पेरिस 2024: सिंधु का सफर जारी

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता, पीवी सिंधु ने बुधवार को महिला एकल में ग्रुप एम में शीर्ष स्थान हासिल कर पेरिस 2024 ओलंपिक के राउंड ऑफ 16 के लिए क्वालीफाई कर लिया। भारतीय बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने इसमें एस्टोनिया की क्रिस्टिन कुबा को 21-5, 21-10 के सीधे सेटों में हराकर अपने मजबूत प्रदर्शन का परिचय दिया।

सिंधु ने पिछले मुकाबलों में भी शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने पहले ग्रुप-स्टेज मैच में मालदीव की फथीमथ नबाहा अब्दुल रज्जाक को 21-9, 21-6 से हराया था। इस शानदार शुरुआत ने जेता के रूप में उन्हे जारी रखा और भारतीय प्रशंसकों की उम्मीदें फिर से जाग उठीं।

टोक्यो में प्रदर्शन का अनुकरण

पीवी सिंधु के लिए यह सफर टोक्यो 2021 में कांस्य पदक जीतने के बाद और भी महत्वपूर्ण हो गया है। 2016 के रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद, सिंधु ने यह साबित कर दिया कि वे किसी भी परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकती हैं। उनकी यह निरंतरता भारतीय खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी है।

ग्रुप एम में अपनी जीत के साथ, सिंधु अब राउंड ऑफ 16 में चीन की ही बिंग जियाओ से भिड़ेंगी, जो कि एक मुश्किल मुकाबला होगा। उनका यह मुकाबला और भी दिलचस्प इसलिए होगा क्योंकि टोक्यो ओलंपिक में दोनों के बीच कांस्य पदक का मैच हुआ था, जिसमें सिंधु ने 21-13, 21-15 से जीत दर्ज की थी।

राउंड ऑफ 16 और उसके आगे का सफर

सिंधु ने ग्रुप स्टेज में अपने प्रदर्शन से तो सबका दिल जीत ही लिया है, मगर अब चुनौती और भी कठिन हो गई है। राउंड ऑफ 16 में ही बिंग जियाओ को हराकर क्वार्टर फाइनल में पहुंचना उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा। उसके बाद सेमीफाइनल और फिर फाइनल में पहुंचकर वे भारत के लिए एक और मेडल सुनिश्चित कर सकती हैं।

राउंड ऑफ 16 में हारने पर सफर समाप्त हो जाएगा, लेकिन अगर वे सेमीफाइनल में हार जाती हैं तो भी ब्रॉन्ज मेडल का अस्तित्व बना रहेगा। सिंधु अगर यह तीन मुकाबले जीतती हैं तो पदक की गारंटी बन जाएगी, जिससे वे भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन जाएंगी जिनके नाम तीन ओलंपिक मेडल होंगे।

भारतीय खेलों में नया मील का पत्थर

अगर पीवी सिंधु यह मेडल हासिल करती हैं तो यह भारत के लिए एक महान उपलब्धि होगी। अब तक सुशील कुमार ने रेसलिंग में दो ओलंपिक मेडल (2008 और 2012) जीते हैं, लेकिन तीसरा मेडल जीतने वाली वे पहली भारतीय खिलाड़ी बन सकती हैं।

सिंधु के इस सफर में संघर्ष और मेहनत की कहानी छुपी है। वे सिर्फ अपनी जीत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के सपनों के लिए खेल रही हैं। उनके खेल पर पूरे देश की निगाहें हैं, और वे हर भारतीय का दिल जीत चुकी हैं।

समापन

पीवी सिंधु की ओलंपिक यात्रा पहले से ही प्रेरणादायक है, और अगर वे पेरिस 2024 में एक और मेडल जीतने में सफल होती हैं, तो यह भारतीय खेलों के इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जोड़ देगा। उनकी मेहनत, समर्पण, और खेल के प्रति उनकी लगन हमें यह संदेश देती है कि मेहनत और समर्पण के साथ किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। अब पूरा देश एक बार फिर उनकी जीत की उम्मीद में उनके समर्थन में खड़ा है। सिंधु के अगले मुकाबले में उनके उत्साह और आत्मविश्वास की जीत की सबको बहुत उम्मीद है।

By IPL Agent

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