पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले एथलीट्स अपनी तैयारी में जोश और उत्साह के साथ जुटे हुए हैं। खास बात यह है कि भारतीय दल में कुछ ऐसे खिलाड़ी भी शामिल हैं जो न केवल देश के लिए मेडल जीतने का संकल्प रखते हैं, बल्कि देश की रक्षा करने वाली सेना में भी अपनी सेवा दे रहे हैं। भारतीय सेनाएं हमेशा खेल को प्रोत्साहित करती रही हैं और इस ओलंपिक में भी इसका उदाहरण देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं उन खिलाड़ियों के बारे में जो भारतीय सेना का नाम रोशन करते हुए तिरंगा बुलंद करेंगे।
अविनाश साबले: स्टेपलचेज चैंपियन और सेना के नायाब सूबेदार
भारत के 3000 मीटर स्टेपलचेज एथलीट अविनाश साबले का सफर प्रेरणादायक है। उन्होंने 12वीं पास करने के बाद भारतीय सेना में प्रवेश लिया। वर्तमान में वह 5 महार रेजिमेंट में नायब सूबेदार के पद पर तैनात हैं। 2013-14 में सियाचीन में उनकी पोस्टिंग थी और उसके बाद उन्होंने राजस्थान और सिक्किम में भी सेवा दी। अविनाश ने एशियन गेम्स 2022 में स्टेपलचेज इवेंट में गोल्ड और 5000 मीटर में सिल्वर मेडल जीता है। अब उनका लक्ष्य पेरिस ओलंपिक में देश को और गौरवान्वित करना है।
नीरज चोपड़ा: गोल्डन ब्वॉय और सूबेदार
भारत के इकलौते गोल्ड मेडलिस्ट एथलीट नीरज चोपड़ा को कौन नहीं जानता। नीरज ने साल 2016 में सेना में प्रवेश लिया और राजपुताना राइफल्स का हिस्सा बने। टोक्यो ओलंपिक में उनके प्रदर्शन के बाद उन्हें नायब सूबेदार से प्रमोट करके सूबेदार की रैंक दी गई। नीरज को परम विशिष्ठ सेवा मेडल और विशिष्ठ मेडल से भी नवाज़ा गया है। पेरिस ओलंपिक में नीरज की भी निगाहें एक और गोल्ड मेडल पर हैं।
अमित पंघाल: बॉक्सिंग चैंपियन बस सेना के सूबेदार
भारतीय बॉक्सर अमित पंघाल भी सेना में सेवारत हैं। 2018 में सेना में भर्ती होने के बाद वह महार रेजिमेंट के 22 बाटालियन में सूबेदार बने। 2019 के एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में अमित गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। पेरिस ओलंपिक में अमित मेडल के प्रमुख दावेदार हैं।
जैसमीन लांबोरिया: पहली महिला बॉक्सर और सेना की हवलदार
भारतीय बॉक्सर जैसमीन लांबोरिया ने 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसी साल सेना में भर्ती होकर मिलिटरी पुलिस में हवलदार के पद पर कार्यरत हुईं। जैसमीन सेना से जुड़ी पहली महिला बॉक्सर हैं और पेरिस ओलंपिक में अपनी पहचान बनाने की ओर अग्रसर हैं।
तरुणदीप राय: तीरंदाज़ी के माहिर
भारतीय तीरंदाज तरुणदीप राय 24 सालों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। तरुणदीप ने 2004 में एथेंस ओलंपिक में अपने करियर की शुरुआत की थी और तब से ही कई ऐतिहासिक मेडल जीते हैं। गोरखा राइफ्ल्स में सूबेदार पद पर कार्यरत तरुणदीप को विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित किया गया है। पेरिस ओलंपिक में भी वह अपनी निशानेबाज़ी के सटीकता से दर्शकों को मोहित करेंगे।
प्रवीण जाधव: तीरंदाज़ और हवलदार
भारतीय तीरंदाज प्रवीण जाधव दूसरी बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे। वह 83 आरमर्ड रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं। गरीब परिवार से आने वाले प्रवीण का सपनों का सफर सेना के सहयोग से ही संभव हो पाया। उन्होंने सर्विसेज की तरफ से विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और सर्विसेज के इंस्टीट्यूट में प्रशिक्षण प्राप्त किया।
मोहम्मद अनस वाई: 4×400 मीटर रिले टीम के धावक
भारतीय एथलीट मोहम्मद अनस याहिया पेरिस ओलंपिक के लिए चुनी गई 4×400 मीटर पुरुष रिले टीम का हिस्सा हैं। अनस भारतीय नेवी से जुड़े हुए हैं और उनके करियर में भारतीय नेवी का अहम योगदान रहा है। अनस ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीते हैं और वह पेरिस ओलंपिक में अपनी टीम के साथियों के साथ जीत का सपना साकार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
अरोकिया राजीव: सूबेदार और रिले विशेषज्ञ
भारतीय एथलीट अरोकिया राजीव भी 4×400 मीटर पुरुष रिले टीम का हिस्सा हैं। राजीव भारतीय सेना का हिस्सा हैं और 8 मद्रास में सूबेदार के पद पर सेवा दे रहे हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी रिले स्पर्धाओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। पेरिस ओलंपिक में भी उनका योगदान महत्वपूर्ण रहेगा।
इस प्रकार पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के उन योद्धाओं का प्रदर्शन देखने को मिलेगा जो न केवल अपने खेल में माहिर हैं, बल्कि देश की सेवा करते हुए सेना की प्रतिष्ठा भी बढ़ा रहे हैं। यह सभी एथलीट अपने समर्पण और कठिन मेहनत से देश के लिए सम्मान और गौरव की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं।