दावेदार बाहर हो गए। इन तीन झटकों ने भारत के मेडल संख्या के दहाई के आंकड़े पहुंचने की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया। दो बार की वर्ल्ड चैंपियन निकहत जरीन, वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर सिफ्त कौर सामरा और एशियन गेम्स चैंपियन सात्विकसाईराज और चिराग शेट्टी मेडल की रेस के बाहर हो गए।
निकहत जरीन की असीम आशा का अंत
1 अगस्त को दोपहर ढाई बजे दो बार की वर्ल्ड चैम्पियन निकहत जरीन (50 किलो) के प्री क्वार्टर फाइनल में उतरीं और चीन की खिलाड़ी से मैच हार गईं। उन्हें एशियन गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट और टॉप सीड चीन की वू यू से 0-5 से अप्रत्याशित और एकतरफा हार मिली। निकहत को पेरिस ओलंपिक में वरीयता नहीं मिली थी क्योंकि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी महासंघ (आईबीए) को मान्यता नहीं देती जो विश्व चैम्पियनशिप कराता है।
सिफ्त कौर सामरा की हार
दोपहर तीन बजे सिफ्त कौर सामरा और अंजुम मुद्गिल 50 मीटर थ्री पॉजिशन राइफल इवेंट के क्वालिफायर में उतरीं। अपने दूसरे ओलंपिक में भाग ले रही अंजुम ने महिलाओं की 3पी स्पर्धा के क्वालीफिकेशन में 584 अंक हासिल किये जबकि सिफ्त ने 575 अंक जुटाये। सिफ्त कौर इस इवेंट में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर हैं। उन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। इसी कारण उनसे मेडल की उम्मीद थीं। क्वालिफिकेशन राउंड में अंजुम मुद्गिल के प्रदर्शन के बावजूद, सिफ्त कौर की निराशा भरी हार ने भारतीय दर्शकों को दुःखी कर दिया।
बैडमिंटन में उम्मीदें ध्वस्त
बैडमिंटन में पुरुषों के डबल्स वर्ग में मेडल जीतने का सपना टूट गया। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी क्वार्टर फाइनल में मलेशियाई जोड़ी से हार गई। भारतीय जोड़ी मलेशिया के आरोन चिया और सोह वूई यिक की जोड़ी के खिलाफ 21-13, 14-21, 16-21 से मैच गंवा बैठी। पूर्व वर्ल्ड नंबर जोड़ी सात्विक-चिराग फ्रेंच ओपन जीत चुके हैं और एशियन गेम्स मेडलिस्ट भी हैं। इसी कारण उनसे काफी उम्मीदें थी।
मेहनत और उम्मीदों का टूटना
तीनों खेलों में भारतीय खिलाड़ियों की मेहनत और उनके प्रदर्शन के बावजूद भी इन निराशाओं ने भारतीय दर्शकों को गहरा झटका दिया है। निकहत जरीन की एकतरफा हार, सिफ्त कौर सामरा की अविश्वासी हार और सात्विक-चिराग की जोड़ी का आखिरी दौर में ध्वस्त हो जाना, भारतीय स्पोर्ट्स फैंस की उम्मीदों को तोड़ गया।
आगे की राह
इन तीनों निराशाओं के बावजूद, भारतीय खिलाड़ियों को खुद को संभालना होगा और अगले ओलंपिक के लिए खुद को तैयार करना होगा। उनकी मेहनत और समर्पण को सराहा जाना चाहिए, और हमें उनसे उम्मीद रखनी चाहिए कि वे आने वाले समय में और बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
फैंस के लिए संदेश
भारतीय फैंस को इस निराशा भरे दिन के बाद भी अपने खिलाड़ियों का समर्थन जारी रखना चाहिए। उनकी जीत और हार दोनों ही हमारे समर्थन और प्रेम के हकदार हैं। निकहत जरीन, सिफ्त कौर सामरा और सात्विकसाईराज-चिराग शेट्टी जैसे खिलाड़ियों ने भारतीय ध्वज को ऊंचा करने के लिए जो भी प्रयास किए हैं, वह सम्मान के योग्य हैं।
इस तरह पेरिस ओलंपिक का यह दिन यादगार बन गया, हालांकि इसने हमें निराशा दी, लेकिन यह हमारे खिलाड़ियों के साहस और संघर्ष की कहानी भी है। हमें उम्मीद है कि आगे से बेहतर परिणाम आएंगे और भारत ओलंपिक में और गर्व महसूस करेगा।